भोपाल। सरकारें आम आदमी और किसानों की आय दोगुनी करने में भले ही पूरी तरह सफल न हो पाई हों. लेकिन मध्य प्रदेश के चुनावी समर में चुनाव लड़ रहे मंत्रियों और नेताओं ने अपनी आय का जो विवरण दिया है. उसमें मध्यप्रदेश के मंत्री खेती से ही अपनी आय दोगुनी करने में सफल रहे हैं. 28 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे अधिकांश मंत्रियों की आय का जरिया खेती है, बावजूद इसके उनकी संपत्ति में खासा इजाफा हुआ है.
दल बदलकर बीजेपी में आए और अब जनता की अदालत में चुनावी किस्मत आजमा रहे करीब एक दर्जन मंत्रियों की संपत्ति में 40 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. तो राजघराने से ताल्लुक रखने वाले राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की संपत्ति में सबसे ज्यादा बढोत्तरी हुई. जबकि सबसे कम राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया और ब्रजेन्द्र सिंह यादव की संपत्ति दो साल में सिर्फ 4 लाख ही बढ़ी.
उपचुनाव लड़ रहे मंत्रियों ने नामाकंन के दौरान जमा किए हलफनामे में मंत्रियों की संपत्ति में इजाफा हुआ, जो कुछ इस तरह है.
- मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की संपत्ति 3 करोड़ 79 लाख रुपए बढ़ी
- मंत्री बिसाहूलाल की संपत्ति में 1 करोड़ 80 लाख रुपए का इजाफा हुआ
- मंत्री तुलसी सिलावट की संपत्ति में 2 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ
- मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की संपत्ति में 1.50 करोड़ रुपए की बढोत्तरी हुई
- मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की संपत्ति 1 करोड़ 33 लाख रुपए तक बढ़ी
नोटः तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने जब हलफनाम जमा किया था. तब वे मंत्री थे. लिहाजा उनकी संपत्ति मंत्री पद के अनुसार ही मानी गयी. दोनों नेताओं ने मंत्री पद से इस्तीफा हलनामा जमा करने के बाद दिया है.
इन मंत्रियों की संपत्ति में पिछले दो साल में करोड़ों रुपए का इजाफा हुआ तो कुछ मंत्रियों की संपत्ति में लाखों रुपए की बढ़ोत्तरी हुई.
- मंत्री ऐंदल सिंह कंसाना की संपत्ति 86 लाख रुपए बढ़ी
- मंत्री इमरती देवी की संपत्ति में 84 लाख रुपए का इजाफा हुआ
- मंत्री प्रभुराम चौधरी की संपत्ति में भी 50 लाख की बढ़ोत्तरी हुई
- मंत्री गिर्राज डण्डौतिया की संपत्ति भी 44 लाख रुपए बढ़ी
- मंत्री हरदीप सिंह डंग की संपत्ति 29 लाख रुपए तक बढ़ी
- राज्यमंत्री ब्रजेन्द्र सिंह यादव की संपत्ति 5 लाख तक बढ़ी
- राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया की संपत्ति 4 लाख रुपए बढ़ी
बीजेपी ने किया मंत्रियों का बचाव
इन मंत्रियों की बढ़ी हुई संपत्ति पर बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने उनका बचाव किया. बीजेपी प्रवक्ता का कहना था कि भारत देश में पेतृक संपत्ति सभी के पास होती है. लेकिन जब कोई व्यक्ति राजनीति में आता है और विधायक मंत्री बनता है तो उसको वेतन और अन्य सुविधाएं भी मिलती है. लेकिन खेती और अन्य कार्यों के जरिए उनकी संपत्ति बढ़ती है.
कांग्रेस ने साधा निशाना
हालांकि इन नेताओं की बढ़ी हुई संपत्ति पर कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता निशाना साधते हुए कहते है कि इन मंत्रियों की आय का जरिया खेती है. लेकिन किसान बने इन मंत्रियों की खेती बढ़ गयी. लेकिन प्रदेश के किसान कर्ज के चलते आत्महत्या करने को मजबूर है. अब ऐसे में तो ये मंत्री ही बता सकते हैं कि उनकी संपत्ति इतनी कैसे बढ़ गयी.
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डबलिंग फार्मर्स इनकम कमेटी की रिपोर्ट
खास बात यह है कि डबलिंग फार्मर्स इनकम कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदे्श में किसानों की वार्षिक आय 1 लाख 16 हजार 788 है. इस हिसाब से देखा जाए तो प्रदेश का हर किसान 9 हजार 731 रुपए कमाता है. यानि इसी खेती से किसानों आय नहीं बढ़ पाती लेकिन नेताओं की आज जरुर बढ़ जाती है.
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नेता कुछ भी कहे, लेकिन नेताओं और मंत्रियों की बढ़ी हुई यह संपत्ति का असली विवरण तो वे ही जान सकते हैं. बड़ा सवाल यह है कि इन्ही मंत्रियों के पास बड़े-बड़े विभाग होते हैं. जिनके पास आम लोगों और किसानों की आय बढ़ाने की जिम्मेदारी होती है. लेकिन उनकी आय तो नहीं बढ़ती मंत्रियों की आय में बढ़ोत्तरी जरुर हो जाती है. हालांकि मंत्री और विधायकों को कई सुविधाएं भी मिलती है, रहने के लिए सरकार बंगला मिलता है, मुफ्त पानी, बिजली, हवाई यात्रा के अलावा टेलीफोन तक की सुविधा दी जाती है. लेकिन इनकी संपत्ति कैसे इतनी बढ़ जाती है कि इसकी जानकारी तो ये मंत्री ही दे सकते हैं.