रांचीः हेमंत सरकार के सेकेंड इनिंग में सत्ता की चाबी बनी मंईयां सम्मान योजना जनवरी आते-आते विभागीय लापरवाही और लालफीताशाही के कारण हांफने लगी है. क्योंकि पैसे तो हैं, लेकिन लाभुकों के चयन में जल्दबाजी अगली किस्त जारी होने के रास्ते में रोड़ा बनकर खड़ी हो गई है. लाभुकों को जनवरी माह की किस्त का बेसब्री से इंतजार है. ऊपर से नयी आवेदक भी पहली किस्त की राह ताक रही हैं. लेकिन प्रखंड और अंचल स्तर पर चल रही कवायद बता रही है कि जनवरी माह के 2500 रुपये के लिए लाभुकों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है. सूत्रों के मुताबिक फरवरी माह में भी पैसे मिल जाएं तो बड़ी बात होगी. अब सवाल है कि फंड होने के बावजूद जनवरी माह की किस्त जारी करने में विलंब क्यों हो रहा है.
व्यापक स्तर पर हुई है गड़बड़ी
दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रखंड और शहरी क्षेत्रों के लिए अंचल कार्यालय स्तर से मंईयां योजना की लाभुकों का भौतिक सत्यापन हो रहा है. जांच के क्रम में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी सामने आ रही है. सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ ले रहीं कई महिलाएं 'मंईयां सम्मान योजना' का भी लाभ ले रहीं हैं. कई लाभुक तो एक से अधिक जिलों में फॉर्म भरकर लाभ उठा रही हैं.इसके अलावा वैसे लोग भी चिन्हित किए गये हैं जो इस योजना का लाभ लेने के पात्र हैं ही नहीं. सूत्रों का कहना है कि अगस्त 2024 में जब योजना के तहत 1000 रुपये की पहली किस्त देने की तैयारी चल रही थी, उस वक्त सत्यापन को ज्यादा तवज्जो नहीं दिया जा रहा था. इसी का नतीजा है कि आज तरह-तरह की धांधली सामने आ रही है.
अयोग्य लाभुकों से होगी पैसे की वसूली
खास बात है कि अगस्त और सितंबर माह की किस्त जारी होते ही विभाग को गड़बड़ी की जानकारी मिल गई थी. इसको लेकर 29 नवंबर 2024 को महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अपर सचिव के हवाले से निदेशक, सामाजिक सुरक्षा निदेशालय को पहला पत्र जारी हुआ था. इसके जरिए अयोग्य लाभुकों का नाम सूची से हटाने की जरूरत पर बल दिया गया था. फिर 3 दिसंबर 2024 को निदेशक, सामाजिक सुरक्षा निदेशालय ने सभी उपायुक्तों को पत्र जारी कर गड़बड़ी की आशंका जतायी थी. उन्होंने एक माह के भीतर अयोग्य लाभुकों को चिन्हित करने के साथ साथ भुगतान की गई सम्मान राशि की वसूली की कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा था.
अधिकारियों की चुप्पी है सस्पेंस का कारण
आपको जानकर हैरानी होगी कि महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस सब्जेक्ट पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. जिला स्तर पर सामाजिक सुरक्षा कोषांग को किस्त जारी करने के लिए अभी तक विभागीय निर्देश नहीं मिला है. दरअसल, आधिकारिक रूप से दिसंबर माह की 2500 रुपये
की किस्त 6 जनवरी 2025 को ही जारी हुई है. अब भौतिक सत्यापन को पहली प्राथमिकता दी जा रही है. क्योंकि गड़बड़ियों की वजह से लाभुकों के बीच भ्रम वाली स्थिति है. इसलिए कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा अपात्र लाभुकों का नाम हटाकर योग्य लाभुकों को सूची में जोड़ा जा सके. सबसे खास बात है कि विभागीय अधिकारी अपने पत्रों के माध्यम से आधार लिंक्ड सिंगल बैंक खाता से भुगतान सुनिश्चित कराने की बात कर रहे हैं. जबकि मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के पोर्टल में ऐसा करने की सुविधा है ही नहीं.
2500 रुपये की पहली किस्त कब और कैसे मिली
दरअसल, दिसंबर माह से मंईयां योजना की राशि 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति माह की गई थी. बढ़ी हुई पहली किस्त जारी करने की प्रक्रिया 26 दिसंबर से शुरु हो गई थी क्योंकि 28 दिसंबर को रांची में कार्यक्रम आयोजित कर सीएम हेमंत सोरेन को लाभुकों के प्रति आभार जताना था. लेकिन पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन की वजह से कार्यक्रम टालना पड़ा. लिहाजा, 6 जनवरी 2025 को कार्यक्रम आयोजित कर दिसंबर माह की किस्त लाभुकों के खाते में ट्रांसफर की गई. हालांकि 26 दिसंबर से 28 दिसंबर के बीच बड़ी संख्या में लाभुकों के खाते में राशि जा चुकी थी.
गौर करने वाली बात है कि 6 जनवरी 2025 को 56 लाख 61 हजार 791 लाभुकों के खाते में सीएम ने 2500 रुपये की पहली किस्त जारी की थी. तब से अब तक 10 लाख से ज्यादा नए आवेदन आ चुके हैं. व्यापक स्तर अयोग्य लाभुकों द्वारा लाभ लेने की वजह से भौतिक सत्यापन सुनिश्चित सबसे बड़ी चुनौती बन गई है.सूत्रों का कहना है कि 15 फरवरी तक भी जनवरी की किस्त जारी करने का आदेश आता है तो ये बड़ी बात होगी.
ये भी पढ़ें-