रांची: कहते हैं मरने के बाद आत्मा को शांति तब तक नहीं मिलती जब तक उसके शरीर का अंतिम संस्कार न करा दिया जाय. उन्हीं आत्मा की शांति के लिए 24 लावारिश शव का अंतिम संस्कार मुक्ति संस्थान के ओर से जुमार नदी किनारे कराया गया.
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इंसानी शरीर का अंतिम संस्कार किया जाना मानव जाति में एक परंपरा है, चाहे वह व्यक्ति किसी भी धर्म से ताल्लुक रखता हो. मरने के बाद मृतक के परिजन उसके शव का अंतिम संस्कार करते हैं, लेकिन बहुत ऐसे लोग हैं, जिसका मरने के बाद दाह-संस्कार करने वाला कोई नहीं होता है. उसे लावारिस शव माना जाता है. ऐसे सभी शव का अंतिम संस्कार करने का बीड़ा कई सामाजिक संगठनों ने उठाया है. रिम्स में पड़े 24 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार मुक्ति संस्थान ने किया है.