रांची: झारखंड से राज्यसभा की 2 सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है. 11 मार्च को महागठबंधन की तरफ से झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन ने अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया. नामांकन के बाद शिबू सोरेन ने कहा कि सौ फ़ीसदी उनकी जीत पक्की है, इसी बात को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी दोहराया.
शिबू की तरफ से 10 प्रस्तावक
शिबू सोरेन की तरफ से 10 प्रस्तावक बने उनमें जगरनाथ महतो, दिनेश विलियम मरांडी, मिथिलेश कुमार ठाकुर के अलावा निरल पूर्ति और भूषण तिर्की शामिल रहे. इस दौरान मंत्री रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, बादल पत्रलेख के अलावा बंधु तिर्की समेत कई विधायक मौजूद रहे.
झारखंड में फिलहाल दुमका सीट खाली होने की वजह से विधायकों की कुल संख्या 80 है. इस लिहाज से राज्यसभा जाने के लिए 27 विधायकों का समर्थन जरूरी है. पहली प्राथमिकता के वोट के आधार पर गुरुजी की जीत तय है क्योंकि अकेले झामुमो के 29 विधायक हैं. दूसरी सीट के लिए आंकड़ों का खेल चल रहा है. कांग्रेस कोटे से मंत्री रामेश्वर उरांव ने स्पष्ट किया है कि कांग्रेस भी प्रत्याशी उतारेगी और आज शाम तक नाम की घोषणा भी हो जाएगी.
दूसरी सीट के लिए BJP का पलड़ा भारी
वहीं, दूसरी तरफ आज शाम तक भाजपा प्रत्याशी के नाम की भी घोषणा की संभावना है. अब दूसरी सीट पर जीत किसकी होगी यह आंकड़ों पर निर्भर करता है. आंकड़े जो अभी दिखाई दे रहे हैं उस लिहाज से दूसरी सीट पर भाजपा प्रत्याशी की जीत में कोई अड़चन नहीं दिखती, क्योंकि भाजपा के कुल 25 विधायक हैं और उसे सिर्फ 2 विधायकों का समर्थन चाहिए. आजसू के 2 विधायकों को जोड़ दें तो भाजपा मैजिक फिगर को पूरा कर लेगी. कांग्रेस में प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के जाने से विधायकों की कुल संख्या 18 हैं. झामुमो के 29 में से 27 विधायकों का मत पड़ने के बाद दो विधायक कांग्रेस के साथ रहेंगे तब यह संख्या 20 हो जाएगी. कांग्रेस प्रत्याशी के लिए राजद के एक विधायक का भी समर्थन है. इसके बाद सरयू राय और मनोज यादव समेत दो निर्दलीय विधायक, एनसीपी का एक विधायक और भाकपा माले का एक विधायक बचता है, अगर यह मत भी कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में जाते हैं तो उसे कुल 25 मत हासिल होंगे. ऐसी सूरत में दो और विधायकों की जरूरत पड़ेगी. यहां यह भी देखना होगा कि 26 मार्च तक बाबूलाल मरांडी की स्थिति क्या रहती है दूसरी तरफ आजसू का क्या स्टैंड रहता है.