शहडोल: सनातन शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि को बेहद खास माना गया है. पंचांग के अनुसार, हर महीने के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. माघ पूर्णिमा के दिन स्नान का बड़ा महत्व होता है. ऐसे में इस वर्ष कई लोग महाकुंभ में स्नान करने की सोच रहे होंगे, लेकिन अगर आप वहां नहीं जा पा रहे हैं, तो घर पर ही अमृत स्नान कर सकते हैं. ये भी पुण्यकारी होगा. इसके लिए बस कुछ बातों का ख्याल रखना होगा.
घर पर ऐसे करें अमृत स्नान
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "शास्त्रों में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन स्नान करके सूर्य को अर्घ देने से बहुत पुण्य मिलता है. माघ पूर्णिमा को प्रयागराज संगम में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. इस साल महाकुंभ के चलते प्रयागराज में भारी भीड़ है. ऐसे में जो व्यक्ति संगम नहीं जा पा रहा है, वो घर में भी अमृत स्नान कर सकता है. इसके लिए घर के साफ पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिला लें और मां गंगा को स्मरण करते हुए उस जल से स्नान कर लें. इस स्नान से भी उतना ही पुण्य मिलेगा."
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माघ पूर्णिमा में स्नान का मुहूर्त
पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं "माघ पूर्णिमा के दिन स्नान के लिए सुबह 4 बजे से लेकर के 6:30 बजे के बीच में विशेष मुहूर्त है. इस ढाई घंटे के दौरान स्नान करने से पूर्ण फल की प्राप्ति होगी. शुभ मुहूर्त में स्नान करने के बाद मां गंगा का स्मरण करें और सूर्य देव को अर्घ दें. इस दिन दान का भी महत्व होता है. इसलिए स्नान-प्रणाम के बाद जरूरतमंदों को दान भी कर सकते हैं. तिल के लड्डू का दान करने से पुण्य लाभ मिलता है. परिवार का कल्याण होता है. गंगा मैया की कृपा बरसती है."