ग्वालियर। पिछले एक सप्ताह से चंबल अंचल में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है.चंबल किनारे के 2 सौ से अधिक गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं. मतलब गांव में कोई भी ऐसा घर नहीं बचा है जिसमें 10 फीट तक पानी ना भरा हो. कई लोग गांव खाली करके जा चुके हैं. जो बचे हैं वे अपने घरों की छत पर बैठकर सरकारी मदद की आस लगाए हुए हैं. तबाही के मंजर से परेशान लोगों का हाल जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ग्राउंड जीरो पर चंबल इलाके के उस गांव में पहुंची जहां पूरा गांव टापू बन चुका है. यहां हर तरफ पानी ही पानी है और गांव में बचे हुए लोग घरों की छत पर बैठेकर जिंदगी जीने को मजबूर हैं. (MP Heavy Rain) (Gwalior Heavy Rain)
ग्वालियर बाढ़ की बर्बादी से छलका पीड़ितों का दर्द गांव के लोग हुए भावुक: छतों के ऊपर बैठे लोग आस लगाए हुए बैठे हैं कि, सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से उनकी मदद करने के लिए कोई आए, लेकिन पिछले 4 दिन से इस गांव में सरकार का एक भी व्यक्ति उनकी मदद करने के लिए नहीं पहुंचा. बड़ी मशक्कत के बाद ईटीवी भारत की टीम पानी को पार कर घर की छत पर पहुंची. यहां ग्रामीणों से बात की गई तो गांव के लोग भावुक हो गए. इस मंजर को देखकर और अपनी परेशानी बयां करते हुए महिलाओं की आंखों से आंसू छलक उठे.(Gwalior Water Logging)
राजनीति चमकाने का आरोप: अपना दर्द सुनाते हुए ग्रामीणों ने कहा की हम अब राम भरोसे हैं. सरकार की तरफ से हमें कोई मदद की आस दिखाई नहीं दे रही,क्योंकि पिछले साल इसी गांव में बाढ़ ने तबाही मचाई थी. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस गांव में आकर ऐलान कर गए थे कि, तत्काल मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक मुट्ठी भर अनाज भी नहीं मिल पाया है. अब सरकार से इस तबाही के मुआवजे के लिए कैसे उम्मीद की जाए. लोगों का कहना है कि, सरकार इस बार भी झूठ बोल रही है. यहां हर नेता सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए आता है. वादे करके चला जाता है. अब फिर नेताओं का आना शुरू हो गया है. वह लगातार बातें कर रहे हैं, लेकिन गांव वालों को उम्मीद कम ही है कि सरकार की तरफ से उन्हें इस बार भी कुछ मदद मिल पाएगी.
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एक साल बीतने के बाद भी नहीं मिला मुआवजा: पिछले साल ग्वालियर चंबल अंचल में बाढ़ ने तबाही मचाई थी. ग्वालियर चंबल अंचल के लगभग 2000 से अधिक ऐसे गांव थे जो बाढ़ से पूरी तरह तबाह हो चुके थे. इसके साथ ही ग्वालियर चंबल अंचल में 10000 करोड रुपए का नुकसान हुआ था. सैकड़ों मवेशी पानी में बह गए थे. 100000 हेक्टेयर से अधिक फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी. उस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि, तत्काल बाढ़ पीड़ितों को मदद दी जाएगी. मुआवजे के रूप में उसकी पूरी भरपाई की जाएगी, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी किसी भी तरह की कोई सरकारी मदद नहीं मिली है. (ETV Bharat Ground Report)