भोपाल। राजधानी में आयुष्मान कार्ड के जरिए लोगों का फर्जी इलाज का बिल लगाकर करोड़ों रुपए सरकार से प्राप्त करने का मामला सामने आया है. इस पूरे मामले में आयुष्मान योजना के सीईओ अनुराग चौधरी ने भोपाल क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई है. उनकी शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने वैष्णो अस्पताल के मालिक विवेक परिहार के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर जांच में ले लिया है.
आयुष्मान योजना के नाम पर धोखाधड़ी: राजधानी भोपाल के खजूरी रोड स्थित वैष्णव मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के खिलाफ आयुष्मान योजना के तहत फर्जीवाड़े की शिकायत मिलने के बाद भोपाल क्राइम ब्रांच ने अस्पताल के संचालक विवेक परिहार के खिलाफ मामला दर्ज कर प्रकरण में जांच शुरू कर दी है. क्राइम ब्रांच ने अस्पताल में भर्ती उन सभी मरीजों का रिकॉर्ड मांगा है, जिनका इलाज आयुष्मान योजना के तहत होना बताया गया है. शिकायत में यह जानकारी प्राप्त हुई है कि 62 फर्जी मरीज अस्पताल में भर्ती बताकर आयुष्मान योजना के तहत 1 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान लिया गया है. लेकिन इसमें से 32 मरीज तो ऐसे हैं, जो अस्पताल में भर्ती हुए ही नहीं. फिर उनके दस्तावेजों के जरिए किस तरह से आयुष्मान योजना का लाभ लिया गया. आयुष्मान योजना की टीम की जांच रिपोर्ट मैं यह बात सामने आई थी.
आयुष्मान योजना के डॉक्टर पद्माकर त्रिपाठी द्वारा इस संबंध में शिकायत आवेदन दिया गया है और उनके शिकायत आवेदन और तथ्यों के आधार पर मामला दर्ज कर विवेचना में ले लिया गया है. शीघ्र ही अस्पताल से सारे दस्तावेज लेकर और हितग्राहियों के बयान इत्यादि लेने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगी.
- शैलेंद्र सिंह चौहान, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (क्राइम)
आयुष्मान योजना कार्यालय ने पकड़ा घोटाला: आयुष्मान योजना के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक साल में वैष्णो अस्पताल की ओर से आयुष्मान योजना के तहत करीब डेढ़ करोड़ रुपए राशि क्लेम की गई है. इसमें से ₹1करोड़ का भुगतान किया जा चुका है, अस्पताल द्वारा जब कार्ड धारक मरीजों का डाटा भेजा गया तब योजना का सुपरविजन कर रहे अधिकारियों को इस डाटा पर संदेह हुआ और उन्होंने अपने स्तर पर जांच की, तो फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया. इसके बाद बाकी की 50 लाख रुपए की राशि रोक ली गई है.