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12 साल के छात्र ने बचाई थी 40 बच्चों की जान, राज्यपाल करेंगी सम्मानित

समर्पण मालवीय ने 1 साल पहले पिपलौदा की एक आंगनवाड़ी में घुसे जहरीले सांप को पकड़ कर करीब 40 बच्चों की जान बचाई थी. स्थानीय प्रशासन की अनुशंसा पर समर्पण का चयन जीवन रक्षा पदक के लिये हुआ है.

12 साल के बच्चे को मिलेगा जीवन रक्षा पदक
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Published : May 29, 2019, 8:38 PM IST

रतलाम। जिले के पिपलौदा में आंगनवाड़ी के बच्चों को कोबरा से बचाने वाले 12 साल के बच्चे समर्पण मालवीय को जीवन रक्षा पदक के लिए चयनित किया गया है.15 अगस्त पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल के हाथों समर्पण को जीवन रक्षा पदक और 1 लाख रुपये का पुरुस्कार दिया जायेगा.

12 साल के बच्चे को मिलेगा जीवन रक्षा पदक


दरअसल 1 साल पहले पिपलौदा की एक आंगनवाड़ी में जहरीला सांप घुस गया था. आंगनवाड़ी में करीब 40 बच्चे मौजूद थे. समर्पण के पिता गणेश मालवीय सांप पकड़ने में माहिर है, लेकिन उस वक्त गणेश मालवीय घर पर मौजूद नहीं थे. पिता की अनुपस्थिति में समर्पण मालवीय जहरीले कोबरा सांप को पकड़ उसे जंगल मे छोड़ दिया, जिस पर स्थानीय प्रशासन ने समर्पण का नाम बहादुरी पुरुस्कार के लिये भेजा था.


जीवन रक्षा अवार्ड पाने वाले समर्पण मालवीय का कहना है कि सांप को पकड़ने का हुनर उन्होंने अपने पिता से सीख था. लेकिन, उन्हें कोबरा सांप को पकड़ते समय डर लग रहा था. जब बच्चों की जान पर बन आई तो समर्पण ने बहादुरी के साथ सांप को पकड़ कर उसे जंगल मे छोड़ दिया. रतलाम कलेक्टर रुचिका चौहान ने समर्पण को अवार्ड मिलने की जानकारी दी और उसकी बहादुरी की प्रशंसा भी की है.

रतलाम। जिले के पिपलौदा में आंगनवाड़ी के बच्चों को कोबरा से बचाने वाले 12 साल के बच्चे समर्पण मालवीय को जीवन रक्षा पदक के लिए चयनित किया गया है.15 अगस्त पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल के हाथों समर्पण को जीवन रक्षा पदक और 1 लाख रुपये का पुरुस्कार दिया जायेगा.

12 साल के बच्चे को मिलेगा जीवन रक्षा पदक


दरअसल 1 साल पहले पिपलौदा की एक आंगनवाड़ी में जहरीला सांप घुस गया था. आंगनवाड़ी में करीब 40 बच्चे मौजूद थे. समर्पण के पिता गणेश मालवीय सांप पकड़ने में माहिर है, लेकिन उस वक्त गणेश मालवीय घर पर मौजूद नहीं थे. पिता की अनुपस्थिति में समर्पण मालवीय जहरीले कोबरा सांप को पकड़ उसे जंगल मे छोड़ दिया, जिस पर स्थानीय प्रशासन ने समर्पण का नाम बहादुरी पुरुस्कार के लिये भेजा था.


जीवन रक्षा अवार्ड पाने वाले समर्पण मालवीय का कहना है कि सांप को पकड़ने का हुनर उन्होंने अपने पिता से सीख था. लेकिन, उन्हें कोबरा सांप को पकड़ते समय डर लग रहा था. जब बच्चों की जान पर बन आई तो समर्पण ने बहादुरी के साथ सांप को पकड़ कर उसे जंगल मे छोड़ दिया. रतलाम कलेक्टर रुचिका चौहान ने समर्पण को अवार्ड मिलने की जानकारी दी और उसकी बहादुरी की प्रशंसा भी की है.

Intro:NOTE-***अवार्ड पाने वाले समर्पण के साँप पकड़ने के फ़ाइल शॉट MAIL द्वारा भेजे है.कृपया ADD करे.***

रतलाम के पिपलौदा में आंगनवाड़ी के बच्चों को कोबरा से बचाने वाले बहादुर बच्चे समर्पण मालवीय को जीवन रक्षा पदक मिलने जा रहा है.15 अगस्त पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल के हाथों समर्पण को जीवन रक्षा पदक और 1 लाख रुपये का पुरुस्कार दिया जायेगा. समर्पण मालवीय ने 1 वर्ष पूर्व पिपलौदा की एक आंगनवाड़ी में घुसे जहरीले साँप को पकड़ कर करीब 40 बच्चों की रक्षा की थी.स्थानीय प्रशासन की अनुशंसा पर समर्पण का चयन जीवन रक्षा पदक के लिये हुआ है


Body:दरअसल 1 वर्ष पूर्व पिपलौदा की एक आंगनवाड़ी में जहरीला सांप घुस गया था .आंगनवाड़ी में करीब 40 बच्चे मौजूद थे.समर्पण के पिता गणेश मालवीय साँप पकड़ने में माहिर है लेकिन उस वक्त गणेश मालवीय घर पर मौजूद नहीं थे.पिता की अनुपस्थिति में समर्पण मालवीय आंगनवाड़ी के 40 बच्चों के लिये जीवन रक्षक बन पहुँच गये और जहरीले कोबरा साँप को पकड़ उसे जंगल मे छोड़ दिया.जिस पर स्थानीय प्रशासन ने समर्पण का नाम बहादुरी पुरुस्कार के लिये भेजा था जिसपर उन्हें जीवन रक्षा पदक के साथ 1 लाख रुपये का पुरुस्कार भी दिया जा रहा है.


Conclusion:जीवन रक्षा अवार्ड पाने वाले समर्पण मालवीय का कहना है कि साँप को पकड़ने का हुनर उन्होंने अपने पिता से सीख था लेकिन उन्हें कोबरा साँप से डर भी लगा था लेकिन जब बच्चों की जान पर बन आई तो समर्पण ने बहादुरी के साथ साँप को पकड़ कर उसे जंगल मे छोड़ दिया. रतलाम कलेक्टर रुचिका चौहान ने समर्पण को अवार्ड मिलने की जानकारी दी और उसकी बहादुरी की प्रशंसा भी की है.

BYTE/01-समर्पण मालवीय(अवार्ड विनर)
BYTE-02-रुचिका चौहान(कलेक्टर ,रतलाम)
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