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अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने ली बच्चे की जान, खून के लिए दर-दर भटकते रहे परिजन

जिला अस्पताल में वक्त पर ब्लड नहीं मिलने के कारण 11 साल के एक बच्चे की मौत हो गई. खबर मिलने के बाद जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और विधायक जजपाल सिंह जज्जी अस्पताल पहुंचे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही.

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Published : Jul 3, 2019, 1:26 PM IST

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही

अशोकनगर। जिला अस्पताल में लापरवाही के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. समय पर ब्लड मिलने के बाद भी मरीज को नहीं चढ़ा पाने के कारण एक बच्चे की मौत का मामला सामने आया है. इस गंभीर लापरवाही के बाद जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और विधायक जजपाल सिंह जज्जी जिला चिकित्सालय पहुंचे, जहां उन्होंने मृत बच्चे के परिजनों से मुलाकात की.

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही


परिजनों ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. जिसके बाद मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने CHMO और कलेक्टर मंजू शर्मा को बुलाया और दोषी स्टाफ पर आपराधिक मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं.


इस मामले में ब्लड बैंक की गंभीर लापरवाही सामने आई है. जानकारी के अनुसार पहाड़ा गांव के 11 वर्षीय अभिषेक प्रजापति को कल शाम जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने मरीजों के परिजन को ब्लड की व्यवस्था करने के लिए कहा. बच्चे को एबी पॉजीटिव ब्लड की जरूरत थी, लेकिन अस्पताल में इस ग्रुप का ब्लड ही नहीं था. इसके बाद भी डोनर से ब्लड लिया गया. खून लेने के बाद भी मरीज को ब्लड देने से मना कर दिया गया.


रक्तदाता चंद्रपाल रघुवंशी का कहना है कि बिना जांच किए ही उनके ब्लड को ले लिया गया. इसके बाद बच्चे के ब्लड से मैच नहीं होने का हवाला देकर खून की व्यवस्था करने को कहा गया. इस दौरान परिजन ब्लड के लिए परेशान होते रहे और जिला अस्पताल से प्राइवेट पैथोलॉजी तक के चक्कर लगाते रहे. इसी बीच 11 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई.


मौत की खबर के बाद प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और विधायक जजपाल सिंह अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कलेक्टर और सीएचएमओ को बुलाकर दोषी कर्मचारियों को निलंबित करने और FIR दर्ज करने के निर्देश दिए

अशोकनगर। जिला अस्पताल में लापरवाही के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. समय पर ब्लड मिलने के बाद भी मरीज को नहीं चढ़ा पाने के कारण एक बच्चे की मौत का मामला सामने आया है. इस गंभीर लापरवाही के बाद जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और विधायक जजपाल सिंह जज्जी जिला चिकित्सालय पहुंचे, जहां उन्होंने मृत बच्चे के परिजनों से मुलाकात की.

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही


परिजनों ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. जिसके बाद मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने CHMO और कलेक्टर मंजू शर्मा को बुलाया और दोषी स्टाफ पर आपराधिक मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं.


इस मामले में ब्लड बैंक की गंभीर लापरवाही सामने आई है. जानकारी के अनुसार पहाड़ा गांव के 11 वर्षीय अभिषेक प्रजापति को कल शाम जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने मरीजों के परिजन को ब्लड की व्यवस्था करने के लिए कहा. बच्चे को एबी पॉजीटिव ब्लड की जरूरत थी, लेकिन अस्पताल में इस ग्रुप का ब्लड ही नहीं था. इसके बाद भी डोनर से ब्लड लिया गया. खून लेने के बाद भी मरीज को ब्लड देने से मना कर दिया गया.


रक्तदाता चंद्रपाल रघुवंशी का कहना है कि बिना जांच किए ही उनके ब्लड को ले लिया गया. इसके बाद बच्चे के ब्लड से मैच नहीं होने का हवाला देकर खून की व्यवस्था करने को कहा गया. इस दौरान परिजन ब्लड के लिए परेशान होते रहे और जिला अस्पताल से प्राइवेट पैथोलॉजी तक के चक्कर लगाते रहे. इसी बीच 11 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई.


मौत की खबर के बाद प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और विधायक जजपाल सिंह अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कलेक्टर और सीएचएमओ को बुलाकर दोषी कर्मचारियों को निलंबित करने और FIR दर्ज करने के निर्देश दिए

Intro:अशोकनगर। लगातार सुर्खियों में रहने वाला जिला अस्पताल अब एक और बड़ी लापरवाही के लिए अपनी पहचान बना चुका है. जिला अस्पताल में लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही, आज समय पर ब्लड लेने के बाद भी मरीज को ब्लड नहीं चढ़ा पाने के कारण एक बच्चे की मौत का मामला प्रकाश में आया है. इस गंभीर लापरवाही के बाद जिले में प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया एवं विधायक जजपाल सिंह जज्जी जिला चिकित्सालय पहुंचे, जहां उन्होंने मृतक बच्चे के परिजनों से मुलाकात की. जहां परिजनों के कहे अनुसार जिला अस्पताल के प्रबंधन की गंभीर लापरवाही सामने आई है. जिसके कारण सीएम एचओ एवं कलेक्टर मंजू शर्मा को प्रभारी मंत्री ने मौके पर बुलाकर दोषी स्टॉप पर अपराधिक मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं.इस मामले में ब्लड बैंक में गंभीर लापरवाही सामने आई है.


Body:जानकारी के अनुसार पहाड़ा गांव के 11 वर्षीय अभिषेक प्रजापति को कल शाम जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने मरीजों के परिजन को ब्लड की व्यवस्था करने के लिए कहा. ब्लड बैंक की इस मामले में गंभीर लापरवाही सामने आई है बच्चे को एबी पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता थी. मगर अस्पताल में इस ग्रुप का ब्लड ही नहीं था.इसके बाद भी डोनर से ब्लड लिया गया. ब्लड लेने के बाद मरीज को ब्लड देने से मना कर दिया गया.जिस चंद्रपाल रघुवंशी का ब्लड मरीज को चढ़ाने के एवज में लिया गया था. लेकिन इसके बावजूद भी मरीज को ब्लड नहीं चढ़ाया गया.चंद्रपाल रघुवंशी का कहना है कि उसके ब्लड की जांच किए बिना ही ब्लड ले लिया गया. इसके बाद बच्चे के ब्लड से मैच नहीं होने का हवाला देकर ब्लड की व्यवस्था कहीं और से करने की बात कही गई.इस दौरान परिजन ब्लड के लिए परेशान होते रहे. और जिला अस्पताल से प्राइवेट पैथोलॉजी के चक्कर लगाते रहे.इसी बीच 11 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई. मौत के बाद जिले में आए प्रभारी मंत्री को जब मामले की जानकारी लगी, तो बे अचानक विधायक जजपाल सिंह जजजी के साथ जिला अस्पताल पहुंचे. जहां उन्होंने परिजनों से मुलाकात की. परिजनों से मुलाकात करने के दौरान जिला अस्पताल का बड़ी लापरवाही उजागर हुई. जिसके बाद प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कलेक्टर एवं सीएचएमओ को बुलाकर दोषी कर्मचारियों पर निलंबित करने के अलावा गंभीर लापरवाही मानते हुए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए.
इस पूरे मामले में मृतक बच्चे के परिजन ने बताया कि मैं हमारे बच्चे मरने के बाद स्टाफ के लोगों द्वारा एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए गए, और जब बाद में उस कागज को मंगवाया गया तो उस पर प्रबंधन ने अपने बचाव में लिख दिया गया कि हमारे द्वारा बच्चे को गंभीर स्थिति मानते हुए भोपाल रेफर कर दिया गया था लेकिन हम स्वयं बच्चे को भोपाल नहीं ले गए


Conclusion:ब्लड डोनर चंद्रपाल रघुवंशी ने बताया कि बच्चे को ब्लड देने के लिए मैं जब जिला अस्पताल आया तो मुझसे ब्लड डोनेट करा लिया गया. लेकिन बाद में मुझसे कहा गया कि बच्चे को ब्लड नहीं लग पाएगा. इसलिए उसके परिजन और हम लोग जिला अस्पताल से प्राइवेट पैथोलॉजी पर घूमते रहे.जिसके कारण समय कम था और इसी दौरान अभिषेक की मौत हो गई.इस पूरे मामले में ब्लड बैंक स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई है.
वहीं परिजनों ने बताया कि ब्लड बैंक के स्टाफ हमें लगातार यहां से वहां घुमाते रहे .यदि यह पहले ही हमसे बाहर से ब्लड लाने के लिए कह देते तो हम ब्लड की व्यवस्था बाहर से कर लेते. लेकिन इस लापरवाही में हमने हमारा बच्चा खो दिया. इस मामले में दोषी कर्मचारियों पर प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई करना चाहिए.
इस पूरे मामले में सीएमएचओ जसराम त्रिवेदीया ने बताया कि मैं अभी जनसुनवाई से लौटा हूं. मेरी जानकारी में मामला आया है. इसकी जांच कराई जाएगी.इसमें जो भी डॉक्टर या स्टॉप दोषी पाया जाएगा. उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
बाइट -चंद्रपाल रघुवंशी, ब्लड डोनर
बाइट -मृतक के परिजन
बाइट -जसराम त्रिवेदीया, सीएमएचओ
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