जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद निजी स्कूल संचालकों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है. तमाम स्कूल संचालकों नें स्टूडेंट्स के परिजनों से वसूली गई फीस को अपने पोर्टल पर अपलोड़ नहीं किया है. हजारों स्कूल संचालक SC के आदेश के बावजूद ऐसा करने में आनाकानी कर रहे हैं. इस मामले में कोर्ट ने भी अपनी नाराजगी जताई है.
यह है पूरा मामला
आपको बता दें कि कोरोना काल में स्कूल संचालित ना होने के बाद भी निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से मनमानी फीस वसूल की जा रही थी, जिसे लेकर परिजनों ने नाराजगी जताई और न्यायालय व शिक्षा विभाग के दरवाजे खटखटाए,कोर्ट ने अधिकांश स्कूलों द्वारा पूरी फीस को ट्यूशन फीस में समाहित किया गया, शिकायत के बाद स्कूलों से फीस की जानकारी अपलोड करने के निर्देश न्यायालय द्वारा जारी किए गए थे.
अभी तक सिर्फ 515 स्कूलो ने दी है जानकारी
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द फीस संबधित जानकारी निजी स्कूलों के द्वारा अपलोड करवाई जाए. जिसमे जबलपुर जिले में अभी तक 1022 स्कूलो में से सिर्फ 515 से स्कूलों ने ही जानकारी अपलोड की है,जबकि बाकी स्कूल अभी शिक्षा विभाग को जानकारी देने में आनाकानी कर रहे हैं. शिक्षा विभाग ने सख्ती से उन्हें कोर्ट के निर्देश का पालन करने को कहा है.
जबलपुर संभाग के स्कूलों की स्थिति
जिला | स्कूल | जानकारी दी |
जबलपुर | 1022 | 515 |
कटनी | 714 | 220 |
नरसिंहपुर | 516 | 237 |
मंडला | 297 | 150 |
सिवनी | 633 | 321 |
डिंडोरी | 292 | 72 |
बालाघाट | 914 | 426 |
छिंदवाड़ा | 886 | 436 |
11 अक्टूबर तक अपलोड होना थी 100% जानकारी
प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को 11 अक्टूबर तक फीस सबंधित 100% जानकारी शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना था, लेकिन 14 अक्टूबर तक कई जिलों में ये आंकड़ा 60 से 70% तक ही पहुँच सका है. जानकारी देने में आनाकानी करने वाले स्कूल संचालकों को लोक शिक्षण आयुक्त ने एक पत्र लिखा है. इसमें रायसेन, धार, शिवपुरी ,सीधी, अशोकनगर,सतना, भिंड, इंदौर, खरगोन और गुना में 35% से भी कम स्कूलों ने जानकारी अपलोड की है जिसपर आयुक्त ने खेद जताया है. साथ ही चेतावनी देते हुए पूछा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में रुचि क्यों नहीं दिखाई जा रही है.