भोपाल। मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा समय तक सत्ता की बागडोर संभालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज यानी पांच मार्च को 63 साल के हो गए हैं. राजनीति में कदम रखने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवाएं शुरू कीं. उनके जन्मदिन पर सत्ता और विपक्ष की ओर से बधाइयां दी जा रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ट्वीट कर उन्हें बधाई देते हुए उत्तम स्वास्थ्य, खुशहाल एवं दीर्घायु जीवन की कामना की है. जन्मदिन के मौके पर प्रदेश भर में भाजपा के कार्यकर्ता पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन का दिन मनाएंगे. बैनर-पोस्टर लगाने के बजाये पौधारोपण किया जाएगा.
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Birthday greetings to MP’s dynamic CM Shri @ChouhanShivraj Ji. His development oriented leadership, administrative skills and humility have endeared him to countless people. Praying for his long and healthy life.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 5, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Narendra Modi (@narendramodi) March 5, 2022
कहां हुआ था शिवराज सिंह चौहान का जन्म ?
शिवराज सिंह चौहान का जन्म पांच मार्च 1959 को सिहोर के जैत गांव में हुआ था. पिता का नाम प्रेम सिंह चौहान और माता का नाम सुंदर बाई है. वे किरार समाज से संबंध रखते हैं. सीएम शिवराज की शादी 1992 में साधना सिंह से हुई थी. उनके दो पुत्र हैं. एक का नाम कार्तिकेय सिंह चौहान और दूसरे का नाम कुणाल सिंह चौहान है. शिवराज ने बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल से दर्शनशास्त्र में स्वर्ण पदक हासिल किया था.
पौधरोपण की अपील
सीएम शिवराज सिंह साल भर से हर दिन एक पेड़ लगा रहे हैं और लोगों को पर्यावरण को बचाने का संदेश दे रहे हैं. यही कारण है कि बीजेपी कार्यकर्ता बूथ और मंडल पर बैनर पोस्टर की जगह पौधे लगाएंगे. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि जिस तरह पर्यावरण संरक्षण के लिए सीएम प्रतिदिन एक पौधा लगाते हैं, वैसे ही कार्यकर्ता भी पौधा लगाएं. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 19 फरवरी को संकल्प के दिन, अमरकंटक के शंभु धारा क्षेत्र में पौधा लगा कर इसकी शुरुआत की थी. मुख्यमंत्री की पहल पर पर्यावरण के क्षेत्र में जन-भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए राज्यव्यापी "अंकुर अभियान" चलाया गया था.
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प्रार्थयामहे भव शतायु:
— VD Sharma (@vdsharmabjp) March 5, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
ईश्वर सदा त्वाम् च रक्षतु।
मध्य प्रदेश की जनता के हित के लिए समर्पित, विकास पुरुष, जननायक यशस्वी मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। pic.twitter.com/ekdHuBJFMq
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— VD Sharma (@vdsharmabjp) March 5, 2022
ईश्वर सदा त्वाम् च रक्षतु।
मध्य प्रदेश की जनता के हित के लिए समर्पित, विकास पुरुष, जननायक यशस्वी मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। pic.twitter.com/ekdHuBJFMqप्रार्थयामहे भव शतायु:
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ईश्वर सदा त्वाम् च रक्षतु।
मध्य प्रदेश की जनता के हित के लिए समर्पित, विकास पुरुष, जननायक यशस्वी मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। pic.twitter.com/ekdHuBJFMq
शिवराज सिंह चौहान का सियासी सफर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह 2005 से प्रदेश की बागडोर संभाल रहे हैं. हालांकि 2018 में भाजपा की हार के बाद उन्हें सत्ता से हटना पड़ा. हालांकि 15 महीने बाद ही वह फिर से सीएम बन गए. महज 13 साल की उम्र में शिवराज सिंह चौहान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे. 1975 में पहली बार वे मॉडल स्कूल छात्रों के संघ के अध्यक्ष बने. शिवराज जब सांसद बने तब कांग्रेस पार्टी की सरकार थी. उस दौरान उन्होंने कई मुद्दों को उठाया. तब कई पदयात्राएं भी कीं. यही वजह है कि वह विदिशा संसदीय क्षेत्र में 'पांव-पांव वाले भैया' के नाम से भी पहचाने जाने लगे. उनके राजनीतिक सफर को भोपाल में ऊंचाइयां मिलीं. सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले मुख्यमंत्री के रूप में उनका नाम दर्ज है.
पांच बार चुने गए सांसद
मुख्यमंत्री बनने से पहले शिवराज सिंह चौहान पांच बार सांसद रह चुके हैं. पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी के विदिशा सीट छोड़ने पर 10 वीं लोकसभा के लिए (1991) में सांसद चुने गए. 11वीं लोकसभा (1996) में विदिशा से दोबारा सांसद चुने गए. 12वीं लोकसभा के लिए 1998 में विदिशा से तीसरी बार, 1999 में 13वीं लोकसभा के लिए चौथी बार और 15वीं लोकसभा के लिए विदिशा से ही पांचवीं बार सांसद चुने गए.
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'जनता ही जनार्दन' को ध्येय मानकर राजनीति को जनसेवा का माध्यम बनाने वाले प्रदेश के ऊर्जावान और जनप्रिय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। pic.twitter.com/b0VBxFdCs6
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) March 5, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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बुधनी से पांच बार बने विधायक
शिवराज सिंह चौहान बुधनी से पांच बार विधायक रह चुके हैं. 2005 में सीहोर की बुधनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए. इसके बाद यहीं से 2008, 2013 और 2018 में विधायक बने. 2003 विधानसभा चुनाव में राघौगढ़ से दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे. ये शिवराज के राजनीतिक जीवन की पहली हार थी. इसके पहले 1990 में बुधनी से ही विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की.
एबीवीपी में संगठन मंत्री, महासचिव बने
शिवराज बचपन से ही बेहद गंभीर रहे हैं. पढ़ाई के दौरान ही शिवराज ने राजनीति में कदम रख दिया था. सीएम 13 साल की उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल होने के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद 1977-1978 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बने. 1978 से 1980 तक मध्यप्रदेश में एबीवीपी के संयुक्त मंत्री रहे.
1980 से 1982 तक अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव रहे. 1982-1983 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य चुने गए. साल 1984-1985 में शिवराज सिंह चौहान को मध्यप्रदेश में भारतीय जनता युवा मोर्चा का संयुक्त सचिव और वर्ष 1985 में महासचिव बनाया गया. 1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार शिवराज ने बुधनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधायक बने.
यूं ही नहीं बने जनता के चहेते
शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता की कमान मिलने के बाद लोक कल्याण और अंत्योदय की दिशा में काम करना शुरू किया. विद्यार्थियों को स्कूल जाने लिए साइकिल देना, तीर्थ दर्शन योजना या निर्धारित समय में नागरिक सेवाओं की गारंटी की बात हो, शिवराज की इसी सोच का नतीजा है. वे मुश्किल परिस्थितियों में लोगों की नजरों से ओझल नहीं होते. ओले गिरे तो किसानों के खेतों में पहुंच जाते हैं, बाढ़ आए तो हवाई सर्वेक्षण पर निकल जाते हैं.
बचपन में उन्होंने नर्मदा नदी पर अपना काफी समय बिताया. शायद यही कारण है कि नर्मदा के प्रति उनका लगाव कुछ ज्यादा ही है. शिवराज सिंह समाज के कमजोर तबकों की दिक्कतें समझते हैं. उनको प्रदेश के नौजवान मामा के नाम से बुलाते हैं. जनसभाओं में खुद को मामा बताने वाले शिवराज ने जानबूझकर यह छवि विकसित की है ताकि महिलाओं को सशक्तिकरण का अहसास हो. शिवराज सरकार की 'लाडली लक्ष्मी' योजना भी इसी का उदाहरण है.
(shivraj singh chouhan 63rd birthday) (popular CM in MP)