ETV Bharat / state

समस्याओं के मकड़जाल में फंसा है लोहरदगा का मड़ुआपाट गांव, झंझावतों से जूझ रहे ग्रामीण - MADUAPAT VILLAGE OF LOHARDAGA

लोहरदगा के कई ऐसे गांव हैं जहां अब तक विकास की किरण नहीं पहुंची है. ऐसा ही एक गांव है मड़ुआपाट.

Maduapat Village Of Lohardaga
मड़ुआपाट गांव के ग्रामीण. (फोटो-ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 6, 2025, 2:11 PM IST

लोहरदगाः जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मड़ुआपाट गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. यह गांव किस्को प्रखंड की पाखर पंचायत में पड़ता है. यहां के ग्रामीण हर दिन संघर्ष करने को विवश है. कभी बॉक्साइट के लिए प्रसिद्ध इस गांव में अब तक विकास की किरण नहीं पहुंची है.

पानी के लिए पहाड़ी झरने हैं सहारा

मड़ुआपाट गांव में लोगों को पानी के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. विशेष तौर पर गर्मी के मौसम में जब झरना सूख जाता है, तब उन्हें पीने का पानी तक नहीं मिल पाता है. लोग कई किलोमीटर जंगली और पहाड़ी रास्ता तय कर पानी ढूंढ कर लाते हैं. तब जाकर उनकी प्यास बुझती है. शासन और प्रशासन की ओर से अब तक मड़ुआपाट गांव के ग्रामीणों की समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया गया है.

लोहरदगा के मड़ुआपाट गांव की रिपोर्ट और समस्याओं की जानकारी देते ग्रामीण. (वीडियो-ईटीवी भारत)

प्रकृति पर निर्भर है खेती

आपको बता दें कि मड़ुआपाट में नगेसिया समुदाय के लोग रहते हैं. उनकी जिंदगी जंगली उत्पादों पर ही निर्भर है. सिंचाई का साधन नहीं होने की वजह से ग्रामीण खेती नहीं कर पाते हैं. गांव में खेती प्रकृति पर ही निर्भर है. प्रकृति रूठ जाए तो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल है. यहां तक कि गांव में पेयजल की भी घोर समस्या है. यहां ग्रामीणों की जिंदगी काफी चुनौतीपूर्ण हो चुकी है. रोजगार की तलाश में कई बार ग्रामीणों को पलायन करना पड़ता है. कोई बीमार पड़ जाए तो उसके इलाज को लेकर चुनौती का सामना करना पड़ता है.

गांव में न बिजली है और न ही सड़क

गांव में न पक्की सड़क है और न ही बिजली की सुविधा. यहां तक कि गांव में एक पक्का मकान तक नहीं है. यहां के ग्रामीण कच्चे घरों में रहने को विवश हैं. इस कारण बरसात के समय ग्रामीणों की परेशानी बढ़ जाती है. मड़ुआपाट गांव के लोगों की जिंदगी सरकार की योजनाओं और दावों पर बड़ा सवाल है. जिसमें सरकार के अधिकारी कहते हैं कि हम समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी योजनाओं का लाभ देंगे.

Maduapat Village Of Lohardaga
लोहरदगा के मड़ुआपाट गांव में कच्चा मकान. (फोटो-ईटीवी भारत)

ग्रामीणों की समस्याओं का होगा समाधानः डीडीसी

इस संबंध में लोहरदगा के डीडीसी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने कहा कि मड़ुआपाट में मूलभूत समस्या की जानकारी मिली है. गांव में बिजली का पोल है, लेकिन बिजली नहीं है. वहीं गांव में रोड कनेक्टिविटी की समस्या है. लोगों को राशन और पानी के लिए काफी दूर पैदल चलना पड़ता है. मामले पर संज्ञान लिया गया है. जल्द ही संबंधित विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा.

ये भी पढ़ें-

लोहरदगा के इस गांव में 'विकास' को पहुंचने के लिए नहीं मिला रास्ता, आदिम युग में जी रहे लोग - BASIC FACILITIES IN PULUNG VILLAGE

लोहरदगा के पहाड़ी गांव में विकास की बत्ती गुल, बिजली के नाम पर सिर्फ पोल और मीटर! - ईटीवी भारत न्यूज

खटिया पर सिस्टम: गांव तक नहीं पहुंची एंबुलेंस, खाट पर लादकर बीमार महिला को पहुंचाया अस्पताल - चाईबासा न्यूज

लोहरदगाः जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मड़ुआपाट गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. यह गांव किस्को प्रखंड की पाखर पंचायत में पड़ता है. यहां के ग्रामीण हर दिन संघर्ष करने को विवश है. कभी बॉक्साइट के लिए प्रसिद्ध इस गांव में अब तक विकास की किरण नहीं पहुंची है.

पानी के लिए पहाड़ी झरने हैं सहारा

मड़ुआपाट गांव में लोगों को पानी के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. विशेष तौर पर गर्मी के मौसम में जब झरना सूख जाता है, तब उन्हें पीने का पानी तक नहीं मिल पाता है. लोग कई किलोमीटर जंगली और पहाड़ी रास्ता तय कर पानी ढूंढ कर लाते हैं. तब जाकर उनकी प्यास बुझती है. शासन और प्रशासन की ओर से अब तक मड़ुआपाट गांव के ग्रामीणों की समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया गया है.

लोहरदगा के मड़ुआपाट गांव की रिपोर्ट और समस्याओं की जानकारी देते ग्रामीण. (वीडियो-ईटीवी भारत)

प्रकृति पर निर्भर है खेती

आपको बता दें कि मड़ुआपाट में नगेसिया समुदाय के लोग रहते हैं. उनकी जिंदगी जंगली उत्पादों पर ही निर्भर है. सिंचाई का साधन नहीं होने की वजह से ग्रामीण खेती नहीं कर पाते हैं. गांव में खेती प्रकृति पर ही निर्भर है. प्रकृति रूठ जाए तो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल है. यहां तक कि गांव में पेयजल की भी घोर समस्या है. यहां ग्रामीणों की जिंदगी काफी चुनौतीपूर्ण हो चुकी है. रोजगार की तलाश में कई बार ग्रामीणों को पलायन करना पड़ता है. कोई बीमार पड़ जाए तो उसके इलाज को लेकर चुनौती का सामना करना पड़ता है.

गांव में न बिजली है और न ही सड़क

गांव में न पक्की सड़क है और न ही बिजली की सुविधा. यहां तक कि गांव में एक पक्का मकान तक नहीं है. यहां के ग्रामीण कच्चे घरों में रहने को विवश हैं. इस कारण बरसात के समय ग्रामीणों की परेशानी बढ़ जाती है. मड़ुआपाट गांव के लोगों की जिंदगी सरकार की योजनाओं और दावों पर बड़ा सवाल है. जिसमें सरकार के अधिकारी कहते हैं कि हम समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी योजनाओं का लाभ देंगे.

Maduapat Village Of Lohardaga
लोहरदगा के मड़ुआपाट गांव में कच्चा मकान. (फोटो-ईटीवी भारत)

ग्रामीणों की समस्याओं का होगा समाधानः डीडीसी

इस संबंध में लोहरदगा के डीडीसी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने कहा कि मड़ुआपाट में मूलभूत समस्या की जानकारी मिली है. गांव में बिजली का पोल है, लेकिन बिजली नहीं है. वहीं गांव में रोड कनेक्टिविटी की समस्या है. लोगों को राशन और पानी के लिए काफी दूर पैदल चलना पड़ता है. मामले पर संज्ञान लिया गया है. जल्द ही संबंधित विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा.

ये भी पढ़ें-

लोहरदगा के इस गांव में 'विकास' को पहुंचने के लिए नहीं मिला रास्ता, आदिम युग में जी रहे लोग - BASIC FACILITIES IN PULUNG VILLAGE

लोहरदगा के पहाड़ी गांव में विकास की बत्ती गुल, बिजली के नाम पर सिर्फ पोल और मीटर! - ईटीवी भारत न्यूज

खटिया पर सिस्टम: गांव तक नहीं पहुंची एंबुलेंस, खाट पर लादकर बीमार महिला को पहुंचाया अस्पताल - चाईबासा न्यूज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.