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विलुप्त होते पेड़ों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए नर्सरी में लगाए जाएंगे पौधे

जैव विविधता के लिए जरूरी पेड़ों की लगभग 30 ऐसी प्रजातियां है जो धीरे-धीरे लुप्त होने की कगार पर है, वन विभाग राजधानी भोपाल की नर्सरियों में इन पेड़ों के लगभग 1 करोड़ पौधों को तैयार करेगा और फिर उन्हें जंगल में लगाया जाएगा.

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Published : Jul 4, 2019, 7:01 AM IST

पेड़-पौधे

भोपाल। राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्यप्रदेश में जैव विविधता के लिए जरूरी पेड़ों की लगभग 30 ऐसी प्रजातियां है जो धीरे-धीरे लुप्त होने की कगार पर है, क्योंकि अब तक इन पर वन विभाग ने ध्यान नहीं दिया. हालांकि अब वन विभाग के वर्किंग प्लान में इस बात का खुलासा होने पर विभाग की ओर से एक संरक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.

पेड़ों की प्रजातियों का संरक्षण


मिली जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ सालों में मेदा, शल्यकर्णी, बीजा, अंजन, दहिमन,पाडर जैसे जैव विविधता के लिए जरूरी पेड़ों की प्रजातियों के खत्म होने के खतरे को देखते हुए वन विभाग राजधानी भोपाल की नर्सरियों में इन पेड़ों के लगभग 1 करोड़ पौधों को तैयार करेगा और फिर उन्हें जंगल में लगाया जाएगा. इन पौधों न केवल भोपाल ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों की नर्सरियों में भी तैयार किया जाएगा, ताकि इनकी कमी को ठीक तरीके से और सही समय पर पूरा किया जा सकें.

भोपाल। राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्यप्रदेश में जैव विविधता के लिए जरूरी पेड़ों की लगभग 30 ऐसी प्रजातियां है जो धीरे-धीरे लुप्त होने की कगार पर है, क्योंकि अब तक इन पर वन विभाग ने ध्यान नहीं दिया. हालांकि अब वन विभाग के वर्किंग प्लान में इस बात का खुलासा होने पर विभाग की ओर से एक संरक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.

पेड़ों की प्रजातियों का संरक्षण


मिली जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ सालों में मेदा, शल्यकर्णी, बीजा, अंजन, दहिमन,पाडर जैसे जैव विविधता के लिए जरूरी पेड़ों की प्रजातियों के खत्म होने के खतरे को देखते हुए वन विभाग राजधानी भोपाल की नर्सरियों में इन पेड़ों के लगभग 1 करोड़ पौधों को तैयार करेगा और फिर उन्हें जंगल में लगाया जाएगा. इन पौधों न केवल भोपाल ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों की नर्सरियों में भी तैयार किया जाएगा, ताकि इनकी कमी को ठीक तरीके से और सही समय पर पूरा किया जा सकें.

Intro:भोपाल- राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्य प्रदेश में जैव विविधता के लिए जरूरी पेड़ों की 30 करीब ऐसी प्रजातियां है जो धीरे-धीरे लुप्त होने की कगार पर है,क्योंकि अब तक इन पर वन विभाग ने ध्यान नहीं दिया,पर वन विभाग के वर्किंग प्लान में इस बात का खुलासा होने पर विभाग की ओर से एक संरक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा ताकि इन्हें बचाया जा सकें।


Body:मिली जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ सालों में मेदा, शल्यकर्णी, बीजा,अंजन, दहिमन,पाडर जैसे जैव विविधता के लिए जरूरी पेड़ों की प्रजातियों के खत्म होने के खतरे को देखते हुए वन विभाग राजधानी भोपाल की नर्सरियों में इन पेड़ों के करीब 1 करोड़ पौधों को तैयार करेगा और फिर उन्हें जंगल मे लगाया जाएगा।



Conclusion:इन पौधों न केवल भोपाल बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों की नर्सरियों में भी तैयार किया जाएगा ताकि इनकी कमी को ठीक तरीके से और सही समय पर पूरा किया जा सकें।
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