भोपाल। मध्य प्रदेश में इस समय नाम परिवर्तन करने की सियासत तेज हो गई है, और इस सियासत में व्यापम भी शामिल हो गया है. व्यापमं का नाम पहले व्यावसायिक परीक्षा मंडल था, उसके बाद उसको प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड बनाया गया, और अब इसका नाम बदलकर कर्मचारी चयन आयोग किया गया है. व्यापम घोटाला मध्य प्रदेश के इतिहास में सबसे चर्चित घोटाला है. बार-बार इसका नाम परिवर्तित होने से यह चर्चाओं में आ जाता है. वहीं इसका फैसला कैबिनेट बैठक में शुक्रवार को लिया गया था, इसके बाद शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है. (Professional Examination Board name changed)
कमलनाथ का व्यापमं पर ट्वीट
कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया कि पहले व्यापमं का नाम बदलकर मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल किया गया, और अब एक बार फिर नाम बदल कर मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड कर दिया गया है, इसके साथ ही बोर्ड को तकनीकी शिक्षा विभाग से लेकर सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन कर दिया गया है. आगे उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए कहा कि शिवराज सरकार कुछ भी कर ले लेकिन व्यापमं के दाग कभी धुलने वाले नहीं हैं. व्यापमं का पाप कभी छिपने वाला नहीं है. व्यापमं का फर्जीवाड़ा लोग कभी भूलने वाले नहीं है. (Staff Selection Commission Kamal Nath tweeted)
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शिवराज सरकार कुछ भी कर ले लेकिन व्यापमं के दाग कभी धुलने वाले नहीं है , व्यापमं का पाप कभी छुपने वाला नहीं है , व्यापमं का फर्जीवाड़ा लोग कभी भूलने वाले नहीं है।
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ऐसा लग रहा है कि नाम बदलकर ,एक बार फिर नया फर्जीवाड़ा करने की तैयारी है।
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लेकिन शिवराज सरकार कुछ भी कर ले , व्यापमं के दाग व पाप कभी धुलने वाले नहीं है।
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लेकिन शिवराज सरकार कुछ भी कर ले , व्यापमं के दाग व पाप कभी धुलने वाले नहीं है।ऐसा लग रहा है कि नाम बदलकर ,एक बार फिर नया फर्जीवाड़ा करने की तैयारी है।
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लेकिन शिवराज सरकार कुछ भी कर ले , व्यापमं के दाग व पाप कभी धुलने वाले नहीं है।
व्यापमं घोटाले से हुई है प्रदेश की बदनामी
मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रवेश और भर्ती परीक्षाओं के लिए व्यवसायिक परीक्षा मंडल सरकारी एजेंसी है. इसमें हुई गड़बड़ियों के कारण व्यापमं घोटाला हुआ था. इससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तीसरे कार्यकाल की काफी बदनामी हुई थी, और हजारों की संख्या में लोग इसके घेरे में आए थे. देश-विदेश में इससे मध्य प्रदेश की बदनामी भी हुई थी. व्यवसायिक परीक्षा मंडल की छवि धूमिल हो गई थी. व्यवसायिक परीक्षा मंडल के घोटाले की खबरों के बाद सरकार ने इसका नाम अंग्रेजी के अनुवाद के मुताबिक प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) भी किया था, लेकिन हिंदी में उसकी पहचान व्यापमं ही बनी हुई थी. कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब इसे पूरी तरह से बदलकर कर्मचारी चयन बोर्ड कर दिया गया है.