ETV Bharat / city

सिंधिया पहुंचे मंसूर शाह बाबा की दरगाह, चढ़ाई चादर

बीजेपी राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को सिंधिया परिवार के परंपरागत देवघर में जाकर मंसूर शाह बाबा की दरगाह गद्दी पर पर पूजा अर्चना की.

Scindia reached the dargah of Mansoor Shah Baba kee gaddee
सिंधिया पहुंचे मंसूर शाह बाबा की दरगाह
author img

By

Published : Sep 4, 2020, 2:44 AM IST

ग्वालियर। बीजेपी से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर ग्वालियर में रहे. इस दौरान उन्होंने सिंधिया परिवार के परंपरागत देवघर में जाकर मंसूर शाह बाबा की दरगाह पर चादर चढ़ाई और प्रार्थना की. यह प्रार्थना सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक मानी जाती है.

मंसूर शाह बाबा की दरगाह महाराष्ट्र औरंगाबाद के पास बीड में है, यहां गद्दी के रूप में सिंधिया राजपरिवार ने उनका स्थान बनाया था. 200 साल पहले बाबा ने आधी रोटी और एक कपड़ा प्रसाद स्वरूप सिंधिया परिवार को दिया था. वह प्रसाद आज भी इस देव स्थान पर रखा हुआ है. कहते हैं कि इंसान की जरूरत तो रोटी और कपड़ा होती है, उसी डिब्बे और कपड़े को बाबा की गद्दी के रूप में देवघर में रखा गया है.

गद्दी के ठीक सामने एक चांदी का पलमग है, जिस पर चादर पोशी की जाती है. लगभग 8 पीढ़ियों से सिंधिया परिवार लगातार यहां पूजा करने आया है. सिंधिया परिवार से जो वर्तमान में मुखिया होता है उसको महल की राजपुरोहित विधि विधान से पूजा कराते हैं. पूजा करते समय चढ़ाया गया फूल जब तक अपने आप स्वयं नीचे नहीं गिर जाता तब तक पूजा समाप्त नहीं होती हैं.

ग्वालियर। बीजेपी से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर ग्वालियर में रहे. इस दौरान उन्होंने सिंधिया परिवार के परंपरागत देवघर में जाकर मंसूर शाह बाबा की दरगाह पर चादर चढ़ाई और प्रार्थना की. यह प्रार्थना सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक मानी जाती है.

मंसूर शाह बाबा की दरगाह महाराष्ट्र औरंगाबाद के पास बीड में है, यहां गद्दी के रूप में सिंधिया राजपरिवार ने उनका स्थान बनाया था. 200 साल पहले बाबा ने आधी रोटी और एक कपड़ा प्रसाद स्वरूप सिंधिया परिवार को दिया था. वह प्रसाद आज भी इस देव स्थान पर रखा हुआ है. कहते हैं कि इंसान की जरूरत तो रोटी और कपड़ा होती है, उसी डिब्बे और कपड़े को बाबा की गद्दी के रूप में देवघर में रखा गया है.

गद्दी के ठीक सामने एक चांदी का पलमग है, जिस पर चादर पोशी की जाती है. लगभग 8 पीढ़ियों से सिंधिया परिवार लगातार यहां पूजा करने आया है. सिंधिया परिवार से जो वर्तमान में मुखिया होता है उसको महल की राजपुरोहित विधि विधान से पूजा कराते हैं. पूजा करते समय चढ़ाया गया फूल जब तक अपने आप स्वयं नीचे नहीं गिर जाता तब तक पूजा समाप्त नहीं होती हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.