नीमच। सोमवार को हुए विवाद के बाद जिला प्रशासन ने कचहरी परिसर में स्थापित हनुमानजी की मूर्ति को हटा दिया है. पुलिस प्रशासन ने मूर्ति को नीमच सिटी के पुराने थाना परिसर में स्थित मंदिर में स्थापित कर मंदिर में ताला लगा दिया है. इसे लेकर हिंदू संगठन में आक्रोश पैदा हो गया है. बुधवार शाम पांच बजे सड़क पर हनुमानजी की महा आरती की गई. मूर्ति स्थापना को लेकर जिला प्रशासन को कल नीमच शहर बंद करने की चेतावनी दी है. इस मामले में नीमच विधायक ने प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई करने को कहा है. विधायक दिलीप परिहार की मांग है कि जिस भूमि पर विवाद है वह शासकीय है. ऐसे में यदि एक पक्ष को हटाया गया है तो दूसरे को भी हटाया जाना चाहिए.
थाना परिसर में स्थापित हुए हनुमान जी: इस पूरे मामले में कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि 1936 के राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक पुरानी कचहरी में एक लक्ष्मी नारायण का मंदिर और दो दरगाह हैं. वर्तमान में जो मूर्ति रखी गई वह विवाद होने से दो दिन पूर्व हो रखी गई थी. इसकी प्रशासन से कोई अनुमति नही ली गई थी. कलेक्टर ने कहा कि कुछ लोंगों द्वारा विवाद फैलाने के उद्देश्य से यह काम किया गया था. विवाद होने के बाद प्रशासन ने मंगलवार को विधिवत पूजा अर्चना कर हनुमान जी की मूर्ति को नीमच सिटी पुराना थाना परिसर में स्थित मंदिर में स्थापित किया है.
चरणबद्ध आंदोलन करेंगे हिंदू संगठन: मंदिर से हनुमान जी मूर्ति हटाने के बाद हिंदू संगठनों ने चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है. सर्व समाज और हिंदू संगठनों की बैठक में इस बात का फैसला लिया है कि अब प्रशासन ही सम्मान के साथ पुनः मूर्ति की स्थापना करवाएगा.चरणबद्ध आंदोलन के दौरान प्रशासन को जगाने के लिए शहर में हनुमान चालीसा पाठ किए जाएंगे. शुक्रवार को नीमच बंद करने का भी ऐलान किया गया है.
प्रशासन ने दबाव में लिया फैसला: इस पूरे मामले पर हिंदू संगठनों और हिंदू समाज के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि बीते 20 वर्षों से हिंदू समाज का धर्मस्थल नीमच सिटी में मौजूद है, जहां बालाजी महाराज की मूर्ति खंडित हो गई थी, जिसकी पुनः प्राण प्रतिष्ठा की जा रही थी. इसी दौरान कुछ असामाजिक तत्वों और प्रशासन की लापरवाही से बीते सोमवार को यहां विवाद की स्थिति बन गई थी. जिसके बाद प्रशासन ने एक पक्ष के दबाव में आकर हनुमान जी महाराज की मूर्ति हटा दी. जिसे लेकर समाज के लोगों और हिंदू संगठनों में खासा आक्रोश है.