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'सरकार के डर से लोग चुप हैं' : मौत तो ऑक्सीजन की कमी से ही हुई है - ऑक्सीजन की कमी से मौत

भोपाल के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से 6 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है. अस्पताल वाले खुद भी ये बात मान रहे हैं. उनका कहना है कि ऑक्सीजन की भारी कमी है, लेकिन सरकार के डर से ज्यादातर लोग चुप हैं.

six patients died
'सरकार के डर से लोग चुप हैं'
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Published : Apr 13, 2021, 5:04 PM IST

भोपाल। राजधानी में ऑक्सीजन की कमी के चलते 24 घंटे में 6 कोरोना मरीजों की मौत हो गई. एक निजी अस्पताल प्रबंधन ने खुद इस बात को माना है कि ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो रही है. राज्य सरकार कितने भी दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों की पोल खोल देती है. हाॅस्पिटल प्रबंधन ने सरकार से मांग की है कि ऑक्सीजन की सप्लाई जल्द बढ़ाएं, नहीं तो हालात काबू से बाहर हो जाएंगे.

'सरकार के डर से लोग चुप हैं' : मौत तो ऑक्सीजन की कमी से ही हुई है

ऑक्सीजन की कमी से 6 कोरोना मरीजों की मौत

एक निजी अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है. हर रोज 90 सिलेंडर की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 30 सिलेंडर ही मिल पा रहे हैं. पिछले 24 घंटे में हमारे दो अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से छह मरीजों की जान जा चुकी है.

'सरकार के डर से खुलकर नहीं बोल रहे'

यही हालत ज्यादातर अस्पतालों की है. सरकार के डर से कोई खुलकर नहीं बोल पा रहा है. अस्पताल के प्रवक्ता के मुताबिक पिछले 7 दिनों में अस्पताल में ऑक्सीजन का कोई डीलर नहीं आया है. पहले डीलर अपनी ही गाड़ी में खुद ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आता था. पिछले 10 दिनों से ऑक्सीजन के लिए हाॅस्पिटल की तीन एम्बुलेंस को लगाया गया है. अब एंबुलेंस भी ऑक्सीजन लाने - ले जाने के काम में लग गई हैं.

धार: ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के जरिये मरीजों की चलाई जा रही 'सांसें'

10-10 घंटे लगना पड़ रहा लाइन में

एक और निजी अस्पताल के डॉक्टर ने भी माना कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है. सरकार और प्रशासन ये सुनिश्चित करे कि प्राइवेट हाॅस्पिटल को भी समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर मिले. 10-10 घंटे लाइन में लगकर सिर्फ एक ही ऑक्सीजन सिलेंडर मिल पा रहा है.

भोपाल। राजधानी में ऑक्सीजन की कमी के चलते 24 घंटे में 6 कोरोना मरीजों की मौत हो गई. एक निजी अस्पताल प्रबंधन ने खुद इस बात को माना है कि ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो रही है. राज्य सरकार कितने भी दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों की पोल खोल देती है. हाॅस्पिटल प्रबंधन ने सरकार से मांग की है कि ऑक्सीजन की सप्लाई जल्द बढ़ाएं, नहीं तो हालात काबू से बाहर हो जाएंगे.

'सरकार के डर से लोग चुप हैं' : मौत तो ऑक्सीजन की कमी से ही हुई है

ऑक्सीजन की कमी से 6 कोरोना मरीजों की मौत

एक निजी अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है. हर रोज 90 सिलेंडर की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 30 सिलेंडर ही मिल पा रहे हैं. पिछले 24 घंटे में हमारे दो अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से छह मरीजों की जान जा चुकी है.

'सरकार के डर से खुलकर नहीं बोल रहे'

यही हालत ज्यादातर अस्पतालों की है. सरकार के डर से कोई खुलकर नहीं बोल पा रहा है. अस्पताल के प्रवक्ता के मुताबिक पिछले 7 दिनों में अस्पताल में ऑक्सीजन का कोई डीलर नहीं आया है. पहले डीलर अपनी ही गाड़ी में खुद ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आता था. पिछले 10 दिनों से ऑक्सीजन के लिए हाॅस्पिटल की तीन एम्बुलेंस को लगाया गया है. अब एंबुलेंस भी ऑक्सीजन लाने - ले जाने के काम में लग गई हैं.

धार: ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के जरिये मरीजों की चलाई जा रही 'सांसें'

10-10 घंटे लगना पड़ रहा लाइन में

एक और निजी अस्पताल के डॉक्टर ने भी माना कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है. सरकार और प्रशासन ये सुनिश्चित करे कि प्राइवेट हाॅस्पिटल को भी समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर मिले. 10-10 घंटे लाइन में लगकर सिर्फ एक ही ऑक्सीजन सिलेंडर मिल पा रहा है.

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