भोपाल। मध्य प्रदेश में रामनवमी के मौके पर खरगोन में हुए उपद्रव के बाद अब पुलिस ने आगामी त्योहारों को लेकर पूरी रणनीति तैयार कर ली है. कोई भी शरारती तत्व त्योहारों के दौरान शांति भंग ना कर सके, इसके लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर निगरानी की जा रही है. डीजीपी सुधीर सक्सेना ने सभी जोन के महानिरीक्षकों की बैठक लेकर उन्हें जरूरी दिशानिर्देश जारी किए. आने वाले दिनों में ईद, अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती इत्यादि त्योहारों का आयोजन होना है. इसको लेकर पुलिस ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है.
मध्यप्रदेश में पुलिस हाई अलर्ट पर: इर्द, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के त्योहारों को देखते हुए कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे, ऐसे मौके पर पुलिस हमेशा ही मुस्तैद रहती है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से मध्यप्रदेश में छोटी-छोटी बात पर विवाद, हिंसा और दंगे हुए हैं, उसको देखते हुए पुलिस ने अब पूरे मध्यप्रदेश में ही अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने सभी जोनल अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक व महानिदेशक एवं इंदौर और भोपाल पुलिस आयुक्त की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली.
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डीजीपी ने ली वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक: डीजीपी की बैठक में एडीजी आदर्श कटारिया, आईजी साजिद फरीद भी उपस्थित रहे. बीजेपी ने आगामी त्योहारों पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी हिदायतें देते हुए कहा कि सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाले लोगों को चिन्हित कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करें. इसके अलावा इन त्योहारों पर निकलने वाले जुलूसों की वीडियोग्राफी व सीसीटीवी कैमरे से निगरानी करें. सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर तत्काल कार्यवाही करें.
डीजीपी ने दिए विशेष निर्देश: डीजीपी सुधीर सक्सेना ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वह सभी समुदाय के गणमान्य और प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ शांति समिति की बैठक आयोजित करें. ताकि सभी धार्मिक आयोजनों में सहृदयता और सौहार्द पूर्वक माहौल बना रहे. डीजीपी ने कहा कि इन त्योहारों पर धार्मिक स्थलों के आसपास पुलिस व्यवस्था रखें, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जुलूस मार्ग पर लगे सभी वीडियो सीसीटीवी कैमरे दुरस्थ हों, साथ ही पुलिस वाहनों पर लगे सर्विलेंस सिस्टम का प्रभावी उपयोग करें. सभी आयोजनों पर नजर रखने के लिए जरूर तथा सभी आयोजनों की वीडियोग्राफी कराएं. पेट्रोलिंग के साथ-साथ ड्रोन कैमरे के माध्यम से निगरानी करें तथ तथा धार्मिक स्थलों के आसपास संदिग्ध लोगों पर कड़ी नजर रखें. सोशल मीडिया की भी लगातार मॉनिटरिंग कराएं, यदि कोई भड़काऊ पोस्ट या भाषण सामने आता है, तो तत्काल उस पर कार्रवाई करें.