साहिबगंज: सीबीआई की टीम सोमवार की रात 9:15 बजे साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन मामले में तमाम सबूत जुटाकर भागलुपर-रांची वनांचल एक्सप्रेस ट्रेन से रांची लौट गई है. बताते चलें कि 24 अगस्त की सुबह सीबीआई की टीम साहिबगंज पहुंची थी. रांची-भागलपुर वनांचल एक्सप्रेस ट्रेन से सुबह सात बजे साहिबगंज पहुंचने के बाद सीबीआई ने कार्रवाई शुरू कर दी थी. हाईकोर्ट के आदेश पर नींबू पहाड़ पर अवैध खनन और गवाह को मैनेज करने के मामले में सीबीआई जांच के लिए पहुंची थी.
जरूरी दस्तावेज और सबूत जुटाकर सीबीआई की टीम रांची रवानाः पांच दिन तक सीबीआई ने साहिबगंज में आधा दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ करने के बाद जरूरी दस्तावेज लेकर रांची लौट गई. बताया जाता है कि सीबीआई अपने सीनियर अधिकारी से मिलकर इस मुद्दे पर मिले सबूत पर चर्चा कर एक बार फिर साहिबगंज आ सकती है. ईडी के गवाह ग्राम प्रधान विजय हांसदा ने नींबू पहाड़ पर अवैध खनन मामले और गाली-गलौज करने के मामले में आठ लोगों पर एसटी-एससी थाना में केस दर्ज किया है. जिसमें मुख्यमंत्री सह विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, ईडी की गिरफ्त से फरार दाहू यादव, पत्थर कारोबारी छोटू यादव उर्फ विष्णु और इसका भाई पवित्र यादव, अशोक यादव, संजय यादव नामक दो लोग, सुबेस मंडल के खिलाफ मामला दर्ज है.
पंकज मिश्रा और दाहू को छोड़ केस से जुड़े सभी लोगों से हुई पूछताछः मामले में पंकज मिश्रा और दाहू यादव को छोड़कर सीबीआई बाकी से सभी आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है. डीएमओ विभूति कुमार, विजय हांसदा, विजय हांसदा के वकील और नींबू पहाड़ के आसपास रहने वाले ग्रामीणों से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है. सोमवार को सीबीआई ग्राम प्रधान विजय हांसदा और उसके दोनों पुत्रों का खाता खंगालने के लिए महादेवगंज स्थित ग्रामीण बैंक पहुंची थी. वहीं सीबीआई ने साहिबगंज में अवैध खनन के मामले में पहले दिन एसपी नौशाद आलम और डीसी रामनिवास यादव से मुलाकात कर जांच में सहयोग मांगा था और आवश्यक सूचना प्राप्त की थी.
आखिर केस मैनेज करने के लिए कौन डाल रहा था विजय हांसदा पर दबावः बताया जाता है कि सीबीआई अपने साथ बैंक से जुड़े दस्तावेज, साहिबगंज व्यवहार न्यायालय से मिले कागजात और एसटी-एसी थाना से दस्तावेज लेकर रांची लौट गई है. वहीं सीबीआई के लौटने की खबर सुनकर साहिबगंज के पत्थर व्यवसायियों में तरह-तरह की चर्चा हो रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने ग्राम प्रधान विजय हांसदा से केस को मैनेज करने का दबाव बनाने वाले लोगों का नाम पूछा था. लोगों में चर्चा है कि विजया हांसदा ने इस संबंध में सीबीआई को कई अहम जानकारी दी है. अब सीबीआई की जांच के बाद किस पर गाज गिरेगी, यह तो समय ही बताएगा.