भोपाल। अध्यक्ष के पद के चुनाव के लिए अब कांग्रेस में दिग्विजय सिंह और शशि थरुर के नाम आमने सामने हैं. इन दो नेताओं के बीच केवल हिंदी और गैर हिंदी राज्य की लकीर ही नहीं खींची है. राजनीतिक अनुभव, संगठन पर पकड़, लोकप्रियता की वजह और सियासत का अंदाज़ कई पैमाने हैं. इन अलग अलग कसौटियों पर अगर इन दो नेताओं को कसा जाए तो कांग्रेस के ये दोनों कद्दावर दो विपरीत ध्रुव दिखाई देते हैं. (mp bhopal diggi raja has the power)
दिग्विजय के तरकश में कई तीरः 75 वर्ष के दिग्विजय सिंह की राजनीति का तोड़ पूरी कांग्रेस में नहीं है. वो अकेले ऐसा नेता हैं जो बीजेपी पर पूरी धार के साथ हर वक्त हमलावर रहते हैं. बीजेपी की जड़ों पर हमला उनका प्रिय शगल है. मसलन दिग्विजय सिंह के बयानों को स्क्रीनिंग की जाए तो सबसे ज्यादा बयान हिंदुत्व और आरएसएस के खिलाफ निकलेंगे. ये तेवर ही उन्हें कांग्रेस में अलग पहचान देते हैं. और ये भरोसा भी कि कांग्रेस अध्यक्ष के बतौर दिग्विजय सिंह ही हैं जो मोदी सरकार पर पूरी रफ्तार से हमलावर हो सकते हैं. (mp bhopal Shashi Tharoor is no less)
Congress के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में दिग्विजय का नाम सुनते ही क्यों झल्ला उठे कमलनाथ
शशि थरुर कांग्रेस के सबसे सुदर्शन नेताः बेशक 66 वर्ष के शशि थरुर की गिनती कांग्रेस के इंटेलेक्चुअल नेताओं में होती है. कांग्रेस के सबसे सुदर्शन नेता. बयानों से ज्यादा जिनकी तस्वीरें भारतीय राजनीति में चर्चा में रहती हैं. केरल के तिरुअनंतपुरम से सांसद शशि थरुर मोदी की आंधी में भी टिके रहे ये उनकी सियासी काबिलियत है. लेकिन ये वही केरल है जहां कांग्रेस अब भी मजबूत है. ज्यादातर कांग्रेस सांसद के लिहाजा शशि थरुर के लिए दक्षिण भारत से बाहर मैदान बड़ा भी है और मुश्किल भी. (mp bhopal diggi raja vs shashi tharoor)
दिग्विजय की संगठन पर मजबूत पकड़ः दिग्विजय सिंह के लिए कहा जाता है कि जो नाम उनकी जुबान पर एक बार आया फिर वो उतरता नहीं. संगठन के छोटे से छोटे कार्यकर्ता को नाम से जानते हैं, और प्रयोग धर्मी है. 2018 के विधानसभा चुनाव में पंगत में संगत नर्मदा परिक्रमा के जरिए कांग्रेस के लिए माहौल बनाना. ये वो कोशिशें थी जिनका लाभ विधआनसभा चुनाव में कांग्रेस को मिला. पर्दे के पीछे रहकर दिग्विजय जानते हैं कि कहां कौन सा दांव खेला जाना है. दिग्विजय सिंह के लिए हिंदी भाषी राज्यों के साथ दक्षिण भारत के राज्यों में पैठ बनाना भी बड़ी चुनौती नहीं.देश के अलग अलग राज्यों में पार्टी ने उन्हें जो जवाबदारी दी उसकी वजह से कई राज्यों में उनके जीवंत संपर्क भी हैं. (mp bhopal congress president election)
शशि थरुर फैन फॉलोइंग बड़ीः जी 23 ग्रुप के सदस्य रहे शशि थरुर की कांग्रेस के संगठन में दिग्विजय सिंह जितनी पकड़ भले ना हो. लेकिन वो अकेले नेता हैं जिनकी अंतर्राष्ट्रीय छवि है. पार्टी के सोशल मीडिया पर जिनकी फॉलोइंग कांग्रेस के कई दिग्गजों को मात देती है. उनका एक ट्वीट भी राजनीति में चर्चा का विषय बन जाता है. मसलन कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में शामिल होने के साथ उन्होंने लिखा कि मैं अकेला ही चला था जानिब ए मंजिल मगर...उनके इस ट्वीट के अर्थ निकाले जाने लगे. (mp bhopal diggi raja has the power)