रांची: राजधानी रांची में सेप्टिक टैंक क्लीनिंग के सभी नियमों के पालन का दावा रांची नगर निगम कर रही है, लेकिन सेप्टिक टैंक से निकलने वाले सीवेज के निष्पादन की अब तक कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है. इन सीवेज का ट्रीटमेंट सही तरीके से नहीं किया जा रहा है, जो घातक भी साबित हो सकता है. वहीं सेप्टिक टैंक क्लीनिंग के नाम पर नगर निगम के ओर से निर्धारित शुल्क से भी ज्यादा रुपए वसूले जा रहे हैं.
सेप्टिक टैंक क्लीनिंग के लिए रांची नगर निगम के पास तीन वाहन है, जिसके वजह से निगम के निर्धारित कम शुल्क के तहत सफाई कार्य कराने में कई दिनों तक लोगों को इंतजार करना पड़ता है. हलांकि एक दर्जन से ज्यादा प्राइवेट वाहन सेप्टिक टैंक क्लीनिंग का काम कर रहे हैं. रांची नगर निगम के ओर से जहां एक घर से क्लीनिंग के लिए 1250 रुपये शुल्क निर्धारित हैं और अपार्टमेंट के सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए 2500 रुपये शुल्क निर्धारित हैं, तो वहीं जल्दी सफाई का कार्य किए जाने के एवज में प्राइवेट वाहन के ओर से इस काम के लिए निर्धारित शुल्क से 500 से 700 रुपये अधिक रुपये वसूले जाते हैं. इसके लिए प्राइवेट सेप्टिक टैंक वाहन रांची नगर निगम के बकरी बाजार स्थित स्टोर रूम में रहता है और वहां आने वाले लोगों से जल्द सफाई के नाम पर अतिरिक्त शुल्क लिया जाता है. हालांकि इन प्राइवेट वाहनों के ओर से नगर निगम में रजिस्ट्रेशन कराया गया है, ताकि शहर की बड़ी आबादी के सेप्टिक टैंक क्लीनिंग का भार सिर्फ नगर निगम की तीन गाड़ियों पर ना पड़े.
नियमों के पालन के लिए हो रहा काम
सेप्टिक टैंक क्लीनिंग के नियमों के पालन को लेकर शहर की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि इसके तहत सभी नियमों का पालन किया जा रहा है, उसी के अनुसार रांची नगर निगम के ओर से सेप्टिक टैंक की सफाई कराई जाती है. उन्होंने कहा कि शहर के लोग सफाई के लिए निगम कार्यालय में आवेदन देकर शुल्क जमा करते हैं, जिसके बाद नंबर आने के बाद सेप्टिक टैंक की सफाई की जाती है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए पूरी तरह से नियमों का पालन हो सके, इसके लिए भी काम किए जा रहे हैं और टेंडर भी किया गया है, सीवेज के ठोस निष्पादन के आगे की प्रक्रिया की जाएगी.
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प्लांट लगाकर सीवेज का किया जाएगा निष्पादन
वहीं रांची नगर निगम की स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ किरण कुमारी ने कहा कि नगर निगम का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है, जिसके वजह से खुले में सीवेज को फेंकना पड़ता है, झिरी स्थित डंपयार्ड में गड्ढा कर उसमें सीवेज फेंका जाता है, जो पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके निष्पादन के लिए इंटरनल बातचीत चल रही है, ताकि इसका ट्रीटमेंट सही तरीके से किया जा सके. उन्होंने बताया कि गेल कंपनी के ओर से इसके लिए काम किया जाएगा, फिलहाल गेल कंपनी को झिरी स्थित डंपिंग यार्ड के 42 एकड़ जमीन में से 6 एकड़ जमीन मुहैया कराया गया है, जबकि 36 एकड़ जमीन खाली हो जाएगा. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में नगर निगम की योजना है कि प्लांट लगाकर सीवेज का निष्पादन किया जाए.
लोगों को हो रही परेशानी
रांची नगर निगम के ओर से सीवेज ट्रीटमेंट के लिए योजना बनाई गई है, लेकिन जब तक सही मायने में ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लग जाता. तब तक इससे पर्यावरण को भी खतरा है, साथ ही खुले नाले और खुले स्थानों पर सीवेज के डंप की वजह से आम लोगों को भी खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.