बैतूल। किसान संघर्ष समिति ने जून महीने में केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधार पैकेज की घोषणा के तहत पारित तीन अध्यादेशों को किसान विरोधी बताया है और इसे वापस लेने की मांग की है. सोमवार को किसान संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष जगदीश दौड़के के नेतृत्व में किसानों ने तहसील कार्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम सीएल चनाप को सौंपा है.
जून 2020 में कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार संवर्धन और सुविधा अध्यादेश, मूल्य आश्वासन समझौता, कृषि सेवा अध्यादेश और आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन 2020 किसान विरोधी है, इनसे फसलों के दाम घट जाएंगे और बीज सुरक्षा समाप्त हो जाएगी. ये अध्यादेश पूरे भारत में खाने और खेती व्यवस्था में कॉरपोरेट नियंत्रण को बढ़ावा देते हैं. जिससे जमाखोरी और कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही किसानों का शोषण बढ़ेगा.
ज्ञापन में किसानों के लिए कर्ज से मुक्ति की गारंटी सुनिश्चित करने, कोरोना के चलते निर्मित परिस्थितियों में रबी 2019-20 फसल ऋण माफ करने, खरीफ के लिए ब्याज मुक्त ऋण देने, माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं द्वारा दिए गए कर्ज पर ब्याज माफ कर वसूली पर रोक लगाने, वर्ष 2020 की बिजली बिल माफ करने व लॉकडाउन के कारण किसानों की सब्जी-फल और दूध की बिक्री प्रभावित होने के चलते नुकसान के एवज में मुआवजा देने, डीजल के दाम कम करने, मनरेगा में कम से कम 200 दिन काम की गारंटी देने, कंपनियों द्वारा किसानों की अधिग्रहित की जा रही भूमि पर रोक लगाने सहित किसानों की अन्य समस्याओं का निराकरण करने की मांग ज्ञापन में की गई है.