ETV Bharat / city

कोरोना की जद में तेजी से क्यों आ रहे हैं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी, जानिए वजह - कोविड-19 भोपाल

मध्य प्रदेश में कोरोना का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है, चिंता की बात यह है कि राजधानी भोपाल में कोरोना के जो मामले आ रहे हैं. उनमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. जिससे प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा है.

bhopal and indore news
सब पर भारी कोरोना काल
author img

By

Published : Apr 13, 2020, 11:30 AM IST

Updated : Apr 13, 2020, 7:48 PM IST

भोपाल/इंदौर। मध्य प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है, प्रदेश में हर दिन कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. इंदौर और भोपाल में कोरोना के बढ़ते मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. राजधानी भोपाल में तो कई आईएएस अधिकारियों को भी कोरोना ने अपनी जद में ले लिया. तो लोगों की मौत के मामले में इंदौर के बढ़ते आंकड़े चिंता का सबब बनते जा रहे हैं.

सब पर भारी 'कोरोना काल'

स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा है. अब तक भोपाल में स्वास्थ्य विभाग के 47 अधिकारी और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को गाइडलाइन के मुताबिक क्वॉरेंटाइन किया गया. तो 17 पुलिसकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव हैं. बात अगर इंदौर की करें तो यहां कोरोना संक्रमितों और मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, इंदौर में कोरोना के संक्रमण की मृत्यु दर 10.73 फीसदी है. ये आंकड़े चिंता इसलिए बढ़ा रहे हैं कि इंदौर में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय दर से कहीं ज्यादा है.

बिगड़ते जा रहे हैं इंदौर के हालात

इंदौर में अब तक कोरोना से 33 लोगों की मौत हो चुकी है, अब बड़ा सवाल ये है कि कोविड-19 से डॉक्टर भी संक्रमित हो रहे हैं. डॉक्टर शत्रुघ्न पंजवानी की मौत कोविड-19 के संक्रमण से हुई. जो देशभर में कोरोना के चलते किसी डॉक्टर की पहली मौत थी. इसके अलावा एक अन्य डॉक्टर ने भी कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया.

दिन-रात मरीजों के इलाज में जुटे स्वास्थ्यकर्मी

स्वास्थ्यकर्मी कोरोना की जद में तेजी से क्यों आ रहे हैं, इसका कारण उन पर पड़ रहा अतिरिक्त दबाव माना जा रहा है. हमीदिया अस्पताल के डॉक्टर अरुण कुमार ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मी दिन रात काम कर रहे हैं, जिससे वो खुद पर ही ध्यान नहीं दे पा रहे. भोपाल और इंदौर शहर को कई जोन में बांट दिया गया है, जहां लोगों का चेकअप करना, संक्रमितों को क्वॉरेंटाइन करना और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी स्वाथ्यकर्मियों पर ही है.

यानि स्वाथ्यकर्मियों पर बढ़ा बोझ, उन्हें खुद ही संक्रमित कर रहा है. इसके अलावा प्रदेश में पीपीई किट भी पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाईं. जिससे स्वास्थ्यकर्मियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा. मतलब कोरोना से बचाने वाले स्वास्थ्यकर्मी खुद इसकी जद में आते जा रहे हैं. ऐसे में जरूरत है स्वास्थ्य कर्मियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराए जाने की. ताकि इस कोरोना के कहर से जल्द से जल्द निजात मिल सके.

भोपाल/इंदौर। मध्य प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है, प्रदेश में हर दिन कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. इंदौर और भोपाल में कोरोना के बढ़ते मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. राजधानी भोपाल में तो कई आईएएस अधिकारियों को भी कोरोना ने अपनी जद में ले लिया. तो लोगों की मौत के मामले में इंदौर के बढ़ते आंकड़े चिंता का सबब बनते जा रहे हैं.

सब पर भारी 'कोरोना काल'

स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा है. अब तक भोपाल में स्वास्थ्य विभाग के 47 अधिकारी और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को गाइडलाइन के मुताबिक क्वॉरेंटाइन किया गया. तो 17 पुलिसकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव हैं. बात अगर इंदौर की करें तो यहां कोरोना संक्रमितों और मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, इंदौर में कोरोना के संक्रमण की मृत्यु दर 10.73 फीसदी है. ये आंकड़े चिंता इसलिए बढ़ा रहे हैं कि इंदौर में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय दर से कहीं ज्यादा है.

बिगड़ते जा रहे हैं इंदौर के हालात

इंदौर में अब तक कोरोना से 33 लोगों की मौत हो चुकी है, अब बड़ा सवाल ये है कि कोविड-19 से डॉक्टर भी संक्रमित हो रहे हैं. डॉक्टर शत्रुघ्न पंजवानी की मौत कोविड-19 के संक्रमण से हुई. जो देशभर में कोरोना के चलते किसी डॉक्टर की पहली मौत थी. इसके अलावा एक अन्य डॉक्टर ने भी कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया.

दिन-रात मरीजों के इलाज में जुटे स्वास्थ्यकर्मी

स्वास्थ्यकर्मी कोरोना की जद में तेजी से क्यों आ रहे हैं, इसका कारण उन पर पड़ रहा अतिरिक्त दबाव माना जा रहा है. हमीदिया अस्पताल के डॉक्टर अरुण कुमार ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मी दिन रात काम कर रहे हैं, जिससे वो खुद पर ही ध्यान नहीं दे पा रहे. भोपाल और इंदौर शहर को कई जोन में बांट दिया गया है, जहां लोगों का चेकअप करना, संक्रमितों को क्वॉरेंटाइन करना और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी स्वाथ्यकर्मियों पर ही है.

यानि स्वाथ्यकर्मियों पर बढ़ा बोझ, उन्हें खुद ही संक्रमित कर रहा है. इसके अलावा प्रदेश में पीपीई किट भी पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाईं. जिससे स्वास्थ्यकर्मियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा. मतलब कोरोना से बचाने वाले स्वास्थ्यकर्मी खुद इसकी जद में आते जा रहे हैं. ऐसे में जरूरत है स्वास्थ्य कर्मियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराए जाने की. ताकि इस कोरोना के कहर से जल्द से जल्द निजात मिल सके.

Last Updated : Apr 13, 2020, 7:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.