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16 सितंबर तक 10 लाख मजदूरों को काम मुहैया कराने का लक्ष्य: सिद्धार्थ त्रिपाठी - MNREGA commissioner holds meeting with all BRC

झारखंड में हर मजदूर को काम मिले इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से ताबड़तोड़ बैठकों का दौर जारी है. 20 अगस्त को मनरेगा आयुक्त ने सोशल ऑडिट यूनिट के सभी बीआरसी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जिलावार वर्क डिमांड की समीक्षा की. समीक्षा बैठक के दौरान स्पष्ट हिदायत दी गई है कि कहीं से भी गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर संबंधित पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.

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मनरेगा उपायुक्त की बैठक
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Published : Aug 20, 2020, 9:58 PM IST

रांची: कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्र के अकुशल श्रमिकों को मनरेगा से जुड़कर काम मुहैया कराना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है. हर मजदूर को काम मिले इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से ताबड़तोड़ बैठकों का दौर जारी है. 20 अगस्त को मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने सोशल ऑडिट यूनिट के सभी बीआरसी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जिलावार वर्क डिमांड की समीक्षा की. 16 सितंबर तक 10 लाख मजदूरों के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया.

दरअसल, हर जरूरतमंद तक मनरेगा का लाभ पहुंचाने के लिए 500 सोशल ऑडिट यूनिट टीम के 1000 सदस्यों के जरिए रोजगार सृजन का अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत अब तक ढाई लाख मजदूरों ने काम मांगा है. इनमें से एक लाख 19 हजार 273 मजदूरों को काम मुहैया करा दिया गया है. समीक्षा बैठक के दौरान मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने सोशल ऑडिट यूनिट के सदस्यों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि मनरेगा मजदूरों को काम मुहैया कराने के साथ-साथ समय पर भुगतान सुनिश्चित कराना है.

इसे भी पढ़ें:- कोरोना संक्रमित मंत्री बन्ना गुप्ता ने RAT की रिपोर्ट पर भरोसा किया होता तो खड़ी हो जाती बड़ी मुसीबत, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

मनरेगा आयुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को मनरेगा के तहत किए जा रहे कार्यों के निरंतर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा है. समीक्षा बैठक के दौरान स्पष्ट हिदायत दी गई है कि कहीं से भी गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर संबंधित पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी. आपको बता दें कि 27 जुलाई से मनरेगा कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इसकी वजह से मनरेगा से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन का काम प्रभावित ना हो इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से तमाम उपाय किए जा रहे हैं.

रांची: कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्र के अकुशल श्रमिकों को मनरेगा से जुड़कर काम मुहैया कराना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है. हर मजदूर को काम मिले इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से ताबड़तोड़ बैठकों का दौर जारी है. 20 अगस्त को मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने सोशल ऑडिट यूनिट के सभी बीआरसी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जिलावार वर्क डिमांड की समीक्षा की. 16 सितंबर तक 10 लाख मजदूरों के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया.

दरअसल, हर जरूरतमंद तक मनरेगा का लाभ पहुंचाने के लिए 500 सोशल ऑडिट यूनिट टीम के 1000 सदस्यों के जरिए रोजगार सृजन का अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत अब तक ढाई लाख मजदूरों ने काम मांगा है. इनमें से एक लाख 19 हजार 273 मजदूरों को काम मुहैया करा दिया गया है. समीक्षा बैठक के दौरान मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने सोशल ऑडिट यूनिट के सदस्यों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि मनरेगा मजदूरों को काम मुहैया कराने के साथ-साथ समय पर भुगतान सुनिश्चित कराना है.

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मनरेगा आयुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को मनरेगा के तहत किए जा रहे कार्यों के निरंतर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा है. समीक्षा बैठक के दौरान स्पष्ट हिदायत दी गई है कि कहीं से भी गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर संबंधित पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी. आपको बता दें कि 27 जुलाई से मनरेगा कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इसकी वजह से मनरेगा से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन का काम प्रभावित ना हो इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से तमाम उपाय किए जा रहे हैं.

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