साहिबगंज: बोरियो की रबिता पहाड़िया की हत्या के बाद उसकी एक मासूम बेटी की मदद के लिए रविवार को बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ सुरेंद्र नाथ तिवारी के नेतृत्व में एक टीम रबिता के गांव गोडा पहाड़ पहुंची. टीम में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी, चाइल्ड लाइन से मनीष पासवान और पीएलबी बेंजामिन पहाड़िया, मुखिया पुआल टेरेसीना मरांडी, प्रखंड 20 सूत्री सदस्य स्टीफन मुर्मू उपस्थित थे. टीम में शामिल पदाधिकारियों ने उनके परिवार और छोटी बच्ची के बारे में जानकारी ली. साथ ही झारखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए हर संभव मदद दिलाने की बात कही.
रबिता की बच्ची को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा जाएगाः टीम में शामिल अधिकारियों ने कहा कि रबिता की छोटी बच्ची को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा जाएगा. जिसके तहत बच्ची को प्रत्येक माह 2000 रुपए पढ़ाई-लिखाई के लिए दी जाएगी. साथ ही बच्ची का नजदीकी किसी आवासीय विद्यालय में नमांकन कराया जाएगा. रबिता के बेटी को कोई दिक्कत नहीं हो इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा.
जनप्रतिनिधियों से ग्रामीणों को जागरूक करने की अपीलः वहां के ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, चाइल्डलाइन के टॉल फ्री नंबर 1098 की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई. साथ ही वहां पर उपस्थित जनप्रतिनिधि को भी अपने कर्तव्यों के प्रति हमेशा तत्पर होने के लिए और गांव में बच्चों और बड़ों पर होने वाले अत्याचार, शोषण के खिलाफ लोगों में जागरुकता लाने को कहा गया. इस मौके पर बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी, चाइल्डलाइन टीम सदस्य मनीष पासवान, मुखिया टेरेसिना मरांडी, स्टीफन मुर्मू उपस्थि थे.
रबिता का शव 17 दिसंबर को 18 से अधिक टुकड़ों में मिला थाः गौरतलब है कि साहिबगंज का चर्चित हत्याकांड रबिता पहाड़िया का शव 17 दिसंबर को 18 से अधिक टुकड़ों में कई स्थानों से मिला था. इस हत्याकांड में रबिता का पति दिलदार अंसारी समेत 10 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर साहिबगंज मंडल कारा में भेज दिया है. रबिता का सिर्फ एक अंगूठा छोड़कर बाकी अन्य टुकड़ों की पहचान नहीं हो पाई है. रबिता की बहन शीला पहाड़िया ने अंगूठे से अपनी बहन की पहचान की थी. रबिता का सिर्फ जबड़ा मिला था, बाकी सर पुलिस को कई दिनों से तलाश थी. इस बीच शव की पहचान के लिए दुमका में रबिता का कई टुकड़ों का पोस्टमार्टम कराया गया था. डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लिया गया था, ताकि रबिता के माता-पिता से डीएनए मिलाने किया जा सके.