ETV Bharat / city

शराब की नई पाॅलिसी पर ठनी, भोपाल में बंद हुई सभी शराब की दुकानें - शराब ठेकेदार बोले विभाग मनमर्जी पर उतरा

मध्य प्रदेश में नई शराब नीति पर आबकारी विभाग और शराब ठेकेदारों में ठन गई है. ठेकेदारों का आरोप है कि विभाग मनमर्जी पर उतारू है और निरीक्षण के बहाने दुकानों पर कार्रवाई की जा रही है. इसलिए औचक निरीक्षण के बाद शराब की दुकानें बंद हैं. अभी तक कुल 11 ग्रुप ही नीलाम हो सके हैं. ठेकेदारों का कहना है कि सरकार की नई शराब नीति फ्लॉप है, इसलिए कार्रवाई कर ठेकेदारों पर जबरन दुकानें लेने का दवाब बनाया जा रहा है.

Liquor shops closed in MP Excise Department and liquor contractors clashed
एमपी आबकारी विभाग और शराब ठेकेदारों में ठनी शराब दुकानें बंद
author img

By

Published : Feb 18, 2022, 12:46 PM IST

भोपाल। आबकारी विभाग द्वारा भोपाल में किए गए औचक निरीक्षण के बाद शहर की सभी शराब दुकानें बंद कर दी गई हैं. नाराज शराब ठेकेदारों के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा लाई गई नई शराब पाॅलिसी फ्लाॅप होने के चलते अब प्रशासन द्वारा ठेकेदारों पर दवाब बनाने को लेकर लगातार निरीक्षण किया जा रहा है और दुकानों पर कार्रवाई की जा रही है. नई पाॅलिसी में जो दुकानों के ग्रुप की दरें तय की गई है, वह बहुत ही अव्यवहारित हैं. यही वजह है कि इंदौर, भोपाल, सागर में आधी दुकानें भी नीलाम नहीं हो सकी हैं.

औचक निरीक्षण के बाद बंद की दुकानें

आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों पर रूटीन चैकिंग के बहाने छापामार कार्रवाई की. इस दौरान दुकानों पर चैकिंग करते हुए बिना रसीद के शराब बेचने, एक्सपायरी बीयर बेचने जैसे मामलों में कार्रवाई की गई. कार्रवाई के बाद दुकानों पर शराब की बिक्री को भी रोक दिया गया. विभाग द्वारा शराब की दुकानों को बंद कराया गया है. हालांकि आबकारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक चैकिंग के विरोध में शराब ठेकेदारों द्वारा दुकानें बंद की गई हैं. जिला आबकारी अधिकारी सजेन्द्र मौरी के मुताबिक शिकायतों के बाद रूटीन चैकिंग की गई थी, जिसके विरोध में दुकानें बंद की गई है, इन्हें जल्द खुलवाया जा रहा है.

MP में शराब पर सियासी संग्राम, नशा मुक्ति केंद्र कई जगहों पर अवैध रूप से हो रहा संचालित, ETV Bharat का रियलिटी चेक

ठेकेदार बोले विभाग मनमर्जी पर उतरा

रूटीन चैकिंग के बाद की जा रही कार्रवाई को लेकर शराब ठेकेदारों ने कड़ा विरोध जताया है. ठेकेदारों के मुताबिक सरकार द्वारा लाई गई शराब की नई पाॅलिसी फ्लाॅप हो चुकी है. अब इस तरह की कार्रवाई कर ठेकेदारों पर जबरन दुकानें लेने का दवाब बनाया जा रहा है. भोपाल ग्रुप के ठेकेदार शिवहरे ग्रुप का भोपाल का काम देखने वाले केपी सिंह के मुताबिक सरकार द्वारा लाई गई नई पाॅलिसी अव्यवहारिक है. इसमें किए गए प्रावधान और निर्धारित की गई दरें इतनी ज्यादा हैं, जिसके तहत काम करना घाटे का सौदा साबित होगा. लेकिन अब विभाग जबरन दुकानें लेने के लिए ठेकेदारों पर दवाब बना रहा है. हालांकि इसको लेकर भोपाल कलेक्टर अविनाश लबानिया से बात करने की कई बार कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

भोपाल में सिर्फ 11 ग्रुप ही हो सके नीलाम

मोनोपोली खत्म करने के लिए लाई गई नई शराब पाॅलिसी के तहत भोपाल में शराब की दुकानों के 1057 करोड़ के 33 ग्रुप बनाए गए. जिसमें से 11 ग्रुप की दुकानों की ही नीलामी हो सकी है. इससे 318 करोड़ का राजस्व मिलेगा, आबकारी विभाग की नई नीति के आने के बाद पूरे प्रदेश में 12 हजार करोड़ से ज्यादा में शराब दुकानों के जाने का आकलन था, लेकिन 60 फीसदी ठेके ही नीलामी हो सके हैं.

भोपाल। आबकारी विभाग द्वारा भोपाल में किए गए औचक निरीक्षण के बाद शहर की सभी शराब दुकानें बंद कर दी गई हैं. नाराज शराब ठेकेदारों के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा लाई गई नई शराब पाॅलिसी फ्लाॅप होने के चलते अब प्रशासन द्वारा ठेकेदारों पर दवाब बनाने को लेकर लगातार निरीक्षण किया जा रहा है और दुकानों पर कार्रवाई की जा रही है. नई पाॅलिसी में जो दुकानों के ग्रुप की दरें तय की गई है, वह बहुत ही अव्यवहारित हैं. यही वजह है कि इंदौर, भोपाल, सागर में आधी दुकानें भी नीलाम नहीं हो सकी हैं.

औचक निरीक्षण के बाद बंद की दुकानें

आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों पर रूटीन चैकिंग के बहाने छापामार कार्रवाई की. इस दौरान दुकानों पर चैकिंग करते हुए बिना रसीद के शराब बेचने, एक्सपायरी बीयर बेचने जैसे मामलों में कार्रवाई की गई. कार्रवाई के बाद दुकानों पर शराब की बिक्री को भी रोक दिया गया. विभाग द्वारा शराब की दुकानों को बंद कराया गया है. हालांकि आबकारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक चैकिंग के विरोध में शराब ठेकेदारों द्वारा दुकानें बंद की गई हैं. जिला आबकारी अधिकारी सजेन्द्र मौरी के मुताबिक शिकायतों के बाद रूटीन चैकिंग की गई थी, जिसके विरोध में दुकानें बंद की गई है, इन्हें जल्द खुलवाया जा रहा है.

MP में शराब पर सियासी संग्राम, नशा मुक्ति केंद्र कई जगहों पर अवैध रूप से हो रहा संचालित, ETV Bharat का रियलिटी चेक

ठेकेदार बोले विभाग मनमर्जी पर उतरा

रूटीन चैकिंग के बाद की जा रही कार्रवाई को लेकर शराब ठेकेदारों ने कड़ा विरोध जताया है. ठेकेदारों के मुताबिक सरकार द्वारा लाई गई शराब की नई पाॅलिसी फ्लाॅप हो चुकी है. अब इस तरह की कार्रवाई कर ठेकेदारों पर जबरन दुकानें लेने का दवाब बनाया जा रहा है. भोपाल ग्रुप के ठेकेदार शिवहरे ग्रुप का भोपाल का काम देखने वाले केपी सिंह के मुताबिक सरकार द्वारा लाई गई नई पाॅलिसी अव्यवहारिक है. इसमें किए गए प्रावधान और निर्धारित की गई दरें इतनी ज्यादा हैं, जिसके तहत काम करना घाटे का सौदा साबित होगा. लेकिन अब विभाग जबरन दुकानें लेने के लिए ठेकेदारों पर दवाब बना रहा है. हालांकि इसको लेकर भोपाल कलेक्टर अविनाश लबानिया से बात करने की कई बार कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

भोपाल में सिर्फ 11 ग्रुप ही हो सके नीलाम

मोनोपोली खत्म करने के लिए लाई गई नई शराब पाॅलिसी के तहत भोपाल में शराब की दुकानों के 1057 करोड़ के 33 ग्रुप बनाए गए. जिसमें से 11 ग्रुप की दुकानों की ही नीलामी हो सकी है. इससे 318 करोड़ का राजस्व मिलेगा, आबकारी विभाग की नई नीति के आने के बाद पूरे प्रदेश में 12 हजार करोड़ से ज्यादा में शराब दुकानों के जाने का आकलन था, लेकिन 60 फीसदी ठेके ही नीलामी हो सके हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.