रांची: झारखंड में नई सरकार के गठन के बाद कांग्रेस के अंदर बोर्ड, निगम और आयोग में पद पाने की लड़ाई तेज हो गई है. कांग्रेस के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अब प्रदेश प्रवक्ताओं ने भी बोर्ड, निगम और आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को बदलने की मांग तेज कर दी है.
प्रदेश प्रवक्ता निरंजन पासवान और जगदीश साहू ने राज्य में बोर्ड, निगम और आयोगों में कांग्रेस कोटे से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या सदस्यों को बदलने की मांग कर कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. प्रदेश प्रवक्ता निरंजन पासवान ने कहा कि जिस कांग्रेस नेता के परिवार के पास 12 वोट हैं और उसके बूथ पर पार्टी या सहयोगी दलों को 02 वोट मिले हैं, उन नेताओं को गणेश परिक्रमा के कारण बोर्ड, निगम और आयोग में पद मिल जाता है, जबकि पार्टी के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले नेताओं की उपेक्षा की जाती है.
उन्होंने कहा कि एक चना बेचने वाला भी अपनी बिक्री और लाभ-हानि का हिसाब रखता है, लेकिन कांग्रेस ऐसे लोगों को पद और सम्मान देती है, जो लोग कांग्रेस में चाटुकारिता और गणेश परिक्रमा में लगे हैं, जिनकी कोई सामाजिक और जातिगत पहुंच नहीं है और समाज में कोई पकड़ नहीं है, ऐसे लोगों को कांग्रेस में पद दिया जाता है. निरंजन पासवान ने कहा कि कांग्रेस को लाभ पहुंचाने के लिए सारे काम होने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. वहीं प्रदेश प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा कि नई सरकार बनी है तो नए लोगों को मौका मिलना चाहिए.
राज्य में कांग्रेस कोटे से अध्यक्ष-उपाध्यक्ष वाले आयोगों-बोर्डों-निगमों में फेरबदल को लेकर पार्टी के अंदर से उठ रही मांग का प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि समय आने पर सारे बदलाव कर दिए जाएंगे. समय आने पर सही निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन आयोगों, बोर्डों और निगमों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है, उन्हें समय से पहले नहीं बदला जाएगा.
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