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अगर आप भी खेती करते हैं, तो ये ख़बर जरूर पढ़ें, जानें फसलों का कीड़ों से कैसे करें बचाव

आगर में किसान अपनी फसलों को कीड़ों से कैसे बचाएं और क्या-क्या सावधानियां बरतें. इस पर जानकारी देते हुए कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह ने बताय कि पेड़ पौधों के आस-पास साफ सफाई रखें और इरिगेशन से सिंचाई समय-समय पर करते रहें.

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Published : May 8, 2019, 9:12 PM IST

शहडोल

शहडोल। शहडोल संभाग आदिवासी अंचल के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही उपजाऊ जमीन के लिए यहां की एक खास विशेषता है. लेकिन जिले में किसानों के लिए बढ़ता तापमान एक बड़ी मुसीबत बन हुआ है. जिसके चलते फसलों को कई तरह से नुकसान हो रहा है. ऐसे में किसान अपनी फसलों को कीड़ों से कैसे बचाएं और क्या सावधानियां बरतें. इस जानकारी देते कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह.

खेती पर जानकारी देते कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि गर्मियों के इस सीजन में आम की यहां पैदावार अच्छी होती है. इस सीजन में मिलीबग और रसचूसक कीड़ों से बचने की जरूरत होती है. पेड़ पौधों के आस-पास साफ सफाई रखें और इरिगेशन से सिंचाई समय-समय पर करते रहें और अगर ऐसी कोई दिक्कत आती है तो फालिडाल पाउडर का छिड़काव करें.

इसके अलावा हमारे यहां अमरूद फसल अहम है हालांकि अभी रेस्टिंग पीरियड चल रहा है, ये सही समय है अमरूद के पेड़ों की हल्की कटाई कर दें, क्योंकि अमरूद नए शाखाओं में ही ज्यादा आते हैं और सिंचाई पूरी तरह से रोक दें. किसी भी हालत में उसे पानी न दें. लेकिन नौतपा के बाद उसमें खाद और पानी दिया जा सकता है. शहडोल अंचल में कद्दू की खेती अधिक मात्रा में होती है साथ ही लौकी, कुम्हड़ा, खीरा, ये सारी सब्जियां हैं इन सब्जियों में सबसे ज्यादा जो देखने को आया है, कि इनमें फल मक्खी का प्रकोप ज्यादा होता है कई बार इससे फल भी सूखते हैं और नार भी सूखती है और इस तरह के मक्खी में दवाइयां उतनी प्रभावकारी नहीं होती हैं. ज्यादा प्रकोप हो तो उसके लिए फेरोमेन ट्रैप खेती में उपयोग किया जा सकता हैं. एक एकड़ में करीब 5 फेरोमेन ट्रैप लगाएं, इसके अलावा किसी चौड़े बर्तन में गुड़ का घोल थोड़ा सा सिरका कोई इंसेकटिसाइड मेलाथियान आदि मिलाकर एक एकड़ में 8 से 10 जगह रखें. इस उपयोग से जितने भी कीड़े होंगे वह चिपक कर मर जाते हैं.

इसके अलावा नींबू में कैंकर हो या फिर सूखी डालियां हों रोग ग्रस्त हों उसके कटाई का भी सही समय है.

शहडोल। शहडोल संभाग आदिवासी अंचल के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही उपजाऊ जमीन के लिए यहां की एक खास विशेषता है. लेकिन जिले में किसानों के लिए बढ़ता तापमान एक बड़ी मुसीबत बन हुआ है. जिसके चलते फसलों को कई तरह से नुकसान हो रहा है. ऐसे में किसान अपनी फसलों को कीड़ों से कैसे बचाएं और क्या सावधानियां बरतें. इस जानकारी देते कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह.

खेती पर जानकारी देते कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि गर्मियों के इस सीजन में आम की यहां पैदावार अच्छी होती है. इस सीजन में मिलीबग और रसचूसक कीड़ों से बचने की जरूरत होती है. पेड़ पौधों के आस-पास साफ सफाई रखें और इरिगेशन से सिंचाई समय-समय पर करते रहें और अगर ऐसी कोई दिक्कत आती है तो फालिडाल पाउडर का छिड़काव करें.

इसके अलावा हमारे यहां अमरूद फसल अहम है हालांकि अभी रेस्टिंग पीरियड चल रहा है, ये सही समय है अमरूद के पेड़ों की हल्की कटाई कर दें, क्योंकि अमरूद नए शाखाओं में ही ज्यादा आते हैं और सिंचाई पूरी तरह से रोक दें. किसी भी हालत में उसे पानी न दें. लेकिन नौतपा के बाद उसमें खाद और पानी दिया जा सकता है. शहडोल अंचल में कद्दू की खेती अधिक मात्रा में होती है साथ ही लौकी, कुम्हड़ा, खीरा, ये सारी सब्जियां हैं इन सब्जियों में सबसे ज्यादा जो देखने को आया है, कि इनमें फल मक्खी का प्रकोप ज्यादा होता है कई बार इससे फल भी सूखते हैं और नार भी सूखती है और इस तरह के मक्खी में दवाइयां उतनी प्रभावकारी नहीं होती हैं. ज्यादा प्रकोप हो तो उसके लिए फेरोमेन ट्रैप खेती में उपयोग किया जा सकता हैं. एक एकड़ में करीब 5 फेरोमेन ट्रैप लगाएं, इसके अलावा किसी चौड़े बर्तन में गुड़ का घोल थोड़ा सा सिरका कोई इंसेकटिसाइड मेलाथियान आदि मिलाकर एक एकड़ में 8 से 10 जगह रखें. इस उपयोग से जितने भी कीड़े होंगे वह चिपक कर मर जाते हैं.

इसके अलावा नींबू में कैंकर हो या फिर सूखी डालियां हों रोग ग्रस्त हों उसके कटाई का भी सही समय है.

Intro:note_ एक बाईट है जो कृषि वैज्ञानिक की है जिनका नाम डॉक्टर मृगेंद्र सिंह है।

अगर आप हैं किसान तो ये खबर आपके लिए है फायदेमंद, पढ़िए पूरी खबर

शहडोल- शहडोल संभाग आदिवासी अंचल के नाम से जाना जाता है और ये अंचल किसानों और उनकी खेती के लिए भी जाना जाता है जहां एक से एक किसान हैं, इस खेती की बदौलत किसानों ने समृद्धि हासिल की है, और अब इस अंचल में भी हर तरह की खेती होती है। और ऐसे किसानों के लिए इन दिनों बढ़ता तापमान एक बड़ी मुसीबत बनी हुई है। क्योंकि बढ़ा हुआ तापमान कई तरह के फसलों को नुकसान भी पहुंचाता है और इस सीजन में अलग अलग फ़सलों में अलग अलग तरह के कीड़े भी लगते हैं ऐसे में कैसे इनसे बचाव करें क्या सावधानियां बरतें, किस तरह की बीमारियाँ लग सकती हैं इसके लिए हमने जाना कृषि वैज्ञानिकों की राय।


Body:फसलों की ऐसे करें सुरक्षा

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि गर्मियों के इस सीजन में आम की यहां पैदावार अच्छी होती है। इस में मिलीबग और रसचूसक कीड़ों से बचने की जरूरत होती है। पेड़ पौधों के पास साफ सफाई रखें और इरिगेशन से सिंचाई समय समय पर करें, और अगर ऐसी कोई दिक्कत आती है तो फालिडाल पाउडर का छिड़काव करें।

दूसरा हमारे यहां की अहम फसल अमरूद भी है हलांकि अभी रेस्टिंग पीरियड चल रहा है ये सही समय है अमरूद के पेड़ों की हल्की कटाई कर दें, क्योंकि अमरूद नए शाखाओं में ही ज्यादा आते हैं, और सिंचाई पूरी तरह से रोक दें, किसी भी हालत में उसे पानी न दें, नवतपा के बाद उसमें खाद और पानी दिया जा सकता है।

इसके अलावा इस अंचल में इस समय सब्जी की खेती भी की जाती है जिसमें कद्दू वर्गीय सब्जियों की खेती बहुत ज्यादा मात्रा में होती है जैसे लौकी, कुम्हड़ा, खीरा, ये सारी सब्जियां हैं इन सब्जियों में सबसे ज्यादा जो देखने को आया है कि इनमें फल मक्खी का प्रकोप ज्यादा होता है कई बार इससे फल भी सूखते हैं, और नार भी सूखती है और इस तरह के मक्खी में दवाइयां उतनी प्रभावकारी नहीं होती हैं थोड़ा बहुत ही उनका प्रभाव होता है। अगर ज्यादा प्रकोप हो तो उसके लिए फेरोमेन ट्रैप आते हैं एक एकड़ में करीब 5 फेरोमेन ट्रैप लगाएं, इसके अलावा किसी चौड़े बर्तन में गुड़ का घोल थोड़ा सा सिरका कोई इंसेकटिसाइड मेलाथियान आदि मिलाकर एक एकड़ में 8 से 10 जगह रखें, जिससे जितने भी कीड़े होते हैं उससे चिपक कर मर जाते हैं।

इसके अलावा नींबू में जिसमें कैंकर हो या फिर सूखी डालियां हों रोग ग्रस्त हों उसके कटाई का भी सही समय है।




Conclusion:इसके अलावा टमाटर वाली जो फसलें हैं उनमें ध्यान रखिये जब टेम्परेचर 40 के ऊपर होता है और उसमें जो फूल आते हैं तो उसका स्टिग्मा सूखने लगता है, फूल झड़ने लगते हैं, उसके लिए पीसीपीए एक कैमिकल आता है उसका स्प्रे आवश्यक होता है उससे फूल झड़ने की संभावना कम हो जाती है।और सबसे बढ़िया टेम्प्रेचर मेंटेन करें, और शाम को थोड़ा सा स्प्रिंकल चला दें।
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