ग्वालियर। भले ही सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में विकास कार्य लगातार रफ्तार पकड़ रहे हैं, लेकिन आम लोगों की समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है. ताजा मामला ग्वालियर सीएम हेल्पलाइन का सामने आया है, जिसमें पिछले 10 दिन में ग्वालियर 33 से 47वें नंबर पर पहुंच गया है अचानक पेंडेंसी बढ़ने पर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अफसरों को तत्काल बंगले पर तलब किया है. (MP highest CM helpline pendency in Gwalior)
अधिकारियों पर होगी कार्रवाई: कलेक्टर जिन विभागों में पेंडेंसी ज्यादा थी उनके अफसरों को जमकर फटकार लगाई है और जल्द से जल्द अधिकारियों को सीएम हेल्पलाइन की पेंडेंसी को कम करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही अधिकारियों को कहा है कि अगर एक सप्ताह में निराकरण नहीं हुआ तो अधिकारियों पर कार्रवाई होना सुनिश्चित है.
शिकायतों के निपटारे में ग्वालियर छूटा पीछे: सीएम हेल्पलाइन की डिस्ट्रिक्ट परफॉर्मेंस डैशबोर्ड पर ग्वालियर जिला 47 वें नंबर पर आया था, जिसमें एक सप्ताह पहले 33वें तीसरे नंबर पर था. बात की जाए 7 जिलों की तो दतिया, भिंड, श्योपुर, गुना, मुरैना, शिवपुरी, अशोकनगर शिकायतों के निपटारे में ग्वालियर से आगे हैं क्योंकि 20 अप्रैल को प्रदेश के जिले की जो ग्रीटिंग जारी होनी है उसका आधार मार्च की शिकायतें रहेंगे.
सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों पर गंभीर नहीं बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज का प्रबंधन
शिकायतों में ये विभाग सबसे ऊपर: मार्च के आधार पर जो शिकायतें की सूची बनी उसमें खाद विभाग सबसे ऊपर निकला. मार्च में इस विभाग की 687 शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज हुई हैं, इनमें से 268 का निपटारा रविवार शाम तक हो चुका है. वहीं दूसरे नंबर पर राजस्व विभाग रहा था कि 641 शिकायतें मार्च में दर्ज हुई है राज्यसभा की सर्वाधिक शिकायतें ग्रामीण क्षेत्र की है.