पिछड़ेपन से झारखंड कैसे बाहर निकलें, इसके रास्ते तलाशने में मैं लगा हुआ हूं: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
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रांची: शुक्रवार को ग्रीन एनर्जी को लेकर झारखंड सरकार और टाटा समूह के बीच एमओयू साइन हुआ. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के पिछड़ेपन को लेकर दुख व्यक्त किया और इससे निकलने के लिए कोशिश करने की बात कही. उन्होंने कहा कि कहने को तो यह राज्य जरूर पिछड़ा राज्य में आता है. लेकिन मुझे यह कहने में तकलीफ होती है कि आखिर यह राज्य पिछड़ा राज्य की लाइन में क्यों खड़ा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड से बहुत सारी ऐतिहासिक कड़ियां जुड़ी हैं. बावजूद यह पिछड़ा राज्य रहा है. उन्होंने कहा कि मैं इसका हल ढूंढने में लगा हूं, लेकिन मुझे अभी तक इसका कोई हल नहीं मिल पाया है. लेकिन प्रयासरत जरूर हूं. उन्होंने कहा कि पिछड़ेपन से हम कैसे बाहर निकलें, इसके रास्ते तलाशने में मैं लगा हुआ हूं. इसके लिए यहां के लोगों के हिसाब से अलग-अलग कार्ययोजना तैयार किए जा रहे हैं. इस दौरान उन्होंने चंद्रयान मिशन की भी सराहना की और इसमें योगदान देने वाले बोकारो के आदिवासी वैज्ञानिक की भी तारीफ की.