भोपाल. धार जिले में 304 करोड़ के कारम डैम निर्माण में गड़बड़ी और लीकेज की Dhar Dam Leakage संभावना को लेकर आवाज़ बुलंद करने वाले व्हिसल ब्लोअर की जान को खतरा है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बीजेपी कार्यकर्ता लोकेश सोलंकी ने कहा कि उनपर इस पूरे मामले पर अपना मुहं बंद रखने का दबाव डाला जा रहा है. whistleblower Threats to kill 3 महीने पहले ही लीकेज की संभावना और बांध निर्माण में लापरवाही बरते जाने को लेकर आवाज उठा चुके लोकेश का कहना है कि इस पूरे मामले में जिम्मेदार इंजीनियर, ठेकेदारों पर अपराधिक मामला दर्ज किया जाए. बीजेपी कार्यकर्ता सोलंकी ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान और जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के इस्तीफे की मांग भी कर डाली है.
मैंने पहले ही की थी शिकायत, अब मेरी जान को खतरा है: धार जिले के कारम डेम निर्माण में घोटाला की गड़बड़ियों की शिकायत 3 महीने पहले ही लोकेश सोलंकी ने की थी. उन्होंने धार जिला कलेक्टर से लेकर जलसंसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक को स्थिति की जानकारी दी थी और भविष्य में बांध में लीकेज का खतरा भी जताया था. बीजेपी कार्यकर्ता लोकेश सोलंकी कहते हैं कि सच उजागर करने का खामियाज़ा ये है कि अब उन पर कुछ भी न बोलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. लोकेश सोलंकी ने ईटीवी भारत से बातचीत में खुलासा किया कि उनकी जान को खतरा बना हुआ है.
Dhar Dam Leakage कारम डैम से तबाही का खतरा बरकरार, CM शिवराज की चेतावनी, अभी गांव न लौटें लोग
सीएम से भी की थी शिकायत: सोलंकी का आरोप है कि कारम डैम इसलिए डैमेज हुआ क्योंकि बांध निर्माण के मामले में अपर मुख्य सचिव, ईएनसी, प्रमुख अभियंता और कार्यपालन यंत्री ने जल संसाधन विभाग के मैनुअल के मुताबिक कभी काम ही नहीं किया. इन लोगों ने निर्माणाधीन डैम का निरीक्षण तक नही किया. सोलंकी कहते हैं कि गांव वालों के साथ हमने सभी अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों से लेकर मुख्यमंत्री तक लिखित में इस मामले शिकायत की थी, लेकिन उन शिकायतों पर कभी कोई ध्यान नहीं दिया गया. सोलंकी ने इस पूरे मामले में सीएम और जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के इस्तीफे की मांग भी कर डाली.
सार्वजनिक हो जिम्मेदार अधिकारियों की कॉल डिटेल: कारम बांध मामले में निर्माण की शुरुआत से ही बांध की गड़बड़ियों को लेकर अपनी आवाज़ बुलंद करते रहे लोकेश सोलंकी की मांग है कि शासन को इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के साथ ठेकेदारों ने जो इंजीनियर नियुक्त किए थे उनकी सूची सार्वजनिक करनी चाहिए. पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारियों की मोबाइल की काल डिटेल भी सार्वजनिक की जाए.ईएनसी की तरफ से 50 करोड़ के ऊपर के प्रोजेक्ट के लिए वर्ष में एक बार प्रोजेक्ट स्थल का निरीक्षण किया जाना जरूरी है. अगर निरीक्षण हुआ है तो इन निरीक्षण रिपोर्ट को सार्वजनिक कर सरकार को पूरे मामले में जिम्मेदारों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच भी करानी चाहिए.
35 से ज्यादा गांव बर्बाद, जिम्मेदार कौन: कारम डैम में डैमेज और लीकेज के बाद धार की स्थिति का ब्यौरा देते हुए सोलंकी ने बताया कि डैम को खाली किए जाने के लिए जो पानी बाहर निकाला गया उससे धार जिले के 35 के करीब गांव पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं, इन गावों की जिंदगी पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी है. ग्रामीणों के खेतों की मिट्टी तक वह गई. खेतों में अब पत्थर नजर आ रहे हैं जिनपर खेती नहीं की जा सकती. ग्रामीण अब क्या करेंगे. इसका जवाबदार कौन है. अधिकारियों की लापरवाही और सरकार में बैठे मंत्रियों की गलती का खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं.