उज्जैन: उज्जैन शिव नवरात्रि के चतुर्थ दिवस संध्या पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर ने श्री घटाटोप स्वरुप धारण कर भक्तों को दर्शन दिए. भगवान श्री महाकालेश्वर को केसरी रंग के नवीन वस्त्र के साथ मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड-माला, छत्र आदि से सुसज्जित कर श्रृंगार किया गया. साथ ही भगवान श्री महाकालेश्वर को नागकुंडल एवं फलों की माला से सजाया गया.
श्री महाकालेश्वर 25 फरवरी तक अलग-अलग नौ रूपों में श्रद्धालुओं को देंगे दर्शन
गुरुवार को घटाटोप स्वरुप धारण कर भक्तों को दर्शन दिए. कल शुक्रवार 21 फरवरी 2025 को श्री महाकालेश्वर भगवान श्री छबीना स्वरूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे. उज्जैन श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि का उत्सव बड़ी धूम-धाम व उल्हास के साथ मनाया जाता है. इस दौरान श्री महाकालेश्वर 25 फरवरी तक अलग-अलग नौ रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे.
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श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मणों द्वारा श्री महाकालेश्वर जी का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया गया. पूजन का यह क्रम 25 फरवरी 2025 तक प्रतिदिन चलेगा. अपराह्न 3 बजे सांध्य पंचामृत पूजन के पश्चात श्री महाकालेश्वर भगवान ने निराकार से साकार रूप धारण किया.
दक्षिणमुखी श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से होती है मोक्ष की प्राप्ति
मान्यता है कि जो भी व्यक्ति दक्षिणमुखी श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. ज्योतिष शास्त्र में भी उज्जैन का विशेष महत्व है. इसके साथ ही श्री महाकालेश्वर मन्दिर के श्री गर्भगृह में माता पार्वती, भगवान श्री गणेश व श्री कार्तिकेय की मोहक प्रतिमाएं हैं. गर्भगृह के सामने विशाल कक्ष में श्री नंदीकेश्वर भगवान प्रतिमा विराजित हैं. साथ ही सम्पूर्ण मंदिर परिसर में श्री महाकालेश्वर भगवान के अतिरिक्त विभिन्न देवता विराजमान हैं.