आगर-मालवा। जिले के चिप्या गांव के 100 घरों के चूल्हे अब गोबर गैस से जलेंगे. गाय के गोबर से गैस बनाने के लिए प्लांट का निर्माण शुरू हो चुका है. आगामी दो-तीन महीनों में ग्रामीणों को पाइपलाइन के जरिये गैस मिलने लगेगी. इस प्लांट को बनाने में भारतीय इंजीनियरों के साथ-साथ अमेरिका के इंजीनियर भी जुटे हुए हैं.
जिला मुख्यालय से 6 किमी की दूरी पर स्थित गणेश गोशाला में 700 गायों के गोबर से गैस बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था, जिस पर काम करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय स्तर की ईडब्ल्यूडी संस्था आगे आई. गणेश गोशाला में गोबर से गैस बनाने के लिए प्लांट तैयार करने का काम शुरू हो चुका है, जिसकी लागत तकरीबन एक करोड़ रूपये है. क्षेत्र में इस संस्था का अब तक का यह सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा.
प्रोजेक्ट पर काम कर रहे इंजीनीयर का कहना है कि भारत में गाय अधिक संख्या में पाई जाती हैं. इसलिए उनके गोबर का सही इस्तेमाल किया जा सकता है. गाय के गोबर से मीथेन गैस और बड़ी मात्रा में खाद का निर्माण भी किया जा सकता है. इसलिए वो इस प्रोजेक्ट के जरिए गोबर के सही इस्तेमाल पर काम कर रहे हैं.