इंदौर। देशभर में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रही है. साथ ही स्टार्टअप के लिए मदद भी कर रही है. केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए चिप टू स्टार्टअप योजना (Chip to Startup Scheme) के तहत इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Devi Ahilya University) के IIT विभाग के एक प्रोजेक्ट को चुना गया है. केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई सूची में देशभर के 30 संस्थानों का चयन किया गया है. जिसमें मध्य प्रदेश से एकमात्र देवी अहिल्या विश्वविद्यालय शामिल है.
प्रदेश के एकमात्र प्रोजेक्ट का हुआ चयन: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. अनिल शर्मा के अनुसार 'विश्वविद्यालय के आईईटी (IET) विभाग के प्रोफेसर वैभव नेमा द्वारा एक प्रोजेक्ट तैयार किया गया था. यह प्रोजेक्ट चिप की रिसर्च और ट्रेनिंग पर आधारित प्रोजेक्ट है. जिसे केंद्र सरकार को भेजा गया था. केंद्र सरकार द्वारा चिप टू स्टार्टअप योजना के तहत इस प्रोजेक्ट का चयन किया गया है'. डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि 'डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल होता है. मगर चिप की कमी की वजह से इस की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है. इसी को लेकर केंद्र सरकार ने भारत में सेमीकंडक्टर बनाने के लिए यह योजना शुरू की गई है जिसके लिए आईईटी विभाग के प्रोजेक्ट का चयन किया गया है'.
प्रोजेक्ट चयन पर 86 लाख रुपए का मिला अनुदान: डॉ. अनिल शर्मा के अनुसार 'केंद्र सरकार द्वारा चयन किए गए प्रोजेक्ट के लिए 86 लाख रुपए का अनुदान दिया है. यह एकमात्र प्रोजेक्ट है जिसका चयन मध्य प्रदेश से किया गया है'. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, प्रदेश का एकमात्र ए प्लस ग्रेड विश्वविद्यालय है. वहीं इस उपलब्धि के बाद प्रदेश भर में विश्वविद्यालय का नाम और भी आगे बढ़ रहा है. आने वाले दिनों में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय में कार्य योजना तैयार की जा रही है.
(Indore Achievement of DAVV) (DAVV Chip Startup Scheme)