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अप्रैल से शुरू होगी एमबीबीएस की हिंदी में पढ़ाई, फाउंडेशन कोर्स में इन महापुरुषों को किया गया शामिल - एमपी के शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि, अप्रैल से हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की जाएगी. फाउंडेशन कोर्स में एक विषय मूल्य आधारित जीवन जीना पढ़ाया जाएगा, जिसमें उन महापुरुषों के बारे में बताया जाएगा जिन्होंने समाज के लिए बहुत कुछ किया है. (mbbs education start in hindi from april)

mbbs education start in hindi from april
एमपी में अप्रैल से शुरू होगी एमबीबीएस की हिंदी में पढ़ाई
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Published : Feb 25, 2022, 10:50 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में अब एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी होगी, इसी साल अप्रैल से इसकी शुरुआत होने जा रही है. इसे लेकर भोपाल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में करने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो गया है. इसके बाद एक वर्ष पूरे होने पर अन्य मेडिकल कॉलेज में भी इसे शुरू किया जाएगा. क्लास में सभी टीचर्स को हिंदी भाषा का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं. मेडिकल एजुकेशन के फाउंडेशन कोर्स में हेडगेवार, दीनदयाल, विवेकानंद, गांधी, भीमराव आंबेडकर और डॉ. अब्दुल कलाम के बारे में पढ़ाया जाएगा. (mbbs education start in hindi from april)

एमपी में अप्रैल से शुरू होगी एमबीबीएस की हिंदी में पढ़ाई

फाउंडेशन कोर्स में महापुरुषों के बारे में बताया जाएगाः सारंग
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मीडिया से कहा कि, फाउंडेशन कोर्स में एक विषय मूल्य आधारित जीवन जीना पढ़ाया जाएगा, जिसमें अनेक महापुरुषों के बारे में बताया जाएगा. इन महापुरुषों में वह लोग शामिल किए जाएंगे जिन्होंने समाज के लिए बहुत कुछ किया है. उन्होंने यह भी कहा कि, इसमें मेडिकल लैंग्वेज में यूज होने वाले शब्दों को उसी रूप में देवलिपि में पढ़ाया जाएगा. फिलहाल भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज से इसकी शुरुआत होगी, जिसमें दो महीने का कोर्स हिंदी में पढ़ाने के लिए किताबें छापी जाएंगी.

एमपी में कोरोना मामलों में आई गिरावट, अब केवल एक वार्ड रहेगा कोविड मरीजों के लिए रिजर्व

दो महीने के कोर्सों के लिए किताबों छापी जा रहीः सारंग
सारंग ने बताया कि जीएमसी फर्स्ट ईयर के छात्रों के तीन विषय बायोकेमिस्ट्री, एनाटॉमी, फिजियोलॉजी को हिंदी में रूपांतरित किया जा रहा है. अभी शुरू के दो महीने के कोर्स के लिए किताबों की छपाई होगी, फिर जब दो महीने के कोर्स हो जाएंगे, उसके पहले ही अगले दो महीने की किताबें छापी जाएंगी. सारंग के अनुसार, हिंदी में कांटेक्ट डेवलपमेंट कोर्स मैटेरियल तैयार करने के लिए उच्च स्तरीय हिंदी पाठ्यक्रम निर्धारित समिति का गठन किया गया है. जिसमें मेडिकल कॉलेज की टीम के साथ ही डॉक्टर मौजूद हैं.

लेक्चर को डिजिटल करने का प्रयास
सारंग ने कहा कि विद्यार्थियों की सुविधा के लिए हिन्दी लेक्चर के ऑडियो-वीडियो बनाकर यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया जायेगा. उन्होंने कहा कि, मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जिसने इस नवाचार की शुरूआत की. देवनागरी का उपयोग कर विद्यार्थियों को टूल और प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जा रहा है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में अब एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी होगी, इसी साल अप्रैल से इसकी शुरुआत होने जा रही है. इसे लेकर भोपाल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में करने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो गया है. इसके बाद एक वर्ष पूरे होने पर अन्य मेडिकल कॉलेज में भी इसे शुरू किया जाएगा. क्लास में सभी टीचर्स को हिंदी भाषा का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं. मेडिकल एजुकेशन के फाउंडेशन कोर्स में हेडगेवार, दीनदयाल, विवेकानंद, गांधी, भीमराव आंबेडकर और डॉ. अब्दुल कलाम के बारे में पढ़ाया जाएगा. (mbbs education start in hindi from april)

एमपी में अप्रैल से शुरू होगी एमबीबीएस की हिंदी में पढ़ाई

फाउंडेशन कोर्स में महापुरुषों के बारे में बताया जाएगाः सारंग
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मीडिया से कहा कि, फाउंडेशन कोर्स में एक विषय मूल्य आधारित जीवन जीना पढ़ाया जाएगा, जिसमें अनेक महापुरुषों के बारे में बताया जाएगा. इन महापुरुषों में वह लोग शामिल किए जाएंगे जिन्होंने समाज के लिए बहुत कुछ किया है. उन्होंने यह भी कहा कि, इसमें मेडिकल लैंग्वेज में यूज होने वाले शब्दों को उसी रूप में देवलिपि में पढ़ाया जाएगा. फिलहाल भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज से इसकी शुरुआत होगी, जिसमें दो महीने का कोर्स हिंदी में पढ़ाने के लिए किताबें छापी जाएंगी.

एमपी में कोरोना मामलों में आई गिरावट, अब केवल एक वार्ड रहेगा कोविड मरीजों के लिए रिजर्व

दो महीने के कोर्सों के लिए किताबों छापी जा रहीः सारंग
सारंग ने बताया कि जीएमसी फर्स्ट ईयर के छात्रों के तीन विषय बायोकेमिस्ट्री, एनाटॉमी, फिजियोलॉजी को हिंदी में रूपांतरित किया जा रहा है. अभी शुरू के दो महीने के कोर्स के लिए किताबों की छपाई होगी, फिर जब दो महीने के कोर्स हो जाएंगे, उसके पहले ही अगले दो महीने की किताबें छापी जाएंगी. सारंग के अनुसार, हिंदी में कांटेक्ट डेवलपमेंट कोर्स मैटेरियल तैयार करने के लिए उच्च स्तरीय हिंदी पाठ्यक्रम निर्धारित समिति का गठन किया गया है. जिसमें मेडिकल कॉलेज की टीम के साथ ही डॉक्टर मौजूद हैं.

लेक्चर को डिजिटल करने का प्रयास
सारंग ने कहा कि विद्यार्थियों की सुविधा के लिए हिन्दी लेक्चर के ऑडियो-वीडियो बनाकर यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया जायेगा. उन्होंने कहा कि, मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जिसने इस नवाचार की शुरूआत की. देवनागरी का उपयोग कर विद्यार्थियों को टूल और प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जा रहा है.

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