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बीजेपी नहीं कर पा रही है जिलाध्यक्षों की घोषणा, ये है वजह

बीजेपी में संगठन चुनाव चल रहे हैं, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा नहीं कर पा रही है. पांच जिलों में अभी तक चुनाव भी नहीं हो पाए हैं.

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Published : Dec 3, 2019, 12:03 AM IST

Due to factionalism, the names of district heads are not announced, 5 districts have not been elected in bhopal
गुटबाजी के चलते नहीं हो पा रही जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा

भोपाल। बीजेपी में संगठन चुनाव चल रहे हैं, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा नहीं कर पा रही है. इतना ही नहीं पांच जिलों में तोअभी तक चुनाव भी नहीं हो पाए हैं. 50 से ज्यादा शिकायतें जिला अध्यक्ष के चुनाव में हुई हैं. साथ ही कई जिलों में बड़े नेताओं के बीच असहमति के चलते जिलाध्यक्ष के उम्मीदवारों के नाम पर मुहर नहीं लग पा रही है. हेमंत खंडेलवाल का कहना है कि, अगले 2 से 3 दिनों में लगभग सभी जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी. साथ ही बचे हुए 5 जिलों में चुनाव प्रक्रिया भी जल्द को शुरू की जाएगी.

गुटबाजी के चलते नहीं हो पा रही जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा

बड़े नेताओं की आपसी गुटबाजी के चलते 51 में से 5 जिलों, जिसमें ग्वालियर, होशंगाबाद, सिवनी, झाबुआ और शहडोल में जिला अध्यक्ष के चुनाव नहीं हो पाए. वहीं 40 जिलों में हुए चुनाव के 2 दिन बाद भी 25 जिलों के प्रत्याशियों के नाम के पैनल का लिफाफा राजधानी स्थित बीजेपी कार्यालय भेजा गया है. बाकी 21 जिलों के चुनाव प्रभारियों ने लिफाफे को प्रदेश कार्यालय में जमा नहीं किया है.

बड़े नेताओं की गुटबाजी के चलते इन जिलों में किसी एक नेता के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है. बता दें कि मंडल चुनाव के दौरान भी करीब 50 से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग हैं और अब जिला अध्यक्ष को लेकर भी शिकायते बीजेपी मुख्यालय पहुंचने लगी हैं.

भोपाल। बीजेपी में संगठन चुनाव चल रहे हैं, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा नहीं कर पा रही है. इतना ही नहीं पांच जिलों में तोअभी तक चुनाव भी नहीं हो पाए हैं. 50 से ज्यादा शिकायतें जिला अध्यक्ष के चुनाव में हुई हैं. साथ ही कई जिलों में बड़े नेताओं के बीच असहमति के चलते जिलाध्यक्ष के उम्मीदवारों के नाम पर मुहर नहीं लग पा रही है. हेमंत खंडेलवाल का कहना है कि, अगले 2 से 3 दिनों में लगभग सभी जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी. साथ ही बचे हुए 5 जिलों में चुनाव प्रक्रिया भी जल्द को शुरू की जाएगी.

गुटबाजी के चलते नहीं हो पा रही जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा

बड़े नेताओं की आपसी गुटबाजी के चलते 51 में से 5 जिलों, जिसमें ग्वालियर, होशंगाबाद, सिवनी, झाबुआ और शहडोल में जिला अध्यक्ष के चुनाव नहीं हो पाए. वहीं 40 जिलों में हुए चुनाव के 2 दिन बाद भी 25 जिलों के प्रत्याशियों के नाम के पैनल का लिफाफा राजधानी स्थित बीजेपी कार्यालय भेजा गया है. बाकी 21 जिलों के चुनाव प्रभारियों ने लिफाफे को प्रदेश कार्यालय में जमा नहीं किया है.

बड़े नेताओं की गुटबाजी के चलते इन जिलों में किसी एक नेता के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है. बता दें कि मंडल चुनाव के दौरान भी करीब 50 से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग हैं और अब जिला अध्यक्ष को लेकर भी शिकायते बीजेपी मुख्यालय पहुंचने लगी हैं.

Intro:मध्यप्रदेश में मंडल अध्यक्ष के बाद अब जिला अध्यक्षों के चयन को लेकर बीजेपी बुरी तरह से फंसती नजर आ रही है जानकारों की मानें तो करीब 50 से ज्यादा शिकायतें जिला अध्यक्षों के चुनाव में दावेदारों ने की हैं तो वहीं कई बड़े जिलों में बड़े नेताओं के बीच असहमति के चलते रायशुमारी के बाद जिलाध्यक्ष के उम्मीदवार पर मुहर नहीं लग पा रही है हालांकि हेमंत खंडेलवाल का कहना है कि अगले 2 से 3 दिनों में लगभग सभी जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी तो वही बचे 5 जिलों में चुनाव प्रक्रिया भी जल्द को शुरू की जाएगी


Body:संगठन चुनाव में पहले से ही गुटबाजी देखी जा रही थी और बड़े नेताओं की आपसी गुटबाजी के चलते 51 में से 5 जिले जिनमें ग्वालियर होशंगाबाद सिवनी झाबुआ और शहडोल में जिला अध्यक्ष के चुनाव नहीं हो पाए और बचे 40 जिलों में हुए तो वहां भी चुनाव के 2 दिन बाद भी सभी 25 जिलों में ही प्रत्याशियों के नाम के पैनल का लिफाफा भोपाल स्थित बीजेपी कार्यालय भेजा है बाकी अन्य 21 जिलों के चुनाव प्रभारियों ने अभी तक लिफाफे प्रदेश कार्यालय में जमा नहीं किए हैं इसका मतलब साफ है कि कहीं ना कहीं बड़े नेताओं की गुटबाजी के चलते इन जिलों में किसी के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है आपको बता दें इसके पहले भी मंडल चुनाव के दौरान भी करीब 50 से ज्यादा शिकायतें अभी भी पेंडिंग है और अब जिला अध्यक्ष को लेकर भी शिकायतों का भंडार बीजेपी मुख्यालय पहुंचने लगा है


Conclusion:अब देखना यह होगा कि आखिर बीजेपी इन तमाम विवादों से कैसे छुटकारा पा पाएगी क्या इन तमाम चुनौतियों के बाद प्रदेश संगठन चुनाव प्रभारी हेमंत खंडेलवाल निष्पक्ष रुप से चुनाव संपन्न करा पाएंगे हालांकि खंडेलवाल का कहना है कि अगले 2 से 3 दिन में ज्यादातर जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी जाएगी तो वही मंडलों की लंबित शिकायतों का निराकरण और पेंडिंग जिलों में चुनाव की प्रक्रिया 10 दिसंबर के बाद ही हो सकेगी

बाइट - हेमन्त खंडेलवाल, प्रदेश चुनाव प्रभारी,
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