रांचीः राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में एक बार फिर मानवता शर्मसार हुई है. रिम्स में इमरजेंसी के बाहर मरीज तड़पता रहा लेकिन किसी ने सुध नहीं ली. दूसरे मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि मरीज 24 घंटे से अधिक समय से इमरजेंसी के बाहर तड़प रहा था. मामला मीडिया तक पहुंचा तो उसका इलाज शुरू कराया गया.
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मामला मेडिसिन फ्लोर से जुड़ा है. यहां एक शख्स लावारिस पड़ा हुआ था, उसके सिर पर गहरे जख्म थे. हाथ में इंजेक्शन देने के लिए जेलको किट भी लगी थी. इससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि या तो मरीज रिम्स में भर्ती था और उसे बाहर कॉरिडोर में फेंक दिया गया था. या फिर कहीं से शुरुआती इलाज के बाद भर्ती करने के लिए लाया गया था. लेकिन उसे भर्ती करने के बजाय, कॉरिडोर में लावारिस हालत में छोड़ दिया गया. इस बारे में ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल करने की कोशिश की तो कोई बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ.
...और तब शुरू हुआ इलाज
रिम्स में इलाज कराने आए दूसरे मरीजों के परिजनों ने बताया कि यह शख्स कल (24 घंटे) से इमरजेंसी के बाहर पड़ा था. लेकिन इसको भर्ती नहीं किया गया. बाद में ईटीवी भारत के संवाददाता ने इसकी जानकारी रिम्स प्रबंधन को दी. तब जाकर रिम्स के गार्ड हरकत में आए और मरीज को इमरजेंसी में जगह मिली. फिलहाल मरीज का इलाज शुरू कर दिया गया है.
मरीज का नहीं चला पता
अभी तक यह पता नहीं चला है कि कॉरिडोर में पड़ा मरीज कौन है, कहां से आया है और वह कैसे जख्मी हुआ है? खास बात है कि इस मरीज का कोई अटेंडेंट भी नहीं है. अभी तक मरीज के जख्मी होने के कारणों का भी पता नहीं चल पाया है.