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15 सितंबर से अधूरी तैयारियों के बीच खुलेंगे कॉलेज, ETV Bharat ने जानी Ground report

कॉलेजों में कक्षाएं ऑफलाइन होंगी या ऑनलाइन इसे लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. वहीं प्राध्यापक संघ ने भी सरकार से उन्हें ऑनलाइन कक्षाएं होने पर स्मार्टफोन दिए जाने की मांग भी की है.

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15 सितंबर से अधूरी तैयारियों के बीच खुलेंगे कॉलेज
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Published : Sep 13, 2021, 5:20 PM IST

Updated : Sep 14, 2021, 10:53 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में कक्षा 6 से 12 तक के स्कूल खोले जाने के बाद अब कॉलेज भी खुलने जा रहे हैं. सरकार ने 15 सितंबर बुधवार से कॉलेज खोले जाने की तैयारी कर ली है. हालांकि सरकार की यह तैयारी अभी अधूरी ही दिखाई देती है. क्योंकि कॉलेजों में कक्षाएं ऑफलाइन होंगी या ऑनलाइन इसे लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. वहीं प्राध्यापक संघ ने भी सरकार से उन्हें ऑनलाइन कक्षाएं होने पर स्मार्टफोन दिए जाने की मांग भी की है. प्रोफेसर्स का कहना है कि वे खुद के मोबाइल से कैसे पढ़ाएंगे, क्या सरकार उन्हें इसका खर्चा देगी इसे लेकर भी अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.

कॉलेजों में कैसे होगा SOP का पालन ?
तीसरी लहर की आशंका के बीच स्कूलों के बाद अब कॉलेज भी खोले जा रहे हैं. 15 सितंबर से कॉलेजों में कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी. कॉलेजों को कोविड नियमों का पालन करना होगा, साथ ही सरकार द्वारा जारी sop के तहत भी छात्रों को भी कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा. ईटीवी भारत की टीम में भोपाल के सरकारी कॉलेजों का जायजा लिया, तो यहां पर कोई भी तैयारी नजर नहीं आई. रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे स्टूडेंट्स बिना सोशल डिस्टेंसिंग के यहां वहां ग्रुप्स में घूमते नजर आए, जिनमें से कई लोगों ने तो मास्क भी नहीं पहना हुआ था. खास बात ये थी इनको ऐसा करने से रोकने वाला भी कोई नहीं था. कॉलेज के गेट पर भी कोविड गाइडलाइन को फॉलो किए जाने को लेकर कोई इंस्ट्रक्शन नहीं थे और पूरे कॉलेज परिसर में सैनेटाइजर की एक भी बोतल नहीं थी. स्टूडेंट्स का सिटिंग अरेंजमेंट भी बहुत करीब था. ऐसा नजारा भोपाल के किसी एक कॉलेज का नहीं बल्कि एमवीएम, सोफिया, नूतन और हमीदिया कॉलेज में भी यही स्थिति थी. वहीं कॉलेज के प्राचार्य भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते नजर आए.

कई प्रोफेसर्स के पास नहीं है स्मार्ट मोबाइल
मध्य प्रदेश प्राध्यापक संघ ने कॉलेज खोने जाने की सरकार की मंशा पर ही सवाल उठाए हैं.संघ के प्रदेश कहते हैं कि सरकार कॉलेज खोल रही है यह अच्छी बात है, लेकिन अधूरी तैयारियों के साथ कॉलेज खोलना ठीक नहीं है. कॉलेजों में पर्याप्त इंतजाम नहीं है. सरकार ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने की बात कह रही है, लेकिन यह मुश्किल होगा क्योंकि कई कॉलेजों में प्राध्यापकों के पास अलग से कोई स्मार्टफोन नहीं है. वह अपने खुद के स्मार्टफोन से बच्चों को क्यों पढ़ाएगा, क्या सरकार उसका भुगतान करेगी. कैलाश त्यागी कहते हैं कि सरकार एक ओर तो DA नहीं बढ़ा रही है, जबकि दूसरी ओर वह मोबाइल डाटा का अतिरिक्त बोझ डाल रही है.



कॉलेज प्राध्यापकों की परेशानियां और कॉलेजों में कोरोना गाइड लाइन का इंतजाम न होने की तस्वीरें हमने आपको दिखाईं. ऐसे में 15 तारीख से कॉलेज खोले जाने का सरकार का फैसला कितना सही साबित होता है यह तो कॉलेजों में स्टूडेंट्स की उपस्थिति और कोरोना गाइड लाइन के पालन को लेकर की जाने वाली तैयारियों पर निर्भर करेगा.

भोपाल। मध्य प्रदेश में कक्षा 6 से 12 तक के स्कूल खोले जाने के बाद अब कॉलेज भी खुलने जा रहे हैं. सरकार ने 15 सितंबर बुधवार से कॉलेज खोले जाने की तैयारी कर ली है. हालांकि सरकार की यह तैयारी अभी अधूरी ही दिखाई देती है. क्योंकि कॉलेजों में कक्षाएं ऑफलाइन होंगी या ऑनलाइन इसे लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. वहीं प्राध्यापक संघ ने भी सरकार से उन्हें ऑनलाइन कक्षाएं होने पर स्मार्टफोन दिए जाने की मांग भी की है. प्रोफेसर्स का कहना है कि वे खुद के मोबाइल से कैसे पढ़ाएंगे, क्या सरकार उन्हें इसका खर्चा देगी इसे लेकर भी अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.

कॉलेजों में कैसे होगा SOP का पालन ?
तीसरी लहर की आशंका के बीच स्कूलों के बाद अब कॉलेज भी खोले जा रहे हैं. 15 सितंबर से कॉलेजों में कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी. कॉलेजों को कोविड नियमों का पालन करना होगा, साथ ही सरकार द्वारा जारी sop के तहत भी छात्रों को भी कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा. ईटीवी भारत की टीम में भोपाल के सरकारी कॉलेजों का जायजा लिया, तो यहां पर कोई भी तैयारी नजर नहीं आई. रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे स्टूडेंट्स बिना सोशल डिस्टेंसिंग के यहां वहां ग्रुप्स में घूमते नजर आए, जिनमें से कई लोगों ने तो मास्क भी नहीं पहना हुआ था. खास बात ये थी इनको ऐसा करने से रोकने वाला भी कोई नहीं था. कॉलेज के गेट पर भी कोविड गाइडलाइन को फॉलो किए जाने को लेकर कोई इंस्ट्रक्शन नहीं थे और पूरे कॉलेज परिसर में सैनेटाइजर की एक भी बोतल नहीं थी. स्टूडेंट्स का सिटिंग अरेंजमेंट भी बहुत करीब था. ऐसा नजारा भोपाल के किसी एक कॉलेज का नहीं बल्कि एमवीएम, सोफिया, नूतन और हमीदिया कॉलेज में भी यही स्थिति थी. वहीं कॉलेज के प्राचार्य भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते नजर आए.

कई प्रोफेसर्स के पास नहीं है स्मार्ट मोबाइल
मध्य प्रदेश प्राध्यापक संघ ने कॉलेज खोने जाने की सरकार की मंशा पर ही सवाल उठाए हैं.संघ के प्रदेश कहते हैं कि सरकार कॉलेज खोल रही है यह अच्छी बात है, लेकिन अधूरी तैयारियों के साथ कॉलेज खोलना ठीक नहीं है. कॉलेजों में पर्याप्त इंतजाम नहीं है. सरकार ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने की बात कह रही है, लेकिन यह मुश्किल होगा क्योंकि कई कॉलेजों में प्राध्यापकों के पास अलग से कोई स्मार्टफोन नहीं है. वह अपने खुद के स्मार्टफोन से बच्चों को क्यों पढ़ाएगा, क्या सरकार उसका भुगतान करेगी. कैलाश त्यागी कहते हैं कि सरकार एक ओर तो DA नहीं बढ़ा रही है, जबकि दूसरी ओर वह मोबाइल डाटा का अतिरिक्त बोझ डाल रही है.



कॉलेज प्राध्यापकों की परेशानियां और कॉलेजों में कोरोना गाइड लाइन का इंतजाम न होने की तस्वीरें हमने आपको दिखाईं. ऐसे में 15 तारीख से कॉलेज खोले जाने का सरकार का फैसला कितना सही साबित होता है यह तो कॉलेजों में स्टूडेंट्स की उपस्थिति और कोरोना गाइड लाइन के पालन को लेकर की जाने वाली तैयारियों पर निर्भर करेगा.

Last Updated : Sep 14, 2021, 10:53 PM IST

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