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झारखंड कैबिनेट की बैठक 10 नवंबर को, लाखों को संविदाकर्मियों को मिल सकती है स्थायीकरण की सौगात - कैबिनेट की बैठक में स्थानीयता

झारखंड कैबिनेट की बैठक गुरुवार दस नवंबर को है. इसमें संविदाकर्मियों को स्थायीकरण की सौगात मिल सकती है. इसके अलावा 1932 खतियान आधारित स्थानीयता में संशोधन पर फैसला हो सकता है.

Jharkhand cabinet meeting
झारखंड कैबिनेट की बैठक
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Published : Nov 9, 2022, 4:17 PM IST

रांची: संविदाकर्मियों को स्थायी करने पर इन दिनों राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. घोषणा के अनुरूप गुरुवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगने की संभावना है, इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में स्थानीयता को लेकर पूर्व में लिए गए निर्णय में संशोधन भी हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें- MS Dhoni ने किया शानदार आगाज, जीत के साथ टेनिस टूर्नामेंट के दूसरे दौर में पहुंचे


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में 10 नवंबर गुरुवार को कैबिनेट की बैठक होगी. झारखंड मंत्रालय में शाम 4 बजे से होने वाली बैठक में संविदाकर्मियों को स्थायी करने संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लगने की संभावना है. यदि कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिल जाती है तो लंबे समय से चल रही संविदाकर्मियों की मांग पूरी हो जाएगी. झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री मृत्युंजय कुमार झा ने उम्मीद जताई है कि सरकार के इस फैसले से झारखंड के करीब डेढ़ लाख संविदाकर्मियों को लाभ मिलेगा.

देखें पूरी खबर

मुत्युंजय कुमार झा ने कहा कि प्रखंड से लेकर राज्य सचिवालय के विभिन्न विभागों तक में लंबे समय से संविदाकर्मी काम कर रहे हैं. इनकी स्थायीकरण की मांग की सरकार अनदेखी कर रही है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट का भी समय समय पर फैसला आया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री भी घोषणा कर चुके हैं और सरकार ने सर्वे भी कराया था.

इससे उम्मीद है कि गुरुवार यानी 10 नवंबर की कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव जरूर शामिल किया जाएगा. इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार 1932 खतियान आधारित स्थानीयता को लेकर पूर्व में लिए गए फैसले में संशोधन भी कर सकती है.


वर्षों से कार्यरत हैं संविदाकर्मीः बता दें कि झारखंड का सरकारी सिस्टम संविदाकर्मियों के हवाले है. आंकड़ों के अनुसार राज्य में ऐसे कर्मियों की संख्या लाखों में है. समय समय पर मानदेय वृद्धि कर सरकार इनकी सेवा स्थायी करने की मांग को टालती रही है. लेकिन अब ये फैसला चाहते हैं.

झारखण्ड में अनुबंध कर्मचारी
संस्थासंविदाकर्मियों की संख्या
मनरेगा4800
बीआरपी सीआरपी4500
एनआरएचएम60000
डीआरडीए2700
शिक्षा परियोजना2900
यक्ष्मा विभाग 2000
कृषक मित्र 18000
ऊर्जा मित्र 6000
उद्यान मित्र 4500
मत्स्य मित्र 4500
श्रमिक मित्र 2000
आत्माकर्मी 2200
होमगार्ड्स 16000
एसबीएम, पीएचडी 3400
स्वास्थ्य सहिया 4500
रसोइया60000
मॉडल विद्यालय घण्टी आधारित शिक्षक500
समावेशी शिक्षाकर्मी550
14वें वित्त कर्मी 5100
यूनानी आयुर्वेद डॉक्टर 500
कम्प्यूटर आपरेटर290
सहायक पुलिस 10000
तेजस्विनी 45000
जैककर्मी800
श्रमिक विद्यालय 250
पंचायती राज 4500
उद्योग समन्वयक 80000
प्रधान अध्यक्ष शिक्षा समिति 39000

रांची: संविदाकर्मियों को स्थायी करने पर इन दिनों राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. घोषणा के अनुरूप गुरुवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगने की संभावना है, इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में स्थानीयता को लेकर पूर्व में लिए गए निर्णय में संशोधन भी हो सकते हैं.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में 10 नवंबर गुरुवार को कैबिनेट की बैठक होगी. झारखंड मंत्रालय में शाम 4 बजे से होने वाली बैठक में संविदाकर्मियों को स्थायी करने संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लगने की संभावना है. यदि कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिल जाती है तो लंबे समय से चल रही संविदाकर्मियों की मांग पूरी हो जाएगी. झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री मृत्युंजय कुमार झा ने उम्मीद जताई है कि सरकार के इस फैसले से झारखंड के करीब डेढ़ लाख संविदाकर्मियों को लाभ मिलेगा.

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मुत्युंजय कुमार झा ने कहा कि प्रखंड से लेकर राज्य सचिवालय के विभिन्न विभागों तक में लंबे समय से संविदाकर्मी काम कर रहे हैं. इनकी स्थायीकरण की मांग की सरकार अनदेखी कर रही है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट का भी समय समय पर फैसला आया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री भी घोषणा कर चुके हैं और सरकार ने सर्वे भी कराया था.

इससे उम्मीद है कि गुरुवार यानी 10 नवंबर की कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव जरूर शामिल किया जाएगा. इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार 1932 खतियान आधारित स्थानीयता को लेकर पूर्व में लिए गए फैसले में संशोधन भी कर सकती है.


वर्षों से कार्यरत हैं संविदाकर्मीः बता दें कि झारखंड का सरकारी सिस्टम संविदाकर्मियों के हवाले है. आंकड़ों के अनुसार राज्य में ऐसे कर्मियों की संख्या लाखों में है. समय समय पर मानदेय वृद्धि कर सरकार इनकी सेवा स्थायी करने की मांग को टालती रही है. लेकिन अब ये फैसला चाहते हैं.

झारखण्ड में अनुबंध कर्मचारी
संस्थासंविदाकर्मियों की संख्या
मनरेगा4800
बीआरपी सीआरपी4500
एनआरएचएम60000
डीआरडीए2700
शिक्षा परियोजना2900
यक्ष्मा विभाग 2000
कृषक मित्र 18000
ऊर्जा मित्र 6000
उद्यान मित्र 4500
मत्स्य मित्र 4500
श्रमिक मित्र 2000
आत्माकर्मी 2200
होमगार्ड्स 16000
एसबीएम, पीएचडी 3400
स्वास्थ्य सहिया 4500
रसोइया60000
मॉडल विद्यालय घण्टी आधारित शिक्षक500
समावेशी शिक्षाकर्मी550
14वें वित्त कर्मी 5100
यूनानी आयुर्वेद डॉक्टर 500
कम्प्यूटर आपरेटर290
सहायक पुलिस 10000
तेजस्विनी 45000
जैककर्मी800
श्रमिक विद्यालय 250
पंचायती राज 4500
उद्योग समन्वयक 80000
प्रधान अध्यक्ष शिक्षा समिति 39000
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