मुरैना: जिले में शनिवार से अनिश्चितकाल के लिए धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है. संघर्ष समिति ने विशाल धरना कैलारस शक्कर कारखाने के सामने आयोजित किया है, इसमें कांग्रेस विधायक सहित सभी अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए. धरना पर बैठे लोगों की मांग है कि कैलारस शक्कर कारखाने को चलाने, कर्मचारी और किसानों का बकाया भुगतान किया जाए. इसके साथ ही कारखाने की परिसंपत्तियों को नहीं बेचने और अनुदान की मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं.
सरकार करीबी को देना चाहती है जमीन
इस धरने में कांग्रेस पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी और बहुजन समाज पार्टी समेत आम आदमी पार्टी के नेता भी शामिल हैं. धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अशोक तिवारी ने कहा, " शक्कर कारखाना सहकारिता की धरोहर है. इसमें किसानों की हिस्सेदारी है. जिस प्रकार सरकार अन्य कारखानों को चालू करने के लिए रुपया दे रही है, उसी तरह कैलारस के कारखाने को भी चालू करने के लिए सरकार को पैसा देना चाहिए." कांग्रेस के पूर्व विधायक रविन्द्र सिंह तोमर ने कहा, " इस कारखाने ने हजारों किसान, मजदूरों और दुकानदारों को बहुत लाभ था, लेकिन आज यहां का युवा बाहर अन्य राज्यों में मजदूरी करने जा रहे हैं."
वहीं, विरोध प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बसपा नेता नंदलाल खरे ने कहा, "सरकार इस कारखाने को अपने लोगों को देना चाहती है. लेकिन हम शक्कर कारखाने की जमीन को बेचने नहीं देंगे, साथ ही हमारी पार्टी के और नेता भी इस धरने में शामिल होंगे."
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राजधानी भोपाल में भी होना चाहिए विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस नेता राजेंद्र यादव ने कहा, " जिस प्रकार मुरैना का बस स्टेंड खरीदा गया, उसी तरह कैलारस शक्कर कारखाने को खरीदना चाहते हैं. इस क्षेत्र की जनता चाहती है कि कारखाने को चलाई जाए. हमारी पार्टी और क्षेत्र की जनता आपके साथ है." जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विष्णु अग्रवाल ने कहा, शक्कर कारखाना अगर चालू होगा, तो सबको फायदा होगा.
साथ ही कांग्रेस के महासचिव जसवीर सिंह गुर्जर ने कहा, "शक्कर कारखाना जब चलता था, तब पूरे क्षेत्र के किसानों का गन्ना यहां आता था. किसानों की आवाज को बीजेपी दबाना चाहती है. बीजेपी के नेताओं को भी समझना चाहिए कि क्षेत्र की जनता बहुत परेशान है. उन्हें जनता का दर्द समझना चाहिए. अभी समय है सबको जागना पड़ेगा, सरकार लोगों की आवाज को दबाना चाहती है. एक धरना प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी होना चाहिए, ताकि पूरे प्रदेश की जनता देखें."