रांची: राज्य के गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा टेट उत्तीर्ण होना अब जरूरी नहीं होगा. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इसे लेकर संकल्प पत्र जारी किया है. मामले को लेकर तमाम शिक्षा पदाधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है.
संकल्प के जरिए संशोधन की सारी जानकारी दी गई
इस संकल्प के जरिए राज्य के गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक सहित प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों की सेवा शर्तों के प्रचलित नियम प्रावधानों में आवश्यक संशोधन की जानकारी भी दी गई है. साथ ही शिक्षकों के वेतन निर्धारण अनुमोदन के लंबित मामलों के निष्पादन के लिए बनाए गए नीति के बारे में भी बताया गया है. बता दें कि इससे पहले एक नियम के तहत कहा जा रहा था की राज्य के गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा टेट उत्तीर्ण होना जरूरी है. लेकिन, अब इस बाध्यता को विभाग ने हटा दिया है. जारी संकल्प के मुताबिक डीएसई कार्यालय में वेतन निर्धारण के लिए लंबित मामले और निदेशालय द्वारा किए गए मामलों पर निर्णय लेने के लिए निदेशालय स्तर पर एक समिति का गठन किया जाएगा.
प्राथमिक शिक्षा निदेशक समिति के होंगे अध्यक्ष
प्राथमिक शिक्षा निदेशक इस समिति के अध्यक्ष होंगे. प्रधान सचिव, सचिव योजना समिति विभाग के मनोनीत अधिकारी विभाग के आंतरिक वित्तीय सलाहकार, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव, सचिव द्वारा मनोनीत अधिकारी और विषय प्रभारी उपनिदेशक, अवर सचिव समिति के सदस्य होंगे. वेतन निर्धारण के अनुमोदन के बाद बकाया अनुदान की राशि के भुगतान के संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक दिशा निर्देश भी जारी कर सकते हैं. वेतन निर्धारण के लिए लंबित मामलों में आंतरिक वित्तीय सलाहकार के सहमति की जरूरत नहीं होगी. वेतन निर्धारण प्रपत्र और जांच प्रपत्र का प्रारूप प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किया जाएगा.