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SC के निर्देश के बाद भी जानकारी नहीं दे रहे निजी स्कूल, सिर्फ 515 स्कूलों ने पोर्टल पर डाली फीस डिटेल

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Published : Oct 14, 2021, 10:10 PM IST

तमाम स्कूल संचालकों नें स्टूडेंट्स के परिजनों से वसूली गई फीस को अपने पोर्टल पर अपलोड़ नहीं किया है. हजारों स्कूल संचालक SC के आदेश के बावजूद ऐसा करने में आनाकानी कर रहे हैं. इस मामले में कोर्ट ने भी अपनी नाराजगी जताई है.

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SC के निर्देश के बाद भी जानकारी नहीं दे रहे निजी स्कूल

जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद निजी स्कूल संचालकों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है. तमाम स्कूल संचालकों नें स्टूडेंट्स के परिजनों से वसूली गई फीस को अपने पोर्टल पर अपलोड़ नहीं किया है. हजारों स्कूल संचालक SC के आदेश के बावजूद ऐसा करने में आनाकानी कर रहे हैं. इस मामले में कोर्ट ने भी अपनी नाराजगी जताई है.

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SC के निर्देश के बाद भी जानकारी नहीं दे रहे निजी स्कूल
संभाग में 5749, जिले में करीब 1500 स्कूलस्कूल फीस को लेकर SC के जारी किए गए निर्देश 2020 के तहत कलेक्टर की अध्यक्षता में फीस के लिए एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया था. जिसमे सभी निजी स्कूलों को एजुकेशन पोर्टल में फीस संबधित जानकारी अनिवार्य रूप से अपलोड करना था. जबलपुर संभाग में करीब 5749 निजी स्कूल है जिसमे से 3500 स्कूलों के संचालक इससे संबंधित जानकारी देने में चुप्पी साधे हुए हैं. वही अकेल जबलपुर जिले में 1022 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने किस मद में कितनी फीस वसूली जा रही है और ट्यूशन फीस कितनी है इससे संबंधित जानकारी भी पोर्टल में अपलोड़ नहीं की है.
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SC के निर्देश के बाद भी जानकारी नहीं दे रहे निजी स्कूल


यह है पूरा मामला
आपको बता दें कि कोरोना काल में स्कूल संचालित ना होने के बाद भी निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से मनमानी फीस वसूल की जा रही थी, जिसे लेकर परिजनों ने नाराजगी जताई और न्यायालय व शिक्षा विभाग के दरवाजे खटखटाए,कोर्ट ने अधिकांश स्कूलों द्वारा पूरी फीस को ट्यूशन फीस में समाहित किया गया, शिकायत के बाद स्कूलों से फीस की जानकारी अपलोड करने के निर्देश न्यायालय द्वारा जारी किए गए थे.

अभी तक सिर्फ 515 स्कूलो ने दी है जानकारी
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द फीस संबधित जानकारी निजी स्कूलों के द्वारा अपलोड करवाई जाए. जिसमे जबलपुर जिले में अभी तक 1022 स्कूलो में से सिर्फ 515 से स्कूलों ने ही जानकारी अपलोड की है,जबकि बाकी स्कूल अभी शिक्षा विभाग को जानकारी देने में आनाकानी कर रहे हैं. शिक्षा विभाग ने सख्ती से उन्हें कोर्ट के निर्देश का पालन करने को कहा है.

जबलपुर संभाग के स्कूलों की स्थिति

जिलास्कूलजानकारी दी
जबलपुर1022515
कटनी714220
नरसिंहपुर516237
मंडला297150
सिवनी633321
डिंडोरी29272
बालाघाट914426
छिंदवाड़ा886 436



11 अक्टूबर तक अपलोड होना थी 100% जानकारी
प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को 11 अक्टूबर तक फीस सबंधित 100% जानकारी शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना था, लेकिन 14 अक्टूबर तक कई जिलों में ये आंकड़ा 60 से 70% तक ही पहुँच सका है. जानकारी देने में आनाकानी करने वाले स्कूल संचालकों को लोक शिक्षण आयुक्त ने एक पत्र लिखा है. इसमें रायसेन, धार, शिवपुरी ,सीधी, अशोकनगर,सतना, भिंड, इंदौर, खरगोन और गुना में 35% से भी कम स्कूलों ने जानकारी अपलोड की है जिसपर आयुक्त ने खेद जताया है. साथ ही चेतावनी देते हुए पूछा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में रुचि क्यों नहीं दिखाई जा रही है.

जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद निजी स्कूल संचालकों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है. तमाम स्कूल संचालकों नें स्टूडेंट्स के परिजनों से वसूली गई फीस को अपने पोर्टल पर अपलोड़ नहीं किया है. हजारों स्कूल संचालक SC के आदेश के बावजूद ऐसा करने में आनाकानी कर रहे हैं. इस मामले में कोर्ट ने भी अपनी नाराजगी जताई है.

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SC के निर्देश के बाद भी जानकारी नहीं दे रहे निजी स्कूल
संभाग में 5749, जिले में करीब 1500 स्कूलस्कूल फीस को लेकर SC के जारी किए गए निर्देश 2020 के तहत कलेक्टर की अध्यक्षता में फीस के लिए एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया था. जिसमे सभी निजी स्कूलों को एजुकेशन पोर्टल में फीस संबधित जानकारी अनिवार्य रूप से अपलोड करना था. जबलपुर संभाग में करीब 5749 निजी स्कूल है जिसमे से 3500 स्कूलों के संचालक इससे संबंधित जानकारी देने में चुप्पी साधे हुए हैं. वही अकेल जबलपुर जिले में 1022 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने किस मद में कितनी फीस वसूली जा रही है और ट्यूशन फीस कितनी है इससे संबंधित जानकारी भी पोर्टल में अपलोड़ नहीं की है.
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SC के निर्देश के बाद भी जानकारी नहीं दे रहे निजी स्कूल


यह है पूरा मामला
आपको बता दें कि कोरोना काल में स्कूल संचालित ना होने के बाद भी निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से मनमानी फीस वसूल की जा रही थी, जिसे लेकर परिजनों ने नाराजगी जताई और न्यायालय व शिक्षा विभाग के दरवाजे खटखटाए,कोर्ट ने अधिकांश स्कूलों द्वारा पूरी फीस को ट्यूशन फीस में समाहित किया गया, शिकायत के बाद स्कूलों से फीस की जानकारी अपलोड करने के निर्देश न्यायालय द्वारा जारी किए गए थे.

अभी तक सिर्फ 515 स्कूलो ने दी है जानकारी
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द फीस संबधित जानकारी निजी स्कूलों के द्वारा अपलोड करवाई जाए. जिसमे जबलपुर जिले में अभी तक 1022 स्कूलो में से सिर्फ 515 से स्कूलों ने ही जानकारी अपलोड की है,जबकि बाकी स्कूल अभी शिक्षा विभाग को जानकारी देने में आनाकानी कर रहे हैं. शिक्षा विभाग ने सख्ती से उन्हें कोर्ट के निर्देश का पालन करने को कहा है.

जबलपुर संभाग के स्कूलों की स्थिति

जिलास्कूलजानकारी दी
जबलपुर1022515
कटनी714220
नरसिंहपुर516237
मंडला297150
सिवनी633321
डिंडोरी29272
बालाघाट914426
छिंदवाड़ा886 436



11 अक्टूबर तक अपलोड होना थी 100% जानकारी
प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को 11 अक्टूबर तक फीस सबंधित 100% जानकारी शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना था, लेकिन 14 अक्टूबर तक कई जिलों में ये आंकड़ा 60 से 70% तक ही पहुँच सका है. जानकारी देने में आनाकानी करने वाले स्कूल संचालकों को लोक शिक्षण आयुक्त ने एक पत्र लिखा है. इसमें रायसेन, धार, शिवपुरी ,सीधी, अशोकनगर,सतना, भिंड, इंदौर, खरगोन और गुना में 35% से भी कम स्कूलों ने जानकारी अपलोड की है जिसपर आयुक्त ने खेद जताया है. साथ ही चेतावनी देते हुए पूछा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में रुचि क्यों नहीं दिखाई जा रही है.

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