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Largest Sanitary Pad: ग्वालियर के केआरजी कॉलेज में बना 100 फिट का सेनेटरी पैड, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज होने की तैयारी - महिलाओं में मासिक धर्म

केआरजी कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने समाज के लोगों से चंदा इकट्ठा कर और अपनी पॉकेट मनी को खर्च कर 100 फीट लंबा सेनेटरी पैड बनाया है. ये सभी छात्र पिछले एक सप्ताह से लगातार मेहनत कर रहे थे. स्कूल प्रबंधक ने इस बड़े सेनिटरी पैड का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए भी अप्लाई किया है.

Largest Sanitary Pad
ग्वालियर में बना सबसे बड़ा सेनेटरी पैड
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Published : May 29, 2022, 5:20 PM IST

ग्वालियर। महिलाओं में माहवारी के दौरान सेनिटरी नैपकिन के इस्तेमाल के प्रति जागरूकता बढ़ाने को लेकर ग्वालियर में देश का सबसे बड़ा सेनिटरी पैड बनाया गया है. ग्वालियर की शासकीय केआरजी कॉलेज के 70 छात्र-छात्राओं ने 7 दिन में 100 फीट लम्बा और 15 फीट चौड़ा पैड बनाया है. इसे भारत का सबसे बड़ा सेनिटरी पैड कहा जा रहा है. स्कूल प्रबंधक ने इस बड़े सेनिटरी पैड का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए भी अप्लाई किया है. मासिक धर्म और हाइजीन को लेकर शासकीय केआरजी कॉलेज में ये बड़ा सैनिटरी पैड बनाया गया है.

इस बड़े सेनेटरी पैड को बनाने में 12 हजार 35 सेनेटरी पैड का उपयोग किया गया है. इसे शासकीय कॉलेज के 70 छात्र छात्राओं ने मिलकर बनाया है. इसमें बड़ी संख्या में पुरुष भी शामिल हुए. इस बड़े सेनेटरी पैड को बनाने में 2 हजार 35 छोटे सेनेटरी पैड का इस्तेमाल किया गया है. छात्र छात्राओं ने समाज के लोगों और अपनी पॉकेट मनी से इकट्ठा करके इसे बनाया है. ये सभी छात्र पिछले एक सप्ताह से लगातार मेहनत कर रहे थे. छात्र ने अपने हर दिन अपने सात घंटे का समय देकर इन्हें बनाया है.

- केआरजी प्रबंधक

100 फिट का सेनेटरी पैड: इस सैनेटरी पैड को बनाने में जितने भी पैड लगे हैं, छात्राएं इन सभी पैड को गांव में दान करेंगी. इसकी वजह से गांव में रहने वाली महिलाएं और किशोरियां इसका उपयोग करना शुरू कर दें. इससे वे हाइजीन रहते हुए स्वस्थ रह सकेंगी. इस कार्य के करने से छात्राएं गांव में रह रही महिलाओं को इसको लेकर जागरुक भी कर रहीं हैं. आज भी देश में 23 प्रतिशत छात्राएं मेंसुरेशन के दौरान स्कूली शिक्षा छोड़ने पर मजबूर हो जाती हैं.

ग्वालियर में खुला फ्री सेनेटरी पैड वाला बैंक, 20 मिलियन महिलाओं को जागरुक करने का लक्ष्य

गांव में अभी भी हालात ऐसे है कि महिलाएं और छात्राएं अपनी मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी पैड का उपयोग नहीं करते हैं, जिससे उन्हें कई बीमारियां होती है. इसी वजह से उन्हें जागरूक करने के लिए ये अभियान की शुरुआत की है. हर शनिवार को एक गांव में जाकर वहां की महिलाओं और युवतियों को सेनेटरी पैड का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेंगे, ताकि वे गंभीर बीमारियों से बच सकें.

- छात्राएं

ग्वालियर। महिलाओं में माहवारी के दौरान सेनिटरी नैपकिन के इस्तेमाल के प्रति जागरूकता बढ़ाने को लेकर ग्वालियर में देश का सबसे बड़ा सेनिटरी पैड बनाया गया है. ग्वालियर की शासकीय केआरजी कॉलेज के 70 छात्र-छात्राओं ने 7 दिन में 100 फीट लम्बा और 15 फीट चौड़ा पैड बनाया है. इसे भारत का सबसे बड़ा सेनिटरी पैड कहा जा रहा है. स्कूल प्रबंधक ने इस बड़े सेनिटरी पैड का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए भी अप्लाई किया है. मासिक धर्म और हाइजीन को लेकर शासकीय केआरजी कॉलेज में ये बड़ा सैनिटरी पैड बनाया गया है.

इस बड़े सेनेटरी पैड को बनाने में 12 हजार 35 सेनेटरी पैड का उपयोग किया गया है. इसे शासकीय कॉलेज के 70 छात्र छात्राओं ने मिलकर बनाया है. इसमें बड़ी संख्या में पुरुष भी शामिल हुए. इस बड़े सेनेटरी पैड को बनाने में 2 हजार 35 छोटे सेनेटरी पैड का इस्तेमाल किया गया है. छात्र छात्राओं ने समाज के लोगों और अपनी पॉकेट मनी से इकट्ठा करके इसे बनाया है. ये सभी छात्र पिछले एक सप्ताह से लगातार मेहनत कर रहे थे. छात्र ने अपने हर दिन अपने सात घंटे का समय देकर इन्हें बनाया है.

- केआरजी प्रबंधक

100 फिट का सेनेटरी पैड: इस सैनेटरी पैड को बनाने में जितने भी पैड लगे हैं, छात्राएं इन सभी पैड को गांव में दान करेंगी. इसकी वजह से गांव में रहने वाली महिलाएं और किशोरियां इसका उपयोग करना शुरू कर दें. इससे वे हाइजीन रहते हुए स्वस्थ रह सकेंगी. इस कार्य के करने से छात्राएं गांव में रह रही महिलाओं को इसको लेकर जागरुक भी कर रहीं हैं. आज भी देश में 23 प्रतिशत छात्राएं मेंसुरेशन के दौरान स्कूली शिक्षा छोड़ने पर मजबूर हो जाती हैं.

ग्वालियर में खुला फ्री सेनेटरी पैड वाला बैंक, 20 मिलियन महिलाओं को जागरुक करने का लक्ष्य

गांव में अभी भी हालात ऐसे है कि महिलाएं और छात्राएं अपनी मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी पैड का उपयोग नहीं करते हैं, जिससे उन्हें कई बीमारियां होती है. इसी वजह से उन्हें जागरूक करने के लिए ये अभियान की शुरुआत की है. हर शनिवार को एक गांव में जाकर वहां की महिलाओं और युवतियों को सेनेटरी पैड का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेंगे, ताकि वे गंभीर बीमारियों से बच सकें.

- छात्राएं

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