भोपाल। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई ने आगामी हिंदू त्योहारों रामनवमी और हनुमान जयंती को सार्वजनिक रूप से मनाने का फैसला किया है. कैडर को बड़ी सभाओं के साथ धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा गया है, इसकी घोषणा रविवार को की गई. 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार 'सुंदरकांड' और 'हनुमान चालीसा' का पाठ करने की योजना बना रही है.
पत्र जारी कर कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश: कांग्रेस पार्टी कार्यालय ने रविवार को कमलनाथ की ओर से एक पत्र जारी कर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को क्रमश: 10 अप्रैल और 16 अप्रैल को रामनवमी और हनुमान जयंती के अवसर पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया. संगठन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि इन दोनों शुभ धार्मिक त्योहारों पर भगवान रामकथा का पाठ, रामलीला के कार्यक्रम और भगवान राम की पूजा का आयोजन किया जाना चाहिए. इसके अलावा हनुमान जयंती पर सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन किया जाना चाहिए.
आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु: संगठन ने कहा कि कमलनाथ रामनवमी पर एक संदेश जारी करेंगे और अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा में हनुमान जयंती पर एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करेंगे. कांग्रेस के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इसे 'पाखंड' करार दिया. बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा, 'जिन लोगों ने भगवान राम और रामसेतु को काल्पनिक माना और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध किया, वे अब राजनीतिक लाभ के प्रयास के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. लोग उनके पाखंड को जानते हैं और उन्हें गुमराह नहीं किया जा सकता है'.
बीजेपी पर कांग्रेस ने साधा निशाना: इस पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव मीडिया केके मिश्रा ने बीजेपी को राम और हनुमान के नाम पर राजनीति न करने की सलाह देते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पूजा-पाठ करने का अधिकार है. उन्होंने कहा, बीजेपी अपने राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक उत्सव मनाती है, एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में, इसे इस तरह का बयान देने से पहले दो बार सोचना चाहिए.
इनपुट - आईएएनएस