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रांचीः ऑनलाइन कार्यशाला 'कॉमन योग प्रोटोकॉल' का आयोजन, योग के महत्व पर डाला गया प्रकाश

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Published : May 27, 2021, 11:20 AM IST

रांची में रेडियो खांची 90.4 एफएम और कई संस्थाओं ने मिलकर एक दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला 'कॉमन योग प्रोटोकॉल' का आयोजन किया जिसमें मुख्य रूप से योगा के बारे में बताया गया. इस मौके पर कई स्कूल के शिक्षकों और बच्चों ने हिस्सा लिया.

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कॉमन योग प्रोटोकॉल का आयोजन

रांची: कोरोना काल के बीच रेडियो खांची 90.4 एफएम, स्कूल ऑफ योग, रांची विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला, 'कॉमन योग प्रोटोकॉल' का आयोजन किया गया.

ये भी पढ़े- निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ झारखंड अभिभावक संघ का वर्चुअल धरना, 28 मई को मनाएंगे डिजिटल काला दिवस

इस कार्यशाला की मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर कामिनी कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि योग से ना सिर्फ शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है, बल्कि विश्व शांति की स्थापना में यह प्रमुख भूमिका निभा रहा है. आज विश्व के सभी हिस्सों में जब करोना महामारी अपना प्रकोप दिखा रहा है, तो ध्यान और प्राणायाम जैसी विधियां सांसों की डोर को थाम कर रखे हैं.

उन्होंने सभी एनएसएस वॉलिंटियर्स से यह कहा कि 'कॉमन योग प्रोटोकॉल' का जो कोर्स आयुष मंत्रालय भारत सरकार करवा रही है और जो 1 जून से प्रारंभ होगा, उसमें भाग लेकर आप एक प्रामाणिक सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि विद्यार्थी योग सीखें और कम से कम अपने घर और अपने दोस्तों को सिखाएं. उन्होंने साफ -सफाई और स्वच्छता जैसे विचारों को भी समाज में फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

कोरोना काल में एनएसएस की अहम भूमिका

एनएसएस के राज्य पदाधिकारी डॉ. बृजेश कुमार ने बताया कि राज्य भर में एनएसएस के विद्यार्थी कोरोना महामारी में सजग वॉलिंटियर के रूप में सहायता प्रदान कर रहे हैं. इसी क्रम में स्कूल ऑफ योग की निदेशक डॉ टूलु सरकार ने 'कॉमन योग प्रोटोकॉल' के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया योग एक ऐसी विधि है, जिसके लिए कोई पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है.

आप जहां हैं, वहीं पर साफ जगह पर या आसन बिछाकर ध्यान, आसन, प्राणायाम जैसी विधियों को करके अपने शरीर, मन और अध्यात्म का विकास कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि स्कूल ऑफ योग निरंतर योग की पढ़ाई -लिखाई पर जोर दे रहा है जिससे कि विद्यार्थी इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकें और रिसर्च के प्रति उनकी दिलचस्पी बढ़े.

ऑनलाइन योग ट्रेनिंग

डॉ आनंद कुमार ठाकुर, निदेशक रेडियो खांची सह कोऑर्डिनेटर, स्कूल ऑफ योग, रांची विश्वविद्यालय ने सभी के समक्ष पीपीटी के माध्यम से यह बताया कि किस प्रकार आयुष मंत्रालय भारत सरकार योग एप्रीशिएशन कार्यक्रम में ऑनलाइन भाग लेकर सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि 21 जून 2021 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए 1 जून से 'कॉमन योग प्रोटोकॉल' की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी. इस संबंध में जानकारी रेडियो खांची 90.4 एफ एम के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है.

कॉमन योग प्रोटोकॉल की योगासनों की विधियों को स्कूल ऑफ योग, रांची विश्वविद्यालय की शिक्षिका संतोषी कुमारी ने सबके समक्ष प्रस्तुत किया तथा उनके लाभों के बारे में भी बताया. उन्होंने वृक्षासन, ताड़ासन, भुजंगासन, शलभासन, अनुलोम विलोम , भ्रामरी प्राणायाम आदि योग क्रियाओं के बारे में सभी विद्यार्थियों को करने की विधियों को सिखाया जिसे सभी प्रतिभागियों ने साथ में अभ्यास कर सीखा.

कई कॉलेजों के शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी जुड़े

इस अवसर पर संतोष बीएड कॉलेज के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ हेमंत कुमार और अविराम बीएड कॉलेज की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अपर्णा मिश्रा समेत 20 विभागों और कॉलेजों से विद्यार्थी जुड़े थे.

रांची: कोरोना काल के बीच रेडियो खांची 90.4 एफएम, स्कूल ऑफ योग, रांची विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला, 'कॉमन योग प्रोटोकॉल' का आयोजन किया गया.

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इस कार्यशाला की मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर कामिनी कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि योग से ना सिर्फ शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है, बल्कि विश्व शांति की स्थापना में यह प्रमुख भूमिका निभा रहा है. आज विश्व के सभी हिस्सों में जब करोना महामारी अपना प्रकोप दिखा रहा है, तो ध्यान और प्राणायाम जैसी विधियां सांसों की डोर को थाम कर रखे हैं.

उन्होंने सभी एनएसएस वॉलिंटियर्स से यह कहा कि 'कॉमन योग प्रोटोकॉल' का जो कोर्स आयुष मंत्रालय भारत सरकार करवा रही है और जो 1 जून से प्रारंभ होगा, उसमें भाग लेकर आप एक प्रामाणिक सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि विद्यार्थी योग सीखें और कम से कम अपने घर और अपने दोस्तों को सिखाएं. उन्होंने साफ -सफाई और स्वच्छता जैसे विचारों को भी समाज में फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

कोरोना काल में एनएसएस की अहम भूमिका

एनएसएस के राज्य पदाधिकारी डॉ. बृजेश कुमार ने बताया कि राज्य भर में एनएसएस के विद्यार्थी कोरोना महामारी में सजग वॉलिंटियर के रूप में सहायता प्रदान कर रहे हैं. इसी क्रम में स्कूल ऑफ योग की निदेशक डॉ टूलु सरकार ने 'कॉमन योग प्रोटोकॉल' के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया योग एक ऐसी विधि है, जिसके लिए कोई पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है.

आप जहां हैं, वहीं पर साफ जगह पर या आसन बिछाकर ध्यान, आसन, प्राणायाम जैसी विधियों को करके अपने शरीर, मन और अध्यात्म का विकास कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि स्कूल ऑफ योग निरंतर योग की पढ़ाई -लिखाई पर जोर दे रहा है जिससे कि विद्यार्थी इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकें और रिसर्च के प्रति उनकी दिलचस्पी बढ़े.

ऑनलाइन योग ट्रेनिंग

डॉ आनंद कुमार ठाकुर, निदेशक रेडियो खांची सह कोऑर्डिनेटर, स्कूल ऑफ योग, रांची विश्वविद्यालय ने सभी के समक्ष पीपीटी के माध्यम से यह बताया कि किस प्रकार आयुष मंत्रालय भारत सरकार योग एप्रीशिएशन कार्यक्रम में ऑनलाइन भाग लेकर सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि 21 जून 2021 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए 1 जून से 'कॉमन योग प्रोटोकॉल' की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी. इस संबंध में जानकारी रेडियो खांची 90.4 एफ एम के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है.

कॉमन योग प्रोटोकॉल की योगासनों की विधियों को स्कूल ऑफ योग, रांची विश्वविद्यालय की शिक्षिका संतोषी कुमारी ने सबके समक्ष प्रस्तुत किया तथा उनके लाभों के बारे में भी बताया. उन्होंने वृक्षासन, ताड़ासन, भुजंगासन, शलभासन, अनुलोम विलोम , भ्रामरी प्राणायाम आदि योग क्रियाओं के बारे में सभी विद्यार्थियों को करने की विधियों को सिखाया जिसे सभी प्रतिभागियों ने साथ में अभ्यास कर सीखा.

कई कॉलेजों के शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी जुड़े

इस अवसर पर संतोष बीएड कॉलेज के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ हेमंत कुमार और अविराम बीएड कॉलेज की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अपर्णा मिश्रा समेत 20 विभागों और कॉलेजों से विद्यार्थी जुड़े थे.

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