रांची: नियोजन नीति को लेकर छात्रों का महाआंदोलन शुरू हो गया है. पहले दिन सीएम आवास घेराव करने के लिए बड़ी संख्या में छात्र मोरहाबादी मैदान पहुंचे. इस दौरान छात्रों के द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. नियोजन नीति में किए गए संशोधन और 60-40 के फार्मूले से नाराज छात्रों ने मुख्यमंत्री को इसके लिए दोषी मानते हुए बाहरी प्रेम होने का आरोप लगाया.
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नाराज छात्रों ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि बिहार और अन्य राज्यों में वहां के स्थानीय युवाओं के लिए सरकारी नौकरी में डोमिसाइल की व्यवस्था है, लेकिन झारखंड में कमजोर शासन व्यवस्था के कारण यहां पूरे देश भर के लोगों के लिए सरकारी नौकरी पाने का द्वार खोल कर रखा गया है. इससे यहां के मूलवासी छात्रों का अहित होगा. सरकार अगर छात्रों के आंदोलन को नजरअंदाज करती है तो इसका खामियाजा 2024 के चुनाव के दौरान देखने को मिलेगा.
छात्र आंदोलन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती: 72 घंटे के महाआंदोलन के पहले दिन छात्रों के द्वारा मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाना है. इसको देखते हुए मोरहाबादी मैदान से लेकर सीएम आवास तक 10 बैरिकेडिंग प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां भारी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया है. इसके अलावा सादे लिबास में पुलिस वालों को भी छात्रों की भीड़ के पास प्रतिनियुक्त किया गया है. जिला प्रशासन के द्वारा मोरहाबादी से लेकर सीएम आवास तक धारा 144 लागू करने के साथ-साथ पुलिस गश्ती तेज कर दी गई है. जिससे आंदोलनरत छात्र मुख्यमंत्री आवास तक नहीं पहुंच सके. छात्रों के कई बड़े नेताओं को पुलिस ने नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए भी बुलाया है. यदि धारा 144 का उल्लंघन किया जाएगा तो प्रशासन के द्वारा कार्रवाई करने की भी तैयारी की गई है.
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महाआंदोलन के दूसरे दिन यानी मंगलवार को छात्रों के द्वारा हर जिलों में मशाल जुलूस निकालकर 19 अप्रैल के झारखंड बंद को सफल बनाने का आह्वान किया जाएगा. 19 अप्रैल को आवश्यक सेवा को छोड़कर सभी गतिविधियों को ठप करने की चेतावनी छात्रों ने दी है. गौरतलब है कि नियोजन नीति के खिलाफ झारखंड के विभिन्न छात्र संघ के द्वारा झारखंड बंद का समर्थन किया गया है.