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रांची: फुटपाथ दुकानदार कोरोना को दे रहे आमंत्रण, आम लोग और जिला प्रशासन बेपरवाह

झारखंड में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए 31 जुलाई तक लॉकडाउन लगा दिया गया है. लोगों को गाइडलाइन का पालन कराने को लेकर जिला प्रशासन समय-समय पर जांच भी कर रहा है, लेकिन अब भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो लगातार सरकारी गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

Pavement shopkeepers violating guidelines of Kovid-19 in ranchi
फूटपाथ दुकानों पर लोगों की भीड़
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Published : Jul 13, 2020, 8:19 PM IST

Updated : Jul 13, 2020, 9:38 PM IST

रांची: कोविड-19 के वजह से झारखंड में 31 जुलाई तक लॉकडाउन घोषित है. हालांकि इस दौरान कई रियायत भी दी गई है, साथ ही जिला प्रशासन समय-समय पर कोविड-19 से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन की जांच भी कर रही है और कार्रवाई भी कर रही है, लेकिन जिला प्रशासन का ध्यान फुटपाथ पर लगाए जाने वाले खाद्य सामग्रियों के दुकान पर न के बराबर है. जिस तरह से फुटपाथ पर खाद सामग्री की दुकान कोविड-19 से बचाव की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रही है. वह कहीं न कहीं कोरोना संक्रमण को दावत देने का काम कर रही हैं.

देखें पूरी खबर


फुटपाथ दुकानदार उड़ा रहे गाइडलाइन की धज्जियां
झारखंड में कोरोना का कहर लगातार बढ़ते जा रहा है. राजधानी रांची भी इससे अछूता नहीं रही है, लेकिन फिर भी इससे बचने के उपायों को लेकर लोग बेपरवाह नजर आ रहे हैं. कोविड-19 से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन को पालन कराने में जिला प्रशासन की ओर से कोई खास कड़ाई नहीं की जा रही है. ऐसे में राजधानी रांची के फुटपाथ पर लगाने खाद्य सामग्रियों की दुकान कोरोना को आमंत्रण देने का काम कर रही हैं. आम लोग भी सड़क किनारे बिना गाइडलाइन के लगने वाली फुचका चाट, फ़ास्ट फूड, समोसे, कचौड़ी समेत अन्य ठेले की दुकानों में अपनी पेट की आग बुझा रहे हैं, जो कोरोना संक्रमण को बढ़ावा देने के लिए आग में घी डालने का काम कर रहा है.



दुकानों में आते हैं कम ग्राहक
शहर के हेहल डाक ऑफिस के पास फुचका चाट की दुकान लगाने वाले राजेंद्र बताते हैं कि पहले की तुलना में कस्टमर कम आते हैं और उनकी बिक्री भी कम होती है, जबकि कोविड-19 से बचाव के दिए गए सभी गाइडलाइन का पालन उनके ओर से किया जा रहा है, हालांकि जिस समय उनसे बात की गई. उस समय न ही सही तरिके से उन्होंने मास्क लगाया था और न ही उनके हाथ में ग्लब्स थे. ठेले पर मक्खियां भिनभिनाती दिखी और ग्राहक भी बेपरवाह फुचका का सेवन करते दिखे.


इसे भी पढ़ें:- झारखंड में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार गंभीर, 'वल्नरेबल डिस्ट्रिक्ट' पर विशेष नजर


जागरूकता की जरूरत
राजधानी रांची में ये सिर्फ एक फुटपाथ खाद्य सामग्री के दुकान की स्थिति नहीं है, बल्कि ज्यादातर लोग को कोविड 19 से बचाव के गाइडलाइन को दरकिनार कर रोजगार कर रहे हैं. ऐसे में साफ सफाई का दावा करना जहां खुद और समाज को धोखा देना है, साथ ही कोरोना करियर बनाने की दिशा में कदम माना जा सकता है. इस लिहाज से सिर्फ जिला प्रशासन को भी दोषी ठहराना सही नहीं होगा, बल्कि आम लोगों को खुद जागरूक होने की जरूरत है, तभी कोरोना संक्रमण को फैलने से बचाया जा सकता है.

रांची: कोविड-19 के वजह से झारखंड में 31 जुलाई तक लॉकडाउन घोषित है. हालांकि इस दौरान कई रियायत भी दी गई है, साथ ही जिला प्रशासन समय-समय पर कोविड-19 से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन की जांच भी कर रही है और कार्रवाई भी कर रही है, लेकिन जिला प्रशासन का ध्यान फुटपाथ पर लगाए जाने वाले खाद्य सामग्रियों के दुकान पर न के बराबर है. जिस तरह से फुटपाथ पर खाद सामग्री की दुकान कोविड-19 से बचाव की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रही है. वह कहीं न कहीं कोरोना संक्रमण को दावत देने का काम कर रही हैं.

देखें पूरी खबर


फुटपाथ दुकानदार उड़ा रहे गाइडलाइन की धज्जियां
झारखंड में कोरोना का कहर लगातार बढ़ते जा रहा है. राजधानी रांची भी इससे अछूता नहीं रही है, लेकिन फिर भी इससे बचने के उपायों को लेकर लोग बेपरवाह नजर आ रहे हैं. कोविड-19 से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन को पालन कराने में जिला प्रशासन की ओर से कोई खास कड़ाई नहीं की जा रही है. ऐसे में राजधानी रांची के फुटपाथ पर लगाने खाद्य सामग्रियों की दुकान कोरोना को आमंत्रण देने का काम कर रही हैं. आम लोग भी सड़क किनारे बिना गाइडलाइन के लगने वाली फुचका चाट, फ़ास्ट फूड, समोसे, कचौड़ी समेत अन्य ठेले की दुकानों में अपनी पेट की आग बुझा रहे हैं, जो कोरोना संक्रमण को बढ़ावा देने के लिए आग में घी डालने का काम कर रहा है.



दुकानों में आते हैं कम ग्राहक
शहर के हेहल डाक ऑफिस के पास फुचका चाट की दुकान लगाने वाले राजेंद्र बताते हैं कि पहले की तुलना में कस्टमर कम आते हैं और उनकी बिक्री भी कम होती है, जबकि कोविड-19 से बचाव के दिए गए सभी गाइडलाइन का पालन उनके ओर से किया जा रहा है, हालांकि जिस समय उनसे बात की गई. उस समय न ही सही तरिके से उन्होंने मास्क लगाया था और न ही उनके हाथ में ग्लब्स थे. ठेले पर मक्खियां भिनभिनाती दिखी और ग्राहक भी बेपरवाह फुचका का सेवन करते दिखे.


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जागरूकता की जरूरत
राजधानी रांची में ये सिर्फ एक फुटपाथ खाद्य सामग्री के दुकान की स्थिति नहीं है, बल्कि ज्यादातर लोग को कोविड 19 से बचाव के गाइडलाइन को दरकिनार कर रोजगार कर रहे हैं. ऐसे में साफ सफाई का दावा करना जहां खुद और समाज को धोखा देना है, साथ ही कोरोना करियर बनाने की दिशा में कदम माना जा सकता है. इस लिहाज से सिर्फ जिला प्रशासन को भी दोषी ठहराना सही नहीं होगा, बल्कि आम लोगों को खुद जागरूक होने की जरूरत है, तभी कोरोना संक्रमण को फैलने से बचाया जा सकता है.

Last Updated : Jul 13, 2020, 9:38 PM IST

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