ETV Bharat / city

बेकाबू होता कोरोना, जानिए प्रदेश में अस्पतालों के हालात - टास्क फोर्स का गठन

मध्य प्रदेश में कोरोना के मामले में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है, जिसे लेकर सरकार ने कई गाइडलाइन जारी किए हैं. लेकिन कोरोना के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कोविड अस्पतालों की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं करने के संकेत सरकार ने दे दिए हैं.

Corona conditions in Madhya Pradesh
बेकाबू होता कोरोना
author img

By

Published : Mar 30, 2021, 10:32 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में कोराना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लेकिन जिस तेजी से संकण बढ़ रहा है. उतनी ही लापरवाही भी देखने को मिल रही है. एक साल पहले जब चाइना से कोरोना ने भारत में दस्तक दी थी. तो लोग सहमे हुए थे. इस अदृश्य शक्ति से लड़ने के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी थी. अचानक 25 मार्च को केंद्र सरकार ने भारत में लॉकडाउन लगा दिया. धीरे-धीरे इसे लेकर एक नई खुशखबरी आई की कोरोना की वैक्सीन तैयार हो गई है. चिंता की बात नहीं. लेकिन कोरोना वैक्सीन की डोज लेने के बाद भी कई लोग फिर से कोरोना की चपेट में आए, देश भर में कोरोना अस्पताल बनाने का फैसला लिया गया, मध्य प्रदेश में कोरोना अस्पताल भी बने, कोरोना की रफ्तार भी कम हो गई. लेकिन एक बार फिर कोरोना अटैक ने कई लोगों की जिंदगियां लील ली.

Corona conditions in Madhya Pradesh
अस्पतालों की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं
  • एमपी सरकार ने नए कोरोना अस्पताल बनाने से किया इनकार

मध्य प्रदेश में कोरोना ने एक बार फिर अटैक कर दिया है. आंकड़े चौकाने वाले हैं. लेकिन इसके बावजूद एमपी सरकार ने कोरोना के नए अस्पताल बनाने से मना कर दिया है. यानी अब एमपी में नए कोविड अस्पताल नहीं बनेंगे. यही नहीं सरकार जो कोविड सेंटर्स चला रही है. उसे भी बंद करने का फैसला लिया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक दोबारा कोविड सेंटर खोलने को लेकर उन्होंने कोई विचार नहीं किया है. सीएम के मुताबिक अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बना रहे हैं, ताकि मरीजों को सभी सुविधा मिल सके. सीएम ने ये भी कहा कि आर्थिक गतिविधियां प्रभावित न हों, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है.

Corona conditions in Madhya Pradesh
कोरोना के केस तेजी से बढ़े
  • मध्य प्रदेश के अस्पतालों में वेंटिलेटर

प्रदेश में बढ़ रहे संक्रमित लोगों की संख्या और संभावित जरूरतों को देखते हुए सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज, निजी हॉस्पिटल में आईसीयू और वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में अब बेड की संख्या कम होती दिख रही है. करोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार को आईसीयू और वेंटिलेटर की संख्या बढ़ानी चाहिए थी. लेकिन अब संख्या बढ़ाने की जगह बेड की संख्या कम होने की बात सामने आ रही है. इसके साथ ही कोविड के नए अस्पतालों को भी खोलने से सरकार ने मना कर दिया है. इसकी वजह यही है कि सरकार को बड़ी राशि कोविड अस्पतालों के लिए दी जा रही है.

  • ग्वालियर में कोविड इलाज की व्यवस्था

ग्वालियर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने अबकी बार मरीजों के लिए तीन फेस में व्यवस्था की है. ताकि शहर में कोविड-19 के लिए बेड की कोई कमी ना हो. वहीं शहर के 23 प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कहा गया है. लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में सबसे खास बात यह सामने आ रही है कि मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम बसूल रहे हैं.

  • तीन फेस में बेड की व्यवस्था

ग्वालियर में स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मरीजों के इलाज के लिए तीन फेस बनाई गए हैं. पहले फेस में 649 बेड उपलब्ध हैं. इसमें केवल अभी 80 मरीज भर्ती हैं. दूसरे फेस में 485 बेड उपलब्ध कराए जा रहे हैं. अगर जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी तो फेस तीन में स्वास्थ विभाग के पास 1000 बेड उपलब्ध हैं. इसके अलावा निजी अस्पतालों में 5000 से अधिक बेड आरक्षित हैं.

  • आयुष्मान अस्पतालों में बेड आरक्षित

जिला स्वास्थ्य अधिकारी मनीष शर्मा का कहना है कि शहर में कोविद मरीजों के लिए किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो, इसके लिए शहर के आयुष्मान अस्पतालों में 20% बेड आरक्षित किए हैं. अगर जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती है. तो किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आएगी. शहर में 23 निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड के लिए आरक्षित है.

Corona conditions in Madhya Pradesh
ऑक्सीजन का संकट
  • मध्य प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था

करीब 130 टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति मध्य प्रदेश में हो रही है. महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात और उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश को ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. इन राज्यों से सेंट्रल इंडिया की सबसे बड़ी आईनॉक्स कंपनी के प्लांट ऑक्सीजन सप्लाई कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण पैर पसारता जा रहा है. लिहाजा मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. प्रदेश में एक्टिव केस करीब 20 हजार तक पहुंच गए हैं. जिनमें 20 फीसदी मरीजों को मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत हर दिन पड़ रही है.

  • महाराष्ट्र से सप्लाई बंद होने पर आई थी समस्या

अगस्त और सितंबर माह के शुरुआत में मध्य प्रदेश के कई जिलों में अचानक मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत सामने आने लगी, क्योंकि महाराष्ट्र ने अचानक मध्यप्रदेश में सप्लाई की जाने वाली ऑक्सीजन पर रोक लगा दी थी. अगस्त महीने में प्रदेश को 90 टन मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी. लेकिन महाराष्ट्र के ऑक्सीजन पर रोक लगाने से ऑक्सीजन की किल्लत शुरू हो गई. हालांकि मुख्यमंत्रियों के बीच हुई चर्चा और केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद अब महाराष्ट्र से दोबारा सप्लाई शुरू हो गई है. प्रदेश में हर दिन 100 टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. स्वास्थ्य विभाग और सरकार के मुताबिक प्रदेश में अब ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.

  • किल्लत के बाद टास्क फोर्स का गठन

राज्य सरकार ने सभी जिलों में ऑक्सीजन की डिमांड सप्लाई और खपत की निगरानी करने जिला स्तर पर एक समिति बनाई है. ये समिति ऑक्सीजन सप्लायर्स के प्लांट हॉस्पिटल्स की ऑक्सीजन डिमांड और स्टॉक की रोजाना निगरानी करेगी. इसके अलावा रोजाना प्रदेश स्तर पर भी ऑक्सीजन की निगरानी करने के लिए स्टेट टास्क फोर्स बनाई गई है. इस टास्क फोर्स में आठ अधिकारियों को शामिल किया गया है. प्रदेश में रोजाना मेडिकल ऑक्सीजन की क्या स्थिति है, टास्क फोर्स इसकी निगरानी करने के साथ ही प्रदेश सरकार को विस्तृत रिपोर्ट भी सौपेंगा.

  • एक मरीज को 24 घंटे में लगता है औसतन 3 से 4 ऑक्सीजन सिलेंडर

बताया जा रहा है कि प्रदेश के कोविड-19 अस्पतालों में भर्ती एक मरीज को 24 घंटे में औसतन तीन से चार सिलेंडर लगते हैं. इस अनुमान के अनुसार 300 भर्ती मरीजों को कोविड-19 अस्पतालों में रोजाना 1000 सिलेंडर लगेंगे. अभी संक्रमितों की संख्या बढ़ने से ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ गई है. इसलिए सरकार ने हर दिन की जरूरत से 25 से 50 प्रतिशत ज्यादा ऑक्सीजन स्टॉक करने का फैसला लिया है. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया से अनुबंध करने के बाद अब जो ऑक्सीजन मिलेगी वो सप्लायर्स के टैंकरों में स्टोर की जाएगी. जरूरत पड़ने पर स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया मध्य प्रदेश के 50 टन अतिरिक्त ऑक्सीजन सप्लाई करेगा.

  • 90 फीसदी ऑक्सीजन अस्पतालों को सप्लाई करने के आदेश

मध्य प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के मरीजों का ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश की ऑक्सीजन निर्माता कंपनियों का आदेश जारी कर कहा है कि उत्पादन का 90 फ़ीसदी हिस्सा चिकित्सा उपयोग के लिए आरक्षित किया जाए. 90 फ़ीसदी ऑक्सीजन अस्पतालों को उपलब्ध कराई जाए. वहीं होशंगाबाद के बाबई में कृत्रिम ऑक्सीजन के प्लांट को भी मंजूरी दे दी गई है. प्लांट शुरू होने के बाद प्रदेश को 200 टन ऑक्सीजन मिल सकेगी. लेकिन इसमें फिलहाल छह महीने का वक्त लग सकता है.

Corona conditions in Madhya Pradesh
कोविड के लिए अस्पताल को दी गई राशि
  • प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता

जबलपुर में कोरोना वायरस के मरीजों को साठ हजार से लेकर ₹4 लाख तक खर्च करना पड़ रहा है. निजी अस्पताल करोना मरीजों को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. वहीं निजी और सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की बात करें. तो सरकारी अस्पताल के मुकाबले प्राइवेट अस्पताल में अच्छी व्यवस्था है. वहीं सरकारी अस्पताल में सुविधाएं कम हैं. इसलिए लोग प्राइवेट अस्पतालों में जाना ज्यादा पसंद कर रहे है. जबलपुर के कोविड के 32 निजी अस्पताल हैं. वहीं 5 सरकारी अस्पताल हैं.निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की संख्या 562 है. वहीं सरकारी अस्पताल में 206 है. जबकि वेंटिलेटर बेड की संख्या की बात करें. तो सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर की संख्या 180 है. जबकि प्राइवेट अस्पताल में 266 है. इसलिए लोग प्राइवेट अस्पताल जाना बेहद पसंद करते हैं.

कोरोना संकट के बीच प्रदेश में महज 993 वेंटिलेटर, संक्रमण बढ़ा तो बढ़ेगी मुसीबत

  • ग्वालियर के किन-किन अस्पतालों में कितने बेड उपलब्ध ?

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल - 280
आयुर्वेदिक अस्पताल - 36
जिला अस्पताल - 75
मिलिट्री हॉस्पिटल - 60
के डी जे हॉस्पिटल - 40
कल्याण मल्टी स्पेशलिटी - 70
आरजेएन अपोलो हॉस्पिटल - 25
श्री कृष्ण हॉस्पिटल - 15
ग्लोबल हॉस्पिटल - 6
लोटस हॉस्पिटल - 25
लिंक हॉस्पिटल - 27

  • कोविड मरीजों से निजी अस्पताल वसूल रहे चार्ज

निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी की जा रही है. यही वजह है कि एक आम आदमी इन अस्पतालों में अपना इलाज नहीं करा सकता है.

Corona conditions in Madhya Pradesh
इन मदों में हुआ खर्च
  • निजी अस्पताल की रेट लिस्ट

एक दिन का कोविड वार्ड का किराया - 11000
ऐसी ऑक्सीजन वाला वार्ड - 14250

इसमें मेडिसन और जांच के लिए अलग से पैसे देने होते हैं. साथ ही वेंटिलेटर का चार्ज हर दिन का 4000 हजार से अधिक होता है.

Corona conditions in Madhya Pradesh
अस्पतालों में बेड खर्च
  • निजी अस्पतालों के रेट लिस्ट चस्पा करने के निर्देश

जिला स्वास्थ्य अधिकारी मनीष शर्मा ने सभी निजी अस्पतालों को निर्देश जारी किये हैं, कि कोविड-19 मरीज के इलाज के दौरान होने वाले खर्चे का विवरण और अपने अस्पताल पर चर्चा करें. मरीज के इलाज के दौरान कितना पैसा खर्च होता है. उसकी रेट लिस्ट हॉस्पिटल के बाहर चप्पा करें, ताकि कोई भी मरीज भ्रमित न हो. अगर किसी भी निजी अस्पताल के द्वारा कोविड-19 से पैसा वसूला जाता है. तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

भोपाल के इन अस्पतालों में मुफ्त इलाज

आशा निकेतन, भोपाल मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल, केपिटल वेंचर सोसायटी सीबीएस अपोलो अस्पताल, केरियर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस,चिरायु हेल्थकेयर एंड मेडीकेयर प्राइवेट लिमिटेड,चिरायु मेडिकल कालेज, होप हास्पिटल, जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल, जेके अस्पताल, एलबीएस अस्पताल, महावीर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस,मेयो अस्पताल,निरामय, नोबल मल्टी सुपरस्पेशलिटी, पालीवार, पीपुल्स जनरल हास्पिटल, राजदीप अस्पताल, आरकेडीएफ मेडीकल कालेज, स्मार्ट सिटी अस्पताल,तृप्ति हास्पिटल, बीसीएच हास्पिटल।
निजी अस्पतालों में प्रति बैड का खर्च.

जबलपुर में फिर ऑक्सीजन की कमी, इस बार उद्योग प्रभावित

724 करोड़ रुपए जनवरी 2021 तक सरकार का खर्च

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा फरवरी में विधानसभा में कोविड-19 को लेकर किए गए खर्च का ब्यौरा पेश किया। इसके लिए 31 जनवरी 2021 तक प्रदेश में 724 करोड रुपए खर्च किए गए। इनमें 173 करोड़ रुपए निजी अस्पतालों को दिए गए,इसके साथ ही 30 करोड़ रुपए का त्रिकुट काढ़ा प्रदेश भर में बांटा गया। प्रदेश के 8 निजी अस्पतालों में 28,964 मरीजों का इलाज हुआ.

  • मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति

मध्यप्रदेश में मंगलवार को 2173 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, संक्रमितों की संख्या 2,93179 हो गई है. मंगलवार को कोरोना संक्रमित 10 मरीज की मौत हुई है, मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 3,977 हो गया है. आज 1279 संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं. अब तक प्रदेश में 2,73,168 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, जबकि 16034 मरीज एक्टिव हैं.

  • इंदौर में कोरोना संक्रमण की स्थिति

इंदौर में मंगलवार को 628 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिसके बाद संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 69,028 हो गई है. इंदौर में मंगलवार को दो कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हुई है. अब तक जिले में 959 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि मंगलवार को 367 मरीज कोरोना से जंग जीतकर घर लौटे हैं. जिले भर में अब तक 64,524 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. जबकि 3545 कोरोना मरीज एक्टिव हैं.

Corona conditions in Madhya Pradesh
कोरोना के फिर बढ़े मामले
  • भोपाल में कोरोना संक्रमण की स्थिति

राजधानी भोपाल में मंगलवार को 497 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिसके बाद संक्रमितों की संख्या 50953 हो गई है. मंगलवार को एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हुई है, राजधानी में मंगलवार तक कुल 631 मरीज कोरोना संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं मंगलवार को कुल 349 मरीज कोरोना से जंग जीतकर घर लौटे हैं. भोपाल में अब तक 46,210 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. जबकि 4112कोरोना मरीज अब भी एक्टिव हैं.

  • जबलपुर में कोरोना संक्रमण की स्थिति

जबलपुर में मंगलवार को 148 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिसके बाद संक्रमितों की संख्या 18844 हो गई है. मंगलवार को 2 कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हुई है,जबलपुर में मंगलवार तक कुल 264 मरीज कोरोना संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं मंगलवार को कुल 102 मरीज कोरोना से जंग जीतकर घर लौटे हैं. जबलपुर में अब तक 17407 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. जबकि 1173 कोरोना मरीज अब भी एक्टिव हैं.

भोपाल। मध्य प्रदेश में कोराना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लेकिन जिस तेजी से संकण बढ़ रहा है. उतनी ही लापरवाही भी देखने को मिल रही है. एक साल पहले जब चाइना से कोरोना ने भारत में दस्तक दी थी. तो लोग सहमे हुए थे. इस अदृश्य शक्ति से लड़ने के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी थी. अचानक 25 मार्च को केंद्र सरकार ने भारत में लॉकडाउन लगा दिया. धीरे-धीरे इसे लेकर एक नई खुशखबरी आई की कोरोना की वैक्सीन तैयार हो गई है. चिंता की बात नहीं. लेकिन कोरोना वैक्सीन की डोज लेने के बाद भी कई लोग फिर से कोरोना की चपेट में आए, देश भर में कोरोना अस्पताल बनाने का फैसला लिया गया, मध्य प्रदेश में कोरोना अस्पताल भी बने, कोरोना की रफ्तार भी कम हो गई. लेकिन एक बार फिर कोरोना अटैक ने कई लोगों की जिंदगियां लील ली.

Corona conditions in Madhya Pradesh
अस्पतालों की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं
  • एमपी सरकार ने नए कोरोना अस्पताल बनाने से किया इनकार

मध्य प्रदेश में कोरोना ने एक बार फिर अटैक कर दिया है. आंकड़े चौकाने वाले हैं. लेकिन इसके बावजूद एमपी सरकार ने कोरोना के नए अस्पताल बनाने से मना कर दिया है. यानी अब एमपी में नए कोविड अस्पताल नहीं बनेंगे. यही नहीं सरकार जो कोविड सेंटर्स चला रही है. उसे भी बंद करने का फैसला लिया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक दोबारा कोविड सेंटर खोलने को लेकर उन्होंने कोई विचार नहीं किया है. सीएम के मुताबिक अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बना रहे हैं, ताकि मरीजों को सभी सुविधा मिल सके. सीएम ने ये भी कहा कि आर्थिक गतिविधियां प्रभावित न हों, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है.

Corona conditions in Madhya Pradesh
कोरोना के केस तेजी से बढ़े
  • मध्य प्रदेश के अस्पतालों में वेंटिलेटर

प्रदेश में बढ़ रहे संक्रमित लोगों की संख्या और संभावित जरूरतों को देखते हुए सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज, निजी हॉस्पिटल में आईसीयू और वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में अब बेड की संख्या कम होती दिख रही है. करोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार को आईसीयू और वेंटिलेटर की संख्या बढ़ानी चाहिए थी. लेकिन अब संख्या बढ़ाने की जगह बेड की संख्या कम होने की बात सामने आ रही है. इसके साथ ही कोविड के नए अस्पतालों को भी खोलने से सरकार ने मना कर दिया है. इसकी वजह यही है कि सरकार को बड़ी राशि कोविड अस्पतालों के लिए दी जा रही है.

  • ग्वालियर में कोविड इलाज की व्यवस्था

ग्वालियर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने अबकी बार मरीजों के लिए तीन फेस में व्यवस्था की है. ताकि शहर में कोविड-19 के लिए बेड की कोई कमी ना हो. वहीं शहर के 23 प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कहा गया है. लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में सबसे खास बात यह सामने आ रही है कि मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम बसूल रहे हैं.

  • तीन फेस में बेड की व्यवस्था

ग्वालियर में स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मरीजों के इलाज के लिए तीन फेस बनाई गए हैं. पहले फेस में 649 बेड उपलब्ध हैं. इसमें केवल अभी 80 मरीज भर्ती हैं. दूसरे फेस में 485 बेड उपलब्ध कराए जा रहे हैं. अगर जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी तो फेस तीन में स्वास्थ विभाग के पास 1000 बेड उपलब्ध हैं. इसके अलावा निजी अस्पतालों में 5000 से अधिक बेड आरक्षित हैं.

  • आयुष्मान अस्पतालों में बेड आरक्षित

जिला स्वास्थ्य अधिकारी मनीष शर्मा का कहना है कि शहर में कोविद मरीजों के लिए किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो, इसके लिए शहर के आयुष्मान अस्पतालों में 20% बेड आरक्षित किए हैं. अगर जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती है. तो किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आएगी. शहर में 23 निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड के लिए आरक्षित है.

Corona conditions in Madhya Pradesh
ऑक्सीजन का संकट
  • मध्य प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था

करीब 130 टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति मध्य प्रदेश में हो रही है. महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात और उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश को ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. इन राज्यों से सेंट्रल इंडिया की सबसे बड़ी आईनॉक्स कंपनी के प्लांट ऑक्सीजन सप्लाई कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण पैर पसारता जा रहा है. लिहाजा मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. प्रदेश में एक्टिव केस करीब 20 हजार तक पहुंच गए हैं. जिनमें 20 फीसदी मरीजों को मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत हर दिन पड़ रही है.

  • महाराष्ट्र से सप्लाई बंद होने पर आई थी समस्या

अगस्त और सितंबर माह के शुरुआत में मध्य प्रदेश के कई जिलों में अचानक मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत सामने आने लगी, क्योंकि महाराष्ट्र ने अचानक मध्यप्रदेश में सप्लाई की जाने वाली ऑक्सीजन पर रोक लगा दी थी. अगस्त महीने में प्रदेश को 90 टन मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी. लेकिन महाराष्ट्र के ऑक्सीजन पर रोक लगाने से ऑक्सीजन की किल्लत शुरू हो गई. हालांकि मुख्यमंत्रियों के बीच हुई चर्चा और केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद अब महाराष्ट्र से दोबारा सप्लाई शुरू हो गई है. प्रदेश में हर दिन 100 टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. स्वास्थ्य विभाग और सरकार के मुताबिक प्रदेश में अब ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.

  • किल्लत के बाद टास्क फोर्स का गठन

राज्य सरकार ने सभी जिलों में ऑक्सीजन की डिमांड सप्लाई और खपत की निगरानी करने जिला स्तर पर एक समिति बनाई है. ये समिति ऑक्सीजन सप्लायर्स के प्लांट हॉस्पिटल्स की ऑक्सीजन डिमांड और स्टॉक की रोजाना निगरानी करेगी. इसके अलावा रोजाना प्रदेश स्तर पर भी ऑक्सीजन की निगरानी करने के लिए स्टेट टास्क फोर्स बनाई गई है. इस टास्क फोर्स में आठ अधिकारियों को शामिल किया गया है. प्रदेश में रोजाना मेडिकल ऑक्सीजन की क्या स्थिति है, टास्क फोर्स इसकी निगरानी करने के साथ ही प्रदेश सरकार को विस्तृत रिपोर्ट भी सौपेंगा.

  • एक मरीज को 24 घंटे में लगता है औसतन 3 से 4 ऑक्सीजन सिलेंडर

बताया जा रहा है कि प्रदेश के कोविड-19 अस्पतालों में भर्ती एक मरीज को 24 घंटे में औसतन तीन से चार सिलेंडर लगते हैं. इस अनुमान के अनुसार 300 भर्ती मरीजों को कोविड-19 अस्पतालों में रोजाना 1000 सिलेंडर लगेंगे. अभी संक्रमितों की संख्या बढ़ने से ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ गई है. इसलिए सरकार ने हर दिन की जरूरत से 25 से 50 प्रतिशत ज्यादा ऑक्सीजन स्टॉक करने का फैसला लिया है. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया से अनुबंध करने के बाद अब जो ऑक्सीजन मिलेगी वो सप्लायर्स के टैंकरों में स्टोर की जाएगी. जरूरत पड़ने पर स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया मध्य प्रदेश के 50 टन अतिरिक्त ऑक्सीजन सप्लाई करेगा.

  • 90 फीसदी ऑक्सीजन अस्पतालों को सप्लाई करने के आदेश

मध्य प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के मरीजों का ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश की ऑक्सीजन निर्माता कंपनियों का आदेश जारी कर कहा है कि उत्पादन का 90 फ़ीसदी हिस्सा चिकित्सा उपयोग के लिए आरक्षित किया जाए. 90 फ़ीसदी ऑक्सीजन अस्पतालों को उपलब्ध कराई जाए. वहीं होशंगाबाद के बाबई में कृत्रिम ऑक्सीजन के प्लांट को भी मंजूरी दे दी गई है. प्लांट शुरू होने के बाद प्रदेश को 200 टन ऑक्सीजन मिल सकेगी. लेकिन इसमें फिलहाल छह महीने का वक्त लग सकता है.

Corona conditions in Madhya Pradesh
कोविड के लिए अस्पताल को दी गई राशि
  • प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता

जबलपुर में कोरोना वायरस के मरीजों को साठ हजार से लेकर ₹4 लाख तक खर्च करना पड़ रहा है. निजी अस्पताल करोना मरीजों को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. वहीं निजी और सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की बात करें. तो सरकारी अस्पताल के मुकाबले प्राइवेट अस्पताल में अच्छी व्यवस्था है. वहीं सरकारी अस्पताल में सुविधाएं कम हैं. इसलिए लोग प्राइवेट अस्पतालों में जाना ज्यादा पसंद कर रहे है. जबलपुर के कोविड के 32 निजी अस्पताल हैं. वहीं 5 सरकारी अस्पताल हैं.निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की संख्या 562 है. वहीं सरकारी अस्पताल में 206 है. जबकि वेंटिलेटर बेड की संख्या की बात करें. तो सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर की संख्या 180 है. जबकि प्राइवेट अस्पताल में 266 है. इसलिए लोग प्राइवेट अस्पताल जाना बेहद पसंद करते हैं.

कोरोना संकट के बीच प्रदेश में महज 993 वेंटिलेटर, संक्रमण बढ़ा तो बढ़ेगी मुसीबत

  • ग्वालियर के किन-किन अस्पतालों में कितने बेड उपलब्ध ?

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल - 280
आयुर्वेदिक अस्पताल - 36
जिला अस्पताल - 75
मिलिट्री हॉस्पिटल - 60
के डी जे हॉस्पिटल - 40
कल्याण मल्टी स्पेशलिटी - 70
आरजेएन अपोलो हॉस्पिटल - 25
श्री कृष्ण हॉस्पिटल - 15
ग्लोबल हॉस्पिटल - 6
लोटस हॉस्पिटल - 25
लिंक हॉस्पिटल - 27

  • कोविड मरीजों से निजी अस्पताल वसूल रहे चार्ज

निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी की जा रही है. यही वजह है कि एक आम आदमी इन अस्पतालों में अपना इलाज नहीं करा सकता है.

Corona conditions in Madhya Pradesh
इन मदों में हुआ खर्च
  • निजी अस्पताल की रेट लिस्ट

एक दिन का कोविड वार्ड का किराया - 11000
ऐसी ऑक्सीजन वाला वार्ड - 14250

इसमें मेडिसन और जांच के लिए अलग से पैसे देने होते हैं. साथ ही वेंटिलेटर का चार्ज हर दिन का 4000 हजार से अधिक होता है.

Corona conditions in Madhya Pradesh
अस्पतालों में बेड खर्च
  • निजी अस्पतालों के रेट लिस्ट चस्पा करने के निर्देश

जिला स्वास्थ्य अधिकारी मनीष शर्मा ने सभी निजी अस्पतालों को निर्देश जारी किये हैं, कि कोविड-19 मरीज के इलाज के दौरान होने वाले खर्चे का विवरण और अपने अस्पताल पर चर्चा करें. मरीज के इलाज के दौरान कितना पैसा खर्च होता है. उसकी रेट लिस्ट हॉस्पिटल के बाहर चप्पा करें, ताकि कोई भी मरीज भ्रमित न हो. अगर किसी भी निजी अस्पताल के द्वारा कोविड-19 से पैसा वसूला जाता है. तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

भोपाल के इन अस्पतालों में मुफ्त इलाज

आशा निकेतन, भोपाल मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल, केपिटल वेंचर सोसायटी सीबीएस अपोलो अस्पताल, केरियर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस,चिरायु हेल्थकेयर एंड मेडीकेयर प्राइवेट लिमिटेड,चिरायु मेडिकल कालेज, होप हास्पिटल, जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल, जेके अस्पताल, एलबीएस अस्पताल, महावीर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस,मेयो अस्पताल,निरामय, नोबल मल्टी सुपरस्पेशलिटी, पालीवार, पीपुल्स जनरल हास्पिटल, राजदीप अस्पताल, आरकेडीएफ मेडीकल कालेज, स्मार्ट सिटी अस्पताल,तृप्ति हास्पिटल, बीसीएच हास्पिटल।
निजी अस्पतालों में प्रति बैड का खर्च.

जबलपुर में फिर ऑक्सीजन की कमी, इस बार उद्योग प्रभावित

724 करोड़ रुपए जनवरी 2021 तक सरकार का खर्च

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा फरवरी में विधानसभा में कोविड-19 को लेकर किए गए खर्च का ब्यौरा पेश किया। इसके लिए 31 जनवरी 2021 तक प्रदेश में 724 करोड रुपए खर्च किए गए। इनमें 173 करोड़ रुपए निजी अस्पतालों को दिए गए,इसके साथ ही 30 करोड़ रुपए का त्रिकुट काढ़ा प्रदेश भर में बांटा गया। प्रदेश के 8 निजी अस्पतालों में 28,964 मरीजों का इलाज हुआ.

  • मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति

मध्यप्रदेश में मंगलवार को 2173 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, संक्रमितों की संख्या 2,93179 हो गई है. मंगलवार को कोरोना संक्रमित 10 मरीज की मौत हुई है, मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 3,977 हो गया है. आज 1279 संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं. अब तक प्रदेश में 2,73,168 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, जबकि 16034 मरीज एक्टिव हैं.

  • इंदौर में कोरोना संक्रमण की स्थिति

इंदौर में मंगलवार को 628 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिसके बाद संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 69,028 हो गई है. इंदौर में मंगलवार को दो कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हुई है. अब तक जिले में 959 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि मंगलवार को 367 मरीज कोरोना से जंग जीतकर घर लौटे हैं. जिले भर में अब तक 64,524 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. जबकि 3545 कोरोना मरीज एक्टिव हैं.

Corona conditions in Madhya Pradesh
कोरोना के फिर बढ़े मामले
  • भोपाल में कोरोना संक्रमण की स्थिति

राजधानी भोपाल में मंगलवार को 497 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिसके बाद संक्रमितों की संख्या 50953 हो गई है. मंगलवार को एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हुई है, राजधानी में मंगलवार तक कुल 631 मरीज कोरोना संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं मंगलवार को कुल 349 मरीज कोरोना से जंग जीतकर घर लौटे हैं. भोपाल में अब तक 46,210 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. जबकि 4112कोरोना मरीज अब भी एक्टिव हैं.

  • जबलपुर में कोरोना संक्रमण की स्थिति

जबलपुर में मंगलवार को 148 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिसके बाद संक्रमितों की संख्या 18844 हो गई है. मंगलवार को 2 कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हुई है,जबलपुर में मंगलवार तक कुल 264 मरीज कोरोना संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं मंगलवार को कुल 102 मरीज कोरोना से जंग जीतकर घर लौटे हैं. जबलपुर में अब तक 17407 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. जबकि 1173 कोरोना मरीज अब भी एक्टिव हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.