ETV Bharat / city

लापरवाही पड़ न जाए भारी! आकाशीय बिजली से खतरे में ग्वालियर

ग्वालियर की ज्यादातर इमारतों में तड़ित चालक यंत्र नहीं लगाए गए हैं, ऐसे में बिल्डिंगों पर आकाशीय बिजली गिरने का खतरा बना रहता है, इसके बावजूद नगर निगम इसपर ध्यान नहीं दे रहा है, जबकि ऊंची इमारतों में तड़ित चालक लगाना जरुरी होता है.

Gwalior in danger due to lightning
नगर निगम की लापरवाही पड़ न जाए भारी
author img

By

Published : Jul 13, 2021, 11:25 AM IST

ग्वालियर। एक समय था जब मकानों के निर्माण में तड़ित चालक का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता था, चाहे मकान एक मंजिला हो, या बहुमंजिला, वहां तड़ित चालक लगाकर आकाशीय बिजली से सुरक्षा सुनिश्चित की जाती थी, पहले के निर्माण और वर्तमान के निर्माण में जमीन आसमान का अंतर है, लेकिन अब अधिकांश निर्माण आरसीसी और लोहे के सरियों से ही पूरे होते हैं.

आकाशीय बिजली से खतरे में ग्वालियर

अब इमारतों में नहीं लगाए जाते तड़ित चालक यंत्र

पुराने समय में पत्थरों के मकान हुआ करते थे, गारा और पत्थरों से इसका निर्माण होता था, उस समय तड़ित चालक यंत्र विशेष तौर पर लगवाया जाता था, लेकिन अब इमारतों के निर्माण का तरीका बदल गया है, सीमेंट, कंक्रीट, सरिया से अब बिल्डिंग बनाई जाती है, जिसमें अब ना तो अर्थिंग के लिए कोई अलग से व्यवस्था रहती है, और ना ही तड़ित चालक यंत्र लगाए जाते हैं.

नगर निगम नहीं दे रहा ध्यान

नगर निगम के भवन निर्माण में इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर की नियुक्ति सिर्फ यही देखने के लिए होती है कि तीन मंजिला और उससे अधिक ऊंचे निर्माणों में तड़ित चालक यंत्र की उपलब्धता है या नहीं, ग्वालियर में ऐसी तमाम इमारतें हैं, जहां तड़ित चालक नहीं लगे हैं, नगर निगम की ओर से इन्हें नोटिस भी नहीं दिया गया है.

इनमें ज्यादातर निर्माण नए हैं, इसके पीछे एक सोच यह भी बताई जाती है कि पहले मकानों में सरिए और आरसीसी का निर्माण नहीं होता था, इसलिए कई लोग तड़ित चालक यंत्र नहीं लगवा रहे हैं, ना ही अर्थिंग के लिए कोई इंतजाम कर रहे हैं.

कुछ पुराने मकानों में आज भी तड़ित चालक यंत्र लगे देखे जा सकते हैं, ग्वालियर ऐतिहासिक शहर है यहां रियासत कालीन इमारतों में तड़ित चालक लगे हैं, कई तड़ित चालक नॉन वर्किंग कंडीशन में हैं.

घर को सुरक्षित रखता है तड़ित चालक यंत्र

उत्तर प्रदेश और राजस्थान में जिस तरह से रविवार को आकाशीय बिजली गिरने से बड़ी संख्या में जनहानि हुई है, उसको देखते हुए भविष्य में ग्वालियर में भी तड़ित चालक यंत्र लगवाए जाने की जरूरत है, पुराने मकानों में अर्थिंग की व्यवस्था होने से हाई वोल्टेज और करंट फैलने से पहले ही अर्थिंग उसे डिस्कनेक्ट कर के मकान को सेफ्टी प्रदान करता था.

देश में आकाशीय बिजली का कहर: MP में 2 की मौत, देश भर में 20 से ज्यादा लोगों ने तोड़ा दम

आकाशीय बिजली से बचने का उपाय

मौसम खराब होने पर पेड़ के नीचे न खड़े हों

बिजली के खंबों और वृक्षों से दूर रहें

धात्विक वस्तुओं से भी दूरी बनाए रखें

विद्युत उपकरणों का उपयोग न करें

आपातस्थिति को छोड़कर मोबाइल, टेलीफोन का उपयोग न करें

किसी पहाड़ी की चोटी पर खड़े न रहें

ग्वालियर। एक समय था जब मकानों के निर्माण में तड़ित चालक का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता था, चाहे मकान एक मंजिला हो, या बहुमंजिला, वहां तड़ित चालक लगाकर आकाशीय बिजली से सुरक्षा सुनिश्चित की जाती थी, पहले के निर्माण और वर्तमान के निर्माण में जमीन आसमान का अंतर है, लेकिन अब अधिकांश निर्माण आरसीसी और लोहे के सरियों से ही पूरे होते हैं.

आकाशीय बिजली से खतरे में ग्वालियर

अब इमारतों में नहीं लगाए जाते तड़ित चालक यंत्र

पुराने समय में पत्थरों के मकान हुआ करते थे, गारा और पत्थरों से इसका निर्माण होता था, उस समय तड़ित चालक यंत्र विशेष तौर पर लगवाया जाता था, लेकिन अब इमारतों के निर्माण का तरीका बदल गया है, सीमेंट, कंक्रीट, सरिया से अब बिल्डिंग बनाई जाती है, जिसमें अब ना तो अर्थिंग के लिए कोई अलग से व्यवस्था रहती है, और ना ही तड़ित चालक यंत्र लगाए जाते हैं.

नगर निगम नहीं दे रहा ध्यान

नगर निगम के भवन निर्माण में इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर की नियुक्ति सिर्फ यही देखने के लिए होती है कि तीन मंजिला और उससे अधिक ऊंचे निर्माणों में तड़ित चालक यंत्र की उपलब्धता है या नहीं, ग्वालियर में ऐसी तमाम इमारतें हैं, जहां तड़ित चालक नहीं लगे हैं, नगर निगम की ओर से इन्हें नोटिस भी नहीं दिया गया है.

इनमें ज्यादातर निर्माण नए हैं, इसके पीछे एक सोच यह भी बताई जाती है कि पहले मकानों में सरिए और आरसीसी का निर्माण नहीं होता था, इसलिए कई लोग तड़ित चालक यंत्र नहीं लगवा रहे हैं, ना ही अर्थिंग के लिए कोई इंतजाम कर रहे हैं.

कुछ पुराने मकानों में आज भी तड़ित चालक यंत्र लगे देखे जा सकते हैं, ग्वालियर ऐतिहासिक शहर है यहां रियासत कालीन इमारतों में तड़ित चालक लगे हैं, कई तड़ित चालक नॉन वर्किंग कंडीशन में हैं.

घर को सुरक्षित रखता है तड़ित चालक यंत्र

उत्तर प्रदेश और राजस्थान में जिस तरह से रविवार को आकाशीय बिजली गिरने से बड़ी संख्या में जनहानि हुई है, उसको देखते हुए भविष्य में ग्वालियर में भी तड़ित चालक यंत्र लगवाए जाने की जरूरत है, पुराने मकानों में अर्थिंग की व्यवस्था होने से हाई वोल्टेज और करंट फैलने से पहले ही अर्थिंग उसे डिस्कनेक्ट कर के मकान को सेफ्टी प्रदान करता था.

देश में आकाशीय बिजली का कहर: MP में 2 की मौत, देश भर में 20 से ज्यादा लोगों ने तोड़ा दम

आकाशीय बिजली से बचने का उपाय

मौसम खराब होने पर पेड़ के नीचे न खड़े हों

बिजली के खंबों और वृक्षों से दूर रहें

धात्विक वस्तुओं से भी दूरी बनाए रखें

विद्युत उपकरणों का उपयोग न करें

आपातस्थिति को छोड़कर मोबाइल, टेलीफोन का उपयोग न करें

किसी पहाड़ी की चोटी पर खड़े न रहें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.