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Uma Bharti statement बंद पड़े मंदिरों को खोलने के लिए ASI से बातचीत जारी, अध्यादेश भी ला सकती है सरकार

उमा भारती ने कहा कि प्रदेश में बंद पड़े मंदिरों को खोलने की अनुमति देने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है. इस मामले पर उन्होंने शिवरात्रि तक जांच के बाद ऐसे मंदिरों को फिर से खोले जाने की बात कही है. उमा ने यह भी कहा कि अगर यह बातचीत किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाती है, तो प्रदेश सरकार इसके लिए अध्यादेश भी ला सकती है.Uma Bharti, Uma Bharti statement on temple, mp government bring ordinance

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बीजेपी नेता उमा भारती
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Published : Sep 9, 2022, 10:15 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों को शिवरात्रि तक खोल दिया जाएगा. बीजेपी नेता उमा भारती ने इसे लेकर गुरूवार को एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश के संस्कृति और पर्यटन के विभाग के अधिकारियों की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारियों के बीच बातचीत हुई है. इस मामले पर उन्होंने शिवरात्रि तक जांच के बाद ऐसे मंदिरों को फिर से खोले जाने पर विचार करने की बात कही है. उमा ने यह भी कहा कि अगर यह बातचीत किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाती है तो सरकार इसके लिए अध्यादेश भी ला सकती है.

अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है सरकार: उमा भारती रायसेन किले स्थित सोमेश्वर महादेव के मंदिर को खोले जाने को लेकर बड़ा आंदोलन कर चुकी हैं. इसे लेकर भगवान शंकर का अभिषेक ना कर पाने के चलते उन्होंने अन्न त्याग कर दिया था. इससे पहले भारती ने रायसेन के कलेक्टर को पत्र लिखकर मंदिर में जलाभिषेक की व्यवस्था करने को कहा था. भारती का पत्र मिलने के बाद रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे ने एएसआई को पत्र लिखकर मंदिर को खोले जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन एएसआई ने मंदिर को खोलने की अनुमति नहीं दी थी. इसी मामले का जिक्र करते हुए उमा भारती ने कहा कि उनकी एएसआई के अधीन बंद पड़े मंदिरों को खोले जाने के लिए सीएम से बात की है.इस मामले में सरकार और एएसआई के अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही है. उमा ने इस बात का भी जिक्र किया कि नतीजे न आने पर प्रदेश सरकार इसपर अध्यादेश भी ला सकती है. इसकी भी तैयारी की जा रही है.

Uma Bharti U TURN सीएम से बातचीत के बाद 2 अक्टूबर को होने वाला आंदोलन निरस्त, बोली-शराब MP की नहीं पूरे देश की समस्या

रायसेन किले में बंद शिव मंदिर के लिए किया था बड़ा आंदोलन: शिवरात्रि के मौके पर उमा भारती ने रायसेन किले में बंद भगवान सोमेश्वर महादेव के जलाभिषेक की इच्छा जताई थी, लेकिन मंदिर खोले जाने की अनुमति नहीं मिली थी. इस मंदिर के बारे में इतिहासकार राजीव लोचन चौबे बताते हैं कि अफगान शासक शेरशाह सूरी ने 1543 में धोखे से स्थानीय शासन पूरणमल को हरा दिया था और किले पर कब्जा कर लिया था. उसने मंदिर के पास ही एक मस्जिद का निर्माण कराया. तभी से इस जगह को लेकर विवाद है. किला और मंदिर दोनों पुरातत्व विभाग के अधीन हैं.इसे खोला नहीं जाता है. चौबे ने बताया कि 1947 के बाद से रायसेन का किला और मंदिर केंद्रीय पुरातत्व विभाग की देखरेख में है. तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी ने 1974 में एक जन आंदोलन के बाद महाशिवरात्रि के एक दिन यहां पूजा करने की अनुमति दी थी.

भोपाल। मध्य प्रदेश में पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों को शिवरात्रि तक खोल दिया जाएगा. बीजेपी नेता उमा भारती ने इसे लेकर गुरूवार को एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश के संस्कृति और पर्यटन के विभाग के अधिकारियों की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारियों के बीच बातचीत हुई है. इस मामले पर उन्होंने शिवरात्रि तक जांच के बाद ऐसे मंदिरों को फिर से खोले जाने पर विचार करने की बात कही है. उमा ने यह भी कहा कि अगर यह बातचीत किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाती है तो सरकार इसके लिए अध्यादेश भी ला सकती है.

अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है सरकार: उमा भारती रायसेन किले स्थित सोमेश्वर महादेव के मंदिर को खोले जाने को लेकर बड़ा आंदोलन कर चुकी हैं. इसे लेकर भगवान शंकर का अभिषेक ना कर पाने के चलते उन्होंने अन्न त्याग कर दिया था. इससे पहले भारती ने रायसेन के कलेक्टर को पत्र लिखकर मंदिर में जलाभिषेक की व्यवस्था करने को कहा था. भारती का पत्र मिलने के बाद रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे ने एएसआई को पत्र लिखकर मंदिर को खोले जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन एएसआई ने मंदिर को खोलने की अनुमति नहीं दी थी. इसी मामले का जिक्र करते हुए उमा भारती ने कहा कि उनकी एएसआई के अधीन बंद पड़े मंदिरों को खोले जाने के लिए सीएम से बात की है.इस मामले में सरकार और एएसआई के अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही है. उमा ने इस बात का भी जिक्र किया कि नतीजे न आने पर प्रदेश सरकार इसपर अध्यादेश भी ला सकती है. इसकी भी तैयारी की जा रही है.

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रायसेन किले में बंद शिव मंदिर के लिए किया था बड़ा आंदोलन: शिवरात्रि के मौके पर उमा भारती ने रायसेन किले में बंद भगवान सोमेश्वर महादेव के जलाभिषेक की इच्छा जताई थी, लेकिन मंदिर खोले जाने की अनुमति नहीं मिली थी. इस मंदिर के बारे में इतिहासकार राजीव लोचन चौबे बताते हैं कि अफगान शासक शेरशाह सूरी ने 1543 में धोखे से स्थानीय शासन पूरणमल को हरा दिया था और किले पर कब्जा कर लिया था. उसने मंदिर के पास ही एक मस्जिद का निर्माण कराया. तभी से इस जगह को लेकर विवाद है. किला और मंदिर दोनों पुरातत्व विभाग के अधीन हैं.इसे खोला नहीं जाता है. चौबे ने बताया कि 1947 के बाद से रायसेन का किला और मंदिर केंद्रीय पुरातत्व विभाग की देखरेख में है. तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी ने 1974 में एक जन आंदोलन के बाद महाशिवरात्रि के एक दिन यहां पूजा करने की अनुमति दी थी.

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