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ई-टेंडर घोटाला में हो सकते हैं कई और खुलासे, माइलस्टोन कंपनी के संचालक से जारी है पूछताछ

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Published : May 31, 2019, 6:53 PM IST

ई टेंडर घोटाले में ईओडब्ल्यू ने और भी खुलासे किये हैं, टीम ने कहा है घोटाले के मुख्यारोपी मनीष खरे के संपर्क में कुछ ब्यूरोक्रेड्स और जल निगम के अधिकारी भी थे. माना जा रहा है कि अब इन अधिकारियों को भी जांच के घेरे में लिया जा सकता है.

ईओडब्ल्यू ऑफिस, भोपाल

भोपाल। हजारों करोड़ के ई-टेंडर घोटाले में गिरफ्तार माइलस्टोन कंपनी के संचालक मनीष खरे से EOW की पूछताछ जारी है. पूछताछ में कई बड़े खुलासे भी हुए हैं. पूछताछ में पता चला है कि मनीष खरे ने ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन कंपनी के डायरेक्टर्स के साथ मिलकर दो और कंपनियों के लिए टेंपरिंग कराई थी. इस दौरान मनीष ब्यूरोक्रेट्स और जल निगम के अफसरों से भी संपर्क में रहता था.

EOW की पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली है कि मनीष खरे लगातार ब्यूरोक्रेट्स और जल निगम के अफसरों से भी संपर्क में रहता था, इन अफसरों को टेंडरों में टेंपरिंग की जानकारी भी रहती थी. लिहाजा EOW की टीम अब मनीष के संपर्क में रहने वाले अफसरों को भी जांच के घेरे में ले सकती है. माना जा रहा है कि मनीष से पूछताछ खत्म होने तक कई बड़े और अहम खुलासे भी हो सकते हैं.

ईओडब्ल्यू ऑफिस

बताया जा रहा है कि माइलस्टोन कंपनी के संचालक मनीष खरे को बड़ौदा की सोरठिया वेलजी कंपनी से टेंडर के घूस के तौर पर करीब 2 करोड़ 84 लाख रुपए मिले थे लेकिन टेंडर निरस्त होने के बाद करीब एक करोड़ रुपए मनीष ने बैंक के जरिए ही सोरठिया वेलजी कंपनी को वापस लौटा दिए थे. पुलिस को यह भी पता चला है कि मनीष खरे ने सोरठिया वेलजी कंपनी के अलावा भी दो और कंपनियों के लिए टेंपरिंग कराई थी. हालांकि, ईओडब्ल्यू की टीम दो कंपनियों के नाम सार्वजनिक नहीं कर रही है लेकिन जल्द ही इन कंपनियों के संचालकों को भी पूछताछ के लिए भोपाल बुलाया जा सकता है. फिलहाल ईओडब्ल्यू की टीम मनीष से पूछताछ कर रही है और रिमांड खत्म होने के बाद उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा.

भोपाल। हजारों करोड़ के ई-टेंडर घोटाले में गिरफ्तार माइलस्टोन कंपनी के संचालक मनीष खरे से EOW की पूछताछ जारी है. पूछताछ में कई बड़े खुलासे भी हुए हैं. पूछताछ में पता चला है कि मनीष खरे ने ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन कंपनी के डायरेक्टर्स के साथ मिलकर दो और कंपनियों के लिए टेंपरिंग कराई थी. इस दौरान मनीष ब्यूरोक्रेट्स और जल निगम के अफसरों से भी संपर्क में रहता था.

EOW की पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली है कि मनीष खरे लगातार ब्यूरोक्रेट्स और जल निगम के अफसरों से भी संपर्क में रहता था, इन अफसरों को टेंडरों में टेंपरिंग की जानकारी भी रहती थी. लिहाजा EOW की टीम अब मनीष के संपर्क में रहने वाले अफसरों को भी जांच के घेरे में ले सकती है. माना जा रहा है कि मनीष से पूछताछ खत्म होने तक कई बड़े और अहम खुलासे भी हो सकते हैं.

ईओडब्ल्यू ऑफिस

बताया जा रहा है कि माइलस्टोन कंपनी के संचालक मनीष खरे को बड़ौदा की सोरठिया वेलजी कंपनी से टेंडर के घूस के तौर पर करीब 2 करोड़ 84 लाख रुपए मिले थे लेकिन टेंडर निरस्त होने के बाद करीब एक करोड़ रुपए मनीष ने बैंक के जरिए ही सोरठिया वेलजी कंपनी को वापस लौटा दिए थे. पुलिस को यह भी पता चला है कि मनीष खरे ने सोरठिया वेलजी कंपनी के अलावा भी दो और कंपनियों के लिए टेंपरिंग कराई थी. हालांकि, ईओडब्ल्यू की टीम दो कंपनियों के नाम सार्वजनिक नहीं कर रही है लेकिन जल्द ही इन कंपनियों के संचालकों को भी पूछताछ के लिए भोपाल बुलाया जा सकता है. फिलहाल ईओडब्ल्यू की टीम मनीष से पूछताछ कर रही है और रिमांड खत्म होने के बाद उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा.

Intro:भोपाल- हजार करोड़ के ई टेंडर घोटाले में गिरफ्तार माइलस्टोन कंपनी के संचालक मनीष करे से ईओडब्ल्यू की पूछताछ लगातार जारी है पूछताछ में कई बड़े खुलासे भी हुए हैं ईओडब्ल्यू की टीम को पूछताछ में पता चला है कि मनीष खरे ने ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन कंपनी के डायरेक्टर्स के साथ मिलकर दो और कंपनियों के लिए टेंपरिंग कराई थी इसके अलावा पुलिस को यह जानकारी भी मिली है कि मनीष करें लगातार ब्यूरोक्रेट्स और जल निगम के अफसरों से भी संपर्क में रहता था और इन अफसरों को टेंडरों में टेंपरिंग की जानकारी भी रहती थी लिहाजा ईओडब्ल्यू की टीम अब मनीष खरे के संपर्क में रहने वाले अफसरों को भी जांच के घेरे में ले सकते हैं माना जा रहा है कि मनीष करे से पूछताछ खत्म होने तक कई बड़े और अहम खुलासे भी हो सकते हैं।


Body:बताया जा रहा है कि माइलस्टोन कंपनी के संचालक मनीष खरे को बड़ौदा की सोरठिया वेलजी कंपनी से टेंडर के घूस के तौर पर करीब 2 करोड़ 84 लाख रुपए मिले थे लेकिन टेंडर निरस्त होने के बाद करीब एक करोड़ रुपए मनीष करेने बैंक के जरिए ही सोरठिया वेलजी कंपनी को वापस लौटा दिए थे पुलिस को यह भी पता चला है कि मनीष खरे ने सोरठिया वेलजी कंपनी के अलावा भी दो और कंपनियों के लिए टेंपरिंग कराई थी हालांकि ईओडब्ल्यू की टीम फिलहाल दो कंपनियों के नाम सार्वजनिक नहीं कर रही है लेकिन जल्द ही इन कंपनियों के संचालकों को भी पूछताछ के लिए ईओडब्ल्यू भोपाल बुलाया जा सकता है फिलहाल ईओडब्ल्यू की टीम मनीष करे से पूछताछ कर रही है और रिमांड खत्म होने के बाद उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा।

बाइट- केएन तिवारी, डीजी, ईओडब्ल्यू।


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